CM योगी के UP में 2020 में महिलाओं पर हुए सबसे ज्यादा अपराध, बलात्कार में नंबर 2 और हत्याओं व अपहरण में यूपी है नंबर 1

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने बुधवार को 2020 में हुए अपराधों का डेटा जारी किया है। इसके मुताबिक 2020 में हर रोज औसतन 80 मर्डर हुए। सबसे ज्यादा हत्या के मामले उत्तर प्रदेश में आए। 

 
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (NCRB 2020) ने 2020 में देश में हुए अपराधों पर रिपोर्ट जारी कर दी है। वर्ष 2020 के दौरान अपराध के मामलों में 2019 की तुलना में 28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में कमी आई है। दुष्कर्म के मामले भी सालभर पहले की तुलना में कुछ कम हुए हैं। अपहरण की घटनाओं में भी कमी आई।

 

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 2020 में विभिन्न अपराधों के कुल 66,01,285 मामले दर्ज हुए। इनमें 42,54,356 मामले भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) से संबंधित और 23,46,929 मामले स्पेशल एंड लोकल लाज (एसएलएल) से संबंधित थे। 2019 में 51,56,158 मामले दर्ज किए गए थे, यानि 2020 में 2019 के मुकाबले 14,45,127 मामले ज्यादा दर्ज किए गए हैं।

 

हत्या के मामलों में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर 
देश में 2020 में प्रतिदिन औसतन 80 हत्याएं हुईं और कुल 29,193 लोगों का कत्ल किया गया। सबसे ज्यादा 10,404 लोगों की हत्याएं आपसी विवाद की वजह से हुईं, वहीं 4,034 हत्याएं पुरानी दुश्मनी की वजह से हुईं। इस मामले में राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। आंकड़ों के अनुसार, 2020 में उत्तर प्रदेश में हत्या के 3779 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद बिहार में हत्या के 3,150, महाराष्ट्र में 2,163, मध्य प्रदेश में 2,101 और पश्चिम बंगाल में 1,948 मामले दर्ज किए गए। दिल्ली में 2020 में हत्या के 472 मामले दर्ज किए गए। पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी समेत पूरे भारत में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लगाया गया था। वहीं, अपहरण की सबसे ज्यादा वारदात भी उत्तर प्रदेश में हुईं। 

 

रोजाना दर्ज हुए दुष्कर्म के 77 मामले
देशभर में रोजाना औसतन 77 मामलों के साथ 2020 में दुष्कर्म के कुल 28,046 मामले दर्ज हुए। इनमें पीड़िताओं की संख्या 28,153 थी। 25,498 वयस्क और 2,655 बच्चियां 18 साल से कम उम्र की थीं। 2019 में 32,033 मामले, 2018 में 33,356 मामले और 2017 में 32,559 मामले दर्ज किए गए थे।

 

महिलाओं पर पति और ससुराल वालों ने किया सबसे ज्यादा अपराध
देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,71,503 मामले दर्ज हुए। जो 2019 के 4,05,326 मामलों के मुकाबले 8.3% कम थे। इनमें सबसे ज्यादा 30% मामले पति और उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता करने के थे। वहीं 23% मामले शील भंग करने के इरादे से महिलाओं पर हमला करने के थे। 16.8% मामले किडनैपिंग के तो 7.5% मामले रेप के थे।

 

अपहरण के मामलों में 19 प्रतिशत की कमी 
2019 की तुलना में पिछले साल अपहरण की घटनाओं में 19 प्रतिशत गिरावट देखी गई। 2019 में 1,05,036 एफआईआर हुई थीं जबकि 2020 में अपहरण के कुल 84,805 मामले दर्ज हुए। इनमें पीड़ितों की संख्या 88,590 थी। इनमें 56,591 बच्चे थे। 2019 में अपहरण के 1,05,036 मामले दर्ज हुए थे। एनसीआरबी के आंकड़ें बताते हैं कि 2020 में अपहरण के सबसे ज्यादा 12,913 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 9,309, महाराष्ट्र में 8,103, बिहार में 7,889, मध्य प्रदेश में 7,320 मामले दर्ज किए गए। आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में अपहरण के 4,062 मामले दर्ज किए गए हैं। 

 

बच्चों के खिलाफ अपराध में आई कमी
बच्चों के खिलाफ अपराध के देश में 1,28,531 मामले दर्ज हुए। जो 2019 के मुकाबले 13.2% कम हैं। बच्चों खिलाफ होने वाले अपराधों में सबसे ज्यादा 42.6% मामले किडनैपिंग के हैं। बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा मामले भी 38.8% दर्ज हुए।

 

इंटरनेट की दुनिया में बढ़ रहे अपराध
 एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2020 में साइबर अपराधों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। पिछले साल साइबर क्राइम के 50,035 मामले दर्ज हुए। इनमें 30,142 मामले धोखाधड़ी से जुड़े थे। साल 2019 में 44,735 और 2018 में 27,248 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए थे। इंटरनेट मीडिया पर फेक न्यूज के 578 मामले दर्ज कराए गए।