PM Vishwakarma Scheme : ऐसे बदलेगी देश में धोबी, दर्जी, कुम्हार और मजदूरों की किस्मत, सस्ता लोन, ट्रेनिंग और हर रोज मिलेंगे 500 रुपये

देश का ददर्जी,धोबी, कुम्हार, मूर्तिकार, शिल्पकार सहित कोई भी कारीगर जो अपने हाथ के हुनर से कमाई करता है। सरकार ने इन 30 लाख कारीगरों की किस्मत बदलने के लिए पीप्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना शुरू की है। इस योजना के तहत सस्ता लोन, ट्रेनिंग और कई अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। 
 
15 अगस्त को देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश के कारीगरों के लिए विश्वकर्मा योजना की घोषणा की थी। 16 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी भी दे दी गई। माना जा रहा है कि इस योजना से देश के 30 लाख कारीगरों को फायदा होगा। उन्हें इस योजना के तहत 1 लाख रुपये तक का लोन सिर्फ 5 फीसदी ब्याज पर मिलेगा। आख़िर ये योजना क्या है? इसका लाभ किसे और कैसे मिलेगा। आइये समझते हैं। READ ALSO:-अब बाइक और स्कूटर को EV में भी बदला जा सकेगा, GoGoA1 का RTO-अनुमोदित EV रेट्रोफिटमेंट किट लॉन्च, फुल चार्ज पर 151km तक की रेंज....

 

दरअसल, इस योजना की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023 के बजट में की थी. सरकार ने बजट में कहा था कि इस योजना पर सरकार 13 से 15 हजार रुपये खर्च करेगी। इसे 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा पूजा के दिन लॉन्च किया जाएगा।

 

इस योजना का लाभ किसे मिलेगा
विश्वकर्मा योजना का लाभ देश के 30 लाख कारीगरों को मिलेगा। इसमें बढ़ई, कुम्हार, सुनार, मूर्तिकार समेत वे सभी लोग शामिल होंगे जो कारीगरी का काम करते हैं। इस योजना का उद्देश्य कारीगरों के साथ-साथ अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, ओबीसी सहित देश के कमजोर वर्गों को लाभ पहुंचाना है। देश में इन जातियों का एक बड़ा वर्ग कारीगरों का काम करके अपना जीवन यापन करता है। लेकिन पैसों की कमी के कारण उनका काम छोटे हिस्से तक ही सीमित रह जाता है। सरकार की कोशिश है कि उन्हें सस्ते दर पर लोन मिल सके ताकि वे अपना काम बढ़ा सकें। 

 

कितना होगा फायदा
इस योजना के तहत देश के कारीगरों को 1 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाएगा। इस लोन पर 5 फीसदी ब्याज देना होगा। पहले चरण के तहत देश के कारीगरों को 1 लाख रुपये का लोन मिलेगा। वहीं, इसके दूसरे चरण में भी कारीगर 1 लाख रुपये के अतिरिक्त लोन का लाभ उठा सकते हैं। लेकिन शर्त ये है कि एक बार में सिर्फ एक लाख रुपये का ही लोन मिलेगा। सरकार का मानना है कि चाहे वह चाबी बनाने वाला हो या धोबी या कुम्हार, इनका रोल देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में इनकी भूमिका अहम है। उनके काम को आगे बढ़ाने के मकसद से सरकार ने इस योजना को हरी झंडी दे दी है। 

 

कैसे मिलेगा इस का लाभ
इस योजना के तहत सरकार कारीगरों और शिल्पकारों के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड जारी करेगी। इसका मकसद उनके काम को एक अलग पहचान दिलाना है। इस कार्ड और सर्टिफिकेट के जरिए देश के कारीगरों और शिल्पकारों को अपनी पहचान बनाने में मदद मिलेगी। इस योजना के माध्यम से सरकार देश के कारीगरों के कौशल को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता भी प्रदान करेगी।

 

सरकार इसके लिए ट्रेनिंग भी देगी
एक तरफ जहां इस योजना के तहत सरकार 1 लाख रुपये का सस्ता लोन जरूर देगी। वहीं अन्य कौशल विकसित करने के लिए सरकार कारीगरों को प्रशिक्षण भी देगी। इसमें बुनियादी और उन्नत प्रशिक्षण शामिल होगा। प्रशिक्षण के दौरान सफल अभ्यर्थियों को सरकार 500 रुपये प्रतिदिन वजीफा के तौर पर भी मदद करेगी। यह राशि प्रशिक्षण अवधि के दौरान ही दी जायेगी।