जम्मू-कश्मीर में NIA की ताबड़तोड़ कार्रवाई, 16 ठिकानों पर छापेमारी

IED की बरामदगी और वाॅयस ऑफ हिंद मैगजीन के प्रकाशन को लेकर यह छापेमारी की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक अनंतनाग, बारामूला, श्रीनगर और कुलगाम में ही 9 स्थानों पर छापेमारी हुई।

 
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने रविवार को जम्मू कश्मीर में 16 जगहों पर छापेमारी की। IED की बरामदगी और वाॅयस ऑफ हिंद मैगजीन के प्रकाशन को लेकर यह छापेमारी की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक अनंतनाग, बारामूला, श्रीनगर और कुलगाम में ही 9 स्थानों पर छापेमारी हुई। टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) के कमांडर सज्जाद गुल के घर पर भी एनआईए की टीम छापेमारी के लिए पहुंची है। एनआईए की इस कार्रवाई में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और जम्मू-कश्मीर पुलिस भी शामिल है।

 

 एनआईए ने हासन रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी के ड्राइवर आरीपोरा जेवान के नईम अहमद भट के घर, बागी नंद सिंह चट्टाबल में मुश्ताक अहमद डार के घर पर छापेमारी करते हुए उनके पास से पांच मोबाइल जब्त किए गए हैं। इसके अलावा सोलीना पाईन के सुहैल अहमद भट, पीएस शेरगढ़ी के घर छापेमारी की गई। साथ ही बहाउद्दीन साहब नौहट्टा को ताहिर अहमद नजर के आवास से हिरासत में लिया। इनके पास से लैपटॉप और एक मोबाइल जब्त किया है। Read Also :यूपी में बिजली संकट: कोयले की कमी से बंद हुए 8 पावर प्लांट; त्योहारी सीजन में पूरे प्रदेश में छा सकता है अंधेरा

 

NIA ने क्यों की छापेमारी

इस मामले को 29 जून को दर्ज किया गया था। आरोप था कि आतंकी संगठन IS वायस ऑफ हिंद के जरिए देश में जेहाद शुरू करने के लिए युवाओं को कट्टरता और चरमपंथ की ओर ढकेल रहा है। इस मामले में NIA ने 11 जुलाई को भी छापेमारी कर तीन आरोपियों उमर निसार, रमीज अहम लोन और तनवीर अहमद भट को गिरफ्तार किया था। इसी मामले में टीम ने कर्नाटक में भी छापेमारी की थी।

 

बता दें कि 2020 फरवरी से वॉयर ऑफ हिंद नाम की इस ऑनलाइन पत्रिका को प्रकाशित किया जा रहा है। इस ऑनलाइन मैग्जीन के जरिये कश्मीर घाटी के मुस्लिम युवाओं को नफरत और कट्‌टरपंथ का पाठ पढ़ाया जा रहा है ताकि वे भारत के खिलाफ हिंसक जिहाद छेड़ दें। इसके अलावा घाटी के मुस्लिम युवकों को आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) में भर्ती करने की मुहिम भी चल रही है। इस ऑनलाइन पत्रिका को अलग-अलग वीपीएन के जरिये ऑपरेट किया जाता है जिसके कारण जिहादी लंबे समय से जांच एजेंसी को चकमा दे रहे थे। 

 

एनआईए के मुताबिक आईएस के कई कैडर भारत में काम कर रहे हैं। इनका काम देश में अपना नेटवर्क तैयार कर जिहाद शुरू करना है। वॉयस ऑफ हिंदी को अलग-अलग दक्षिण भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेट करने का काम मास्टरमाइंड अबु हाजिर अल बदरी है। जबकि 6 अगस्त को इस मामले में एनआईए जुफ्री जावहर दामुदी को कर्नाटक से गिरफ्तार कर चुकी है। दामुदी अदनान हसन दामुदी का भाई है। अदनान को 2016 में गिरफ्तार किया गया था। जुफ्री के संबंध आईएस के अफगानिस्तान और पाकिस्तान में बैठे आकाओं से हैं। जुफ्री की गिरफ्तारी के बाद ही एनआईए की कार्रवाई तेज हो गई है।