मोनू मानेसर को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया, करीब 8 महीने से था फरार; भिवानी में नासिर और जुनैद को जिंदा जलाने का आरोप

जुनैद-नासिर हत्याकांड में मोनू मानेसर को आज हरियाणा के गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया और फिर राजस्थान पुलिस को सौंप दिया गया। मोनू मानेसर करीब 6 महीने से फरार था। उसकी तलाश में हरियाणा पुलिस और राजस्थान पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी भी की थी। 
 
हरियाणा पुलिस ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट के मामले में स्वघोषित गौरक्षक मोनू मानेसर को गिरफ्तार किया है। मोनू मानेसर को आज दोपहर दिल्ली से सटे गुरुग्राम से आईटी एक्ट की जमानती धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया। नूंह के सीआईए स्टाफ ने मोनू को हिरासत में लेकर राजस्थान पुलिस को सौंप दिया है। मोनू मानेसर नूंह ब्रज मंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा के बाद सुर्खियों में आया था। READ ALSO:-उत्तर प्रदेश में बारिश से हाहाकार! 19 मौतें, 72 घंटे का अलर्ट, मुख्यमंत्री योगी कैबिनेट बैठक में करेंगे चर्चा

 

बताया जा रहा है कि मोनू मानेसर से पूछताछ के बाद उन राज्यों की पुलिस को जानकारी दी जाएगी जहां वह वांछित है और जरूरत के मुताबिक मोनू को हिरासत में लिया जाएगा। 

 

 

नासिर और जुनैद की हत्या का मुख्य साजिशकर्ता है मोनू- राजस्थान पुलिस
जुनैद-नासिर हत्याकांड के बाद हरियाणा और राजस्थान पुलिस ने मोनू मानेसर के घर और उसके कई ठिकानों पर उसकी तलाश में छापेमारी की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला।  राजस्थान पुलिस के मुताबिक वह नासिर और जुनैद की हत्या का मुख्य साजिशकर्ता है। 

 

हरियाणा में भिवानी के लोहारू में जलती हुई बोलेरो से दो कंकाल बरामद हुए। उनकी पहचान 25 वर्षीय नासिर और 35 वर्षीय जुनैद के रूप में हुई। ये दोनों राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले थे। इस हत्या के बाद जुनैद और नासिर के परिजनों ने आरोप लगाया कि बजरंग दल के लोगों ने पहले दोनों का अपहरण किया और फिर उनकी हत्या कर दी। ये सभी गौरक्षक हैं। 

 

बताया जा रहा है कि ये मामला गौ तस्करी से जुड़ा है। हालाँकि, अभी तक ठोस सबूत सामने नहीं आए हैं और जांच जारी है। हरियाणा के पटौदी में हुए दंगे के मामले में मोनू मानेसर के खिलाफ हत्या के प्रयास और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।