Modi surname case - राहुल की 2 साल की सजा बरकरार, गुजरात हाई कोर्ट ने सूरत कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा, जानें राहुल की सजा बरकरार रखते हुए क्या-क्या कहा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी उपनाम का उपयोग करने वाली उनकी टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया गया था। उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई, जिसके बाद उन्होंने संसद की सदस्यता खो दी। इस सजा को गुजरात हाई कोर्ट ने बरकरार रखा है। 
 
गुजरात उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मोदी उपनाम मामले में राहुल गांधी की दो साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा- इस केस के अलावा राहुल के खिलाफ कम से कम 10 केस पेंडिंग हैं। ऐसे में सूरत कोर्ट के फैसले में दखल देने की जरूरत नहीं है। READ ALSO:-काम की खबर: अब कुंवारे लड़के और लड़कियां को भी मिलेगी पेंशन, जानिए आप कैसे उठा सकते हैं फायदा

 

गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने कहा कि हम अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। 23 मार्च 2023 को सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई। हालांकि, इस फैसले के 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई। अगले दिन 24 मार्च को राहुल की सांसदी भी चली गई थी

 

 

 

इस केस से जुड़े महत्वपूर्ण अपडेट
  • याचिकाकर्ता बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने कहा कि हम हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। 
  • फैसले के बाद दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय पर नारे लगाए गए। दोपहर 3 बजे अभिषेक मनु सिंघवी की प्रेस कॉन्फ्रेंस। 

 

राहुल ने 2019 में मोदी सरनेम को लेकर दिया था बयान...
2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक विधानसभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था. कहा गया- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? इसके बाद गुजरात के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। 

 

राहुल को 2 साल की सजा हुई, फिर संसद सदस्यता रद्द कर दी गई
24 मार्च को दोपहर करीब 2.30 बजे राहुल की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई। वह केरल के वायनाड से लोकसभा के सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय ने एक पत्र जारी कर इसकी जानकारी दी थी। लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल गांधी का नाम हटा दिया गया था। 

 

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि निचली अदालत में दोषी ठहराए जाने की तारीख से कोई भी सांसद या विधायक संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाएगा। 
कोर्ट ने यह आदेश लिली थॉमस बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मामले में दिया था। इससे पहले कोर्ट के अंतिम फैसले तक विधायक या सांसद की सदस्यता खत्म नहीं करने का प्रावधान था। 

 

राहुल गांधी पर 4 और मानहानि के केस चल रहे हैं, जिन पर फैसला आना बाकी है। 
  • 2014 में राहुल गांधी ने संघ पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया था। एक यूनियन कार्यकर्ता ने राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज कराया था। ये मामला महाराष्ट्र की भिवंडी कोर्ट में चल रहा है। 
  • 2016 में असम के गुवाहाटी में राहुल गांधी के खिलाफ धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का मामला दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता के मुताबिक, राहुल गांधी ने कहा था कि संघ के सदस्यों ने उन्हें 16वीं सदी के वैष्णव मठ बारपेटा सत्र में प्रवेश नहीं करने दिया। असम। इससे संघ की छवि को नुकसान पहुंचा है। यह मामला भी कोर्ट में विचाराधीन है।
  • 2018 में राहुल गांधी के खिलाफ झारखंड की राजधानी रांची में एक और मामला दर्ज किया गया था। यह मामला रांची के अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में चल रहा है।  राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत 20 करोड़ रुपये की मानहानि का मामला दर्ज किया गया है। इसमें राहुल के उस बयान पर आपत्ति जताई गई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'मोदी चोर है'. 
  • 2018 में ही राहुल गांधी के खिलाफ महाराष्ट्र में एक और मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। यह मामला मझगांव स्थित शिवडी कोर्ट में चल रहा है। आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का मामला दर्ज किया गया है। मामला संघ के कार्यकर्ता ने दर्ज कराया था। राहुल पर गौरी लंकेश की हत्या को बीजेपी और संघ की विचारधारा से जोड़ने का आरोप है। 

 

24 मार्च को संसद सदस्यता रद्द होने के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि वह भारत की आवाज के लिए लड़ रहे हैं। और कोई भी कीमत चुकाने को तैयार।