चुनाव प्रचार के आखिरी दिन बस में सवार हुए राहुल गांधी, छात्रों और महिलाओं से की बात

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (BMTC) की बस में यात्रा की और कॉलेज की छात्राओं और कामकाजी महिलाओं से बातचीत की।
 
कर्नाटक में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कॉलेज की छात्राओं और कामकाजी महिलाओं के साथ बस में सफर किया. 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रचार के अंतिम चरण में लोगों तक पहुंचने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं. वे कनिंघम रोड स्थित 'कैफे कॉफी डे' पर रुके और कॉफी पी।READ ALSO:-WhatsApp Scam : व्हाट्सएप (WhatsApp) पर आये अंतरराष्ट्रीय International) नंबर से कॉल? इस के लिए तुरंत करो ये काम....


इस दौरान उन्होंने बीएमटीसी बस स्टॉप के पास कॉलेज की छात्राओं व कामकाजी महिलाओं से बातचीत की। पार्टी नेताओं ने बताया कि इसके बाद उन्होंने बीएमटीसी बस से यात्रा की और महिला यात्रियों से बातचीत कर उनके विचार जाने.

 

उन्होंने कहा, "उन्होंने आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों की कांग्रेस की गारंटी, गृहलक्ष्मी योजना (Rs 2,000 Per Month For The Female Head Of The Household) और बीएमटीसी और केएसआरटीसी (Karnataka State Road Transport Corporation) बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा शामिल है।" कई विषयों पर खुलकर चर्चा की।

 

महिलाओं ने उन्हें परिवहन की समस्या और बढ़ती कीमतों के उनके बजट पर प्रभाव के बारे में बताया। इसके बाद राहुल गांधी लिंगराजपुरम बस से उतरे जहां उन्होंने एक बार फिर बस स्टॉप पर महिलाओं से बात की।

 

कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जारी प्रचार अभियान का शोर सोमवार शाम यानी आज थम जाएगा. कर्नाटक में बीजेपी फिर से सत्ता में वापसी के लिए संघर्ष कर रही है। वहीं, कांग्रेस उन्हें हराने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रही है।

 

इधर, राज्य की तीसरी सबसे बड़ी ताकत बन चुकी जनता दल (Secular) ने भी मतदाताओं को लुभाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इन राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता पिछले कुछ दिनों से राज्य के विभिन्न हिस्सों के तूफानी दौरे पर हैं।

 

2008 के विधानसभा चुनावों और 2018 के विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद, भाजपा को राज्य में अपने दम पर सरकार बनाने में मुश्किल हुई। हालांकि, इस बार पार्टी स्पष्ट जनादेश की उम्मीद कर रही है। पार्टी ने कम से कम 150 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। कांग्रेस पार्टी ने भी 150 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।