Pune: 14 साल की लड़की से 13 दरिदों ने 48 घंटे तक गैंगरेप किया, स्टेशन पर छोड़ा तो वहां भी एक हैवान ने की दरिंदगी

Pune में एक 14 साल की बच्ची का अपहरण कर 48 घंटे तक 13 दरिंदों ने दुष्कर्म किया। हैवान उसे 5 अलग-अलग जगह पर ले गए और 48 घंटे तक उसके साथ दरिंदगी करते रहे
 
A group of monsters raped a minor in Pune : महाराष्ट्र के पुणे में दिल को झकझोर देने वाली वारदात सामने आई है। यहां एक 14 साल की बच्ची का अपहरण कर 48 घंटे तक 13 दरिंदों ने दुष्कर्म किया। हैवान उसे 5 अलग-अलग जगह पर ले गए और 48 घंटे तक उसके साथ दरिंदगी करते रहे (a group of men kidnapped and gang-raped a 13-year-old girl for two days at multiple locations)। बाद में आरोपियों ने उसे पुणे से मुंबई भेज दिया और यहां दादर रेलवे स्टेशन पर एक रेलकर्मी को सौंपकर चले गए, इस राक्षस ने भी बच्ची (The minor victim) के साथ हैवानियात की और फिर अपने दोस्त को बुलाकर उसके हवाले कर दिया जो उसे चंडीगढ़ ले गया। यहां जब जीआरपी के लोगों ने उन्हें देखा तो उन्हें शक हुआ और फिर चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया।  

 

 

11 ऑटो ड्राइवर हैं और सरकारी चतुर्थ श्रेणी के दो कर्मचारी हैं आरोपी

हैवानियत को अंजाम अंजाम देने वालों में 11 ऑटो ड्राइवर हैं, जबकि दो सरकारी चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी। पुणे पुलिस ने घटना में शामल अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें बच्ची का एक दोस्त भी शामिल है।
चाइल्ड लाईन की डारेक्टर संगीता जंड ने बताया कि पूछताछ में बच्ची ने बताया कि...

 

मैं पुणे की रहने वाली हूं और 31 अगस्त की रात को मां-बाप को बिना बताए अपने देस्त से मिलने निकली थी। मैं पुणे रेलवे स्टेशन Pune (railway station) पर दोस्त का इंतजार कर रही थी, लेकिन वह मिलने नहीं आया। इसी बीच एक ऑटो ड्राइवर ने मुझसे दुखी होने की वजह पूछी। इसके बाद आरोपी बोला- स्टेशन से बाहर चलिए, मैं आपको आपके दोस्त से मिलवा देता हूं। वह उसके झांसे में आ गई। वह रिक्शा में सवार हो गई। इस दौरान ड्राइवर ने पानी में नशीली दवा मिलाकर उसे पीने को दिया। इसके बाद वह बेसुध हो गई।

 

एक शख्स जाता और दूसरा शख्स कमरे में आता और मेरे साथ दरिंदगी करता
ऑटो ड्राइवर मुझे लेकर एक कमरे में गया। उसने मेरा रेप किया। दरिंदे ने इसके बाद अपने 12 दोस्तों को फोनकर बुलाया। जहां सभी ने बारी-बारी से गैंगरेप किया। आरोपियों ने मेरे तन से सारे कपड़े उतार दिए। मैं लगातार चिल्लाती रहीं उनके आगे हाथ जोड़ती रही, लेकिन आरोपियों ने मुझे बिना कपड़े के कमरे में बंद रखा था। एक शख्स जाता और दूसरा शख्स कमरे में आता और मेरे साथ दरिंदगी करता। भैया..छोड़ दो, मैं मर जाऊंगी, लेकिन हैवानों ने एक ना सुनी। विरोध करती तो मारते।

 

दो दिन तक मुझ नोचते रहे, न खाने को दिया न कपड़े दिए
दो दिन तक मेरे साथ उन्होंने जानवरों की तरह सलूक किया और मुझे न खाने को दिया न कपड़े दिए। मैं भूखे पेट तड़पती रही और आरोपी मेरे शरीर को नोचते रहे। मैं लगातार कपड़े और खाने की मांग कर रही थी, लेकिन किसी को रहम नहीं आया। रेप के बाद आरोपी मुझे धमका भी रहे थे कि अगर बाहर जाने के बाद किसी को कुछ बताया तो मुझे और मेरे परिवार को जान से मार डालेंगे। जब मेरी तबीयत बिगड़ गई तो एक आरोपी ने मुझे मुंबई के दादर पहुंचाया और रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर पर तैनात एक रेलकर्मी को सौंप दिया। मुझे लगा था कि वो मेरी मदद करेगा, लेकिन उसने भी कमरे में ले जाकर मेरे साथ हैवानियत की।  दुष्कर्म के बाद रेलकर्मी ने अपने एक दोस्त को बुलाकर उसे सौंप दिया। फिर वह मुझको लेकर एक ट्रेन से मंगलवार को चंडीगढ़ स्टेशन पहुंचा। कुछ लोगों ने जब मेरी हालत देखी तो उन्हें शक हुआ और जीआरपी को इसकी सूचना दी। पूछताछ के बाद चाइल्ड हेल्प लाइन को बुलाया गया।

 

चाइल्ड लाईन की डारेक्टर संगीता जंड के मुताबिक शुरू में तो उन्हें लगा कि बच्ची घर से भागी है, लेकिन जब बच्ची ने अपने साथ हुई हैवानियत की कहानी बयां की तो उन्होंने पुणे पुलिस से संपर्क किया। पुणे पुलिस से पता चला कि वहां पर लड़की की गुमशुदा होने का मामला दर्ज किया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुणे पुलिस की टीम हवाई मार्ग से आकर नाबालिग लड़की को अपने साथ मुंबई लेकर गई।

 

परिजनों को अगली सुबह मिली बच्ची के गायब होने की जानकारी

पिता ने बताया कि घर से जाने की अगली सुबह उन्हें पता चला कि वह घर पर नहीं है। बच्ची के मोबाइल पर फोन मिलाया गया, लेकिन वह बंद था। इसके बाद वे वानवडी पुलिस स्टेशन पहुंचे और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। मामले की जांच शुरू हुई और कुछ घंटे के प्रयास और रेलवे स्टेशन के बाहर लगे CCTV फुटेज की जांच के बाद यह स्पष्ट हो गया कि बच्ची का अपहरण यहीं से हुआ है। नम्रता पाटिल ने बताया कि सबसे पहले बच्ची एक ऑटोरिक्शा में बैठते हुए नजर आई।

 

जरा सी आवाज से डर जाती, किसी पुरुष को पास नहीं आने देती

बच्ची के पिता ने बताया कि उसकी तबीयत खराब है। वह अस्पताल में भर्ती है। वह इतनी डरी हुई है कि ना तो कुछ खा रही है और ना ही किसी से बात करती है। वह अपने साथ हुई उस दरिंदगी को नहीं भूल पा रही। जरा सी आवाज आने पर डर जाती है। कोई पुरुष पास दिखे तो वह चौंक जाती है। अस्पताल में भी वो एक कोने में बैठी रहती है, कोई हलचल तक नहीं करती। एक कोने में बैठ कर सिर्फ रोती रहती है। वह बयान लेने वाले पुलिसकर्मियों से भी सही ढंग से बात नहीं कर पा रही है। माता-पिता का कहना है कि जिन्होंने हमारी बच्ची की ऐसी हालत की है उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। हमें कानून पर पूरा भरोसा है कि हमारी बेटी को इंसाफ मिलेगा।

 

पुलिस ने ऐसे सभी आरोपियों को पकड़ा

मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी DCP नम्रता पाटिल ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने पुणे रेलवे स्टेशन के बाहर और अंदर लगे 100 से ज्यादा CCTV कैमरों को कई घंटे तक खंगाले। एक कैमरे में लड़की की तस्वीर और ऑटो का नंबर मिला। पुणे रेलवे स्टेशन के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पहले आरोपी ऑटो ड्राइवर को पकड़ा गया। पूछताछ के बाद बाकी आरोपियों को दबोचा गया। मशक कन्याल (27), अकबर शेख (32), अजरुद्दीन अंसारी (27), नोएल खान (24), आसिफ पठान (36), प्रशांत गायकवाड़ (29), रफीक शेख (32), राजकुमार प्रसाद (29), गोलू (19) और चार अन्य को गिरफ्तार किया गया है। सभी 14 आरोपियों को अदालत में पेश कर दिया गया। अदालत ने उन्हें 10 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। DCP पाटिल का कहना है कि हम लॉज के मालिक की भूमिका की जांच भी कर रहे हैं।

 

पुणे में अलग-अलग जगहों पर हुआ रेप

ऑटो ड्राइवर ने बच्ची का अपहरण किया और एक सुनसान जगह ले जाकर उसके साथ रेप किया। इसके बाद उसने अपने एक दोस्त को बुलाया और नाबालिग को उसे सौंप दिया। इसके बाद लड़की को एक होटल में ले जाकर तीन अन्य लोगों ने उसके साथ बारी-बारी से रेप किया। अगले दिन भी इसी होटल में चार और लोगों ने पीड़िता को अपनी हवस का शिकार बनाया। फिर आरोपी लड़की को लेकर एक रूम में गए और वहां भी कई बार उसके साथ रेप किया। 12 आरोपियों ने लड़की से साथ पुणे के विश्रांतवाड़ी, विमान नगर, कोंढवा और कुछ अन्य स्थानों पर रेप किया। इसके बाद मुंबई में दादरी रेलवे स्टेशन के रेलकर्मी ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया।