अगर पत्नी संबंध नहीं बना रही है तो क्या पति को तलाक देने का अधिकार है या नहीं? जानिए हाई कोर्ट ने क्या कहा?

क्या शादी का मतलब शारीरिक संबंध है? क्या शारीरिक संबंध बनाने से इंकार या मना करने पर शादी टूट सकती है? इस मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि शारीरिक संबंध न बनाने का मतलब है कि पति-पत्नी के बीच भावनात्मक बंधन या तो कमजोर है या अस्तित्वहीन है।
 
जब दो लोगों की शादी होती है तो वे अग्नि के सामने सात फेरे लेते हैं और जीवन भर एक-दूसरे का साथ निभाने का वादा करते हैं। वादा करें कि हम सुख-दुख में एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ेंगे। करीब 40-50 साल पहले तक तलाक की खबरें कम ही सुनने को मिलती थीं। लेकिन शायद अब सात फेरों का बंधन कमजोर होता जा रहा है। अगर ऐसा नहीं होता तो तलाक के मामले कम होते। READ ALSO:-Bad weather! गुवाहाटी जाने वाली Indigo की फ्लाइट विषम परिस्थियों में ढाका में उतरी, पैसेंजर्स बगैर पासपोर्ट बांग्लादेश में

 

अब जब बात तलाक की हो रही है तो वो कौन से कारण हैं जो एक-दूसरे से अलग होने का आधार बनते हैं? तलाक की जटिलताओं को समझने से पहले हम आपको मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक फैसले के बारे में बताएंगे जिसमें कोर्ट ने माना कि अगर पति या पत्नी में से कोई एक शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करता है तो यह न सिर्फ मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है। बल्कि तलाक की नौबत भी आती है। और एक आधार भी है। अब पहले जान लीजिए कि मामला क्या है। 

 

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर पत्नी शादी के बाद अपने पति के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाती है तो इसे मानसिक क्रूरता कहा जाएगा। यह एक वैध आधार होगा जिसके आधार पर पति अपनी पत्नी को तलाक दे सकेगा। कोर्ट ने कहा कि पत्नी का लगातार सेक्स करने से इनकार करना पति के लिए मानसिक या भावनात्मक परेशानी का कारण बन सकता है। ऐसी स्थिति में हिंदू विवाह अधिनियम के तहत पति के पास तलाक लेने का वैध आधार है।

 

जबलपुर में न्यायमूर्ति शील नागू और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ ने सुदीप्तो साहा बनाम मौमिता साहा मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की और भोपाल की एक पारिवारिक अदालत के फैसले को पलट दिया। जिसमें फैमिली कोर्ट ने नवंबर 2014 के अपने फैसले में सुदीप्तो को तलाक देने से इनकार कर दिया था। 

 

पत्नी नहीं बनाती थी पति से शारीरिक संबंध!
सुदीप्तो साहा ने कोर्ट में कहा था कि उनकी पत्नी उनके साथ यौन संबंध बनाने से इनकार कर उन्हें मानसिक क्रूरता का शिकार बना रही है। उन्होंने अपनी पत्नी मौमिता से तलाक की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। दोनों की शादी 12 जुलाई 2006 को हुई थी। याचिका में कहा गया है कि शादी के दिन से 28 जुलाई 2006 तक पत्नी ने उससे संबंध नहीं बनाए और पति भारत से बाहर चला गया। 

 

पत्नी दूसरे आदमी से प्यार करती थी
याचिका में पति ने यह भी बताया कि उसकी पत्नी मौमिता ने उसे बताया था कि उसकी शादी उसके परिवार वालों ने जबरदस्ती कराई थी। इस शादी में उनकी सहमति शामिल नहीं थी। जिसके बाद मौमिता ने अपने पति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से इनकार कर दिया। मौमिता को किसी दूसरे शख्स से प्यार था। मौमिता ने अपने पति से उसे प्रेमी के पास भेजने के लिए भी कहा थ। पति ने बताया कि सितंबर 2006 में मौमिता अपना घर भोपाल छोड़कर चली गई और फिर कभी वापस नहीं आई।

 

इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि वैवाहिक मामलों में मानसिक क्रूरता तय करने के लिए कभी भी कोई सीधा फॉर्मूला या तय मानक नहीं हो सकते। सही निर्णय लेने के लिए उसके तथ्यों के आधार पर उसका मूल्यांकन करना आवश्यक है। हाई कोर्ट ने कहा कि पत्नी ने पति के दावे का विरोध नहीं किया। ऐसे में पति की दलीलों को खारिज नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि मानसिक क्रूरता के कारण पति को अपनी पत्नी से तलाक लेने का अधिकार है।