Marital Rape In New Law : पत्नी से दुष्कर्म...1 जुलाई से बदल जाएंगे ये नियम, जबरदस्ती की तो जाना पड़ेगा जेल

पति पर अक्सर पत्नी की सहमति के बिना शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगता है। कई मामले कोर्ट में भी जाते हैं। अभी तक इसे लेकर काफी असमंजस की स्थिति थी। लेकिन अब नए कानून में इस बात को काफी हद तक स्पष्ट कर दिया गया है। आइए जानते हैं। क्या है नए कानून में:-
 
वैवाहिक बलात्कार के नए मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। कभी पुरुष साथी की कमी होती है तो कभी महिला साथी की। जब मामले कोर्ट में जाते हैं तो कई बार फैसले को लेकर काफी असमंजस की स्थिति रहती है। लेकिन 1 जुलाई से ऐसा नहीं होगा। सरकार ने तय कर दिया है कि वैवाहिक बलात्कार क्या माना जाएगा और क्या नहीं। साथ ही इस मामले में क्या और कितनी सजा दी जाएगी, यह भी तय कर दिया है।READ ALSO:-UP : पत्नी निकली मुस्लिम, पहले भी हो चुकी थी शादी; 13 साल बाद मिले कागज से खुला राज, हिंदू पति ने थाने में दर्ज कराया केस

 

नए कानून में तय की गई सजा
सरकार ने 1 जुलाई से लागू होने जा रहे नए भारतीय न्याय संहिता (BNS) में वैवाहिक बलात्कार का जिक्र किया है। कड़कड़डूमा कोर्ट के अधिवक्ता और तलाक विशेषज्ञ मनीष भदौरिया ने बताया कि बीएनएस (BNS) की 67वीं धारा में इस बात का जिक्र किया गया है कि इस मामले में आरोपी पति को कितने साल की सजा दी जा सकती है। नए नियम के मुताबिक:-

 

  1. अगर कोई महिला अपने पति से अलग रह रही है और पति उसकी इजाजत के बिना उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता है तो यह बलात्कार की श्रेणी में आएगा।
  2. इस मामले में जरूरी है कि महिला लिखित में बताए कि वह अपने पति से अलग रह रही है। इस मामले में वह स्थानीय पुलिस थाने में लिखित में भी दे सकती है।
  3. अगर पति अलग रह रही पत्नी से उसकी अनुमति के बिना शारीरिक संबंध बनाता है तो उसे 2 से 7 साल की जेल हो सकती है। उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

 


सहमति से संबंध बनाना बलात्कार नहीं है
कानून के मुताबिक अगर पति पत्नी के साथ रहता है और आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाता है तो यह बलात्कार की श्रेणी में नहीं आएगा। हालांकि इसके लिए पत्नी का वयस्क होना जरूरी है। बीएनएस (BNS) की धारा 63 के अपवाद 2 में इसका उल्लेख किया गया है।

 

क्या हैं नए कानून
सरकार 1 जुलाई से 3 नए कानून ला रही है। 30 जून की रात 12 बजे से आईपीसी कानून खत्म हो जाएगा। लागू होने वाले नए 3 कानूनों के नाम हैं भारतीय न्यायिक संहिता ((BNS)) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 2023। इन तीनों कानूनों में आपराधिक कानूनों में जांच, ट्रायल और अदालती कार्यवाही में तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया गया है। माना जा रहा है कि इन कानूनों के लागू होने से न्याय मिलने में तेजी आएगी। 1 जुलाई रात 12 बजे से देश में होने वाले सभी अपराधों में नए कानूनों के तहत कार्रवाई होगी। हालांकि, इससे पहले के मामले पुराने कानून के तहत चलते रहेंगे।