लोकसभा चुनाव 2024 : देश में लागू हुई आदर्श आचार संहिता, अगर आपने की ये गलती तो जा सकते हैं जेल भी

चुनाव आयोग ने शनिवार को लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इस घोषणा के साथ ही देशभर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। यह तब तक जारी रहता है जब तक चुनाव प्रक्रिया ख़त्म नहीं हो जाती। इस अवधि के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों पर कुछ प्रतिबंध लगाए जाते हैं, ताकि सभी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने में समान मंच मिल सके। आइए जानते हैं क्या हैं वो प्रतिबंध। 
 
लोकसभा चुनाव 2024 की अधिसूचना जारी होते ही चुनाव आयोग की आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इसके तहत देशभर में अभियान चलाकर राजनीतिक दलों के होर्डिंग, बैनर और पोस्टर उतारे जाएंगे। इतना ही नहीं सरकारी योजनाओं के होर्डिंग्स भी हटाये जायेंगे। आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत सीधे चुनाव आयोग को की जा सकती है। आयोग इस पर त्वरित गति से कार्रवाई करेगा। आपको बता दें कि एक तरफ जहां सरकारी अधिकारी आचार संहिता को लेकर लोगों के बीच जानकारी की कमी का फायदा उठाते हैं और काम करने से मना कर देते हैं। वहीं, लोगों में यह गलत धारणा भी है कि आचार संहिता सिर्फ राजनीतिक दलों और नेताओं पर ही लागू होती है। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो सावधान हो जाएं।READ ALSO;-लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, पहला मतदान 19 अप्रैल को, आखिरी 1 जून को; मणिपुर में एक सीट पर 2 चरणों में वोटिंग: चुनावी नतीजे 4 जून को

 

सिर्फ राजनीतिक दल या नेता ही नहीं, अगर कोई आम आदमी भी आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो उसे भी जेल जाना पड़ सकता है। हालाँकि, आपके लिए यह जानना बहुत ज़रूरी है कि इस दौरान सभी सरकारी काम नहीं रुकते हैं। इसलिए, यदि कोई सरकारी अधिकारी आपका काम करने से इनकार करता है, तो आपको पता होना चाहिए कि नियम क्या कहते हैं। आपको बता दें कि आचार संहिता लागू होने के बाद आपके जीवन से जुड़े जरूरी काम किसी भी हालत में नहीं रुकेंगे। जानिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद आप क्या कर सकते हैं और क्या नहीं।

 

आचार संहिता लागू होने के बाद भी कौन से काम नहीं रुकेंगे?
आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी आप अपनी पेंशन पाने के लिए सरकारी कार्यालय जा सकते हैं। इससे कोई भी अधिकारी इनकार नहीं कर सकता। वहीं इस दौरान आधार कार्ड और जाति प्रमाण पत्र बनाने का काम भी जारी रहेगा। बिजली, पानी एवं साफ-सफाई से संबंधित कार्य सुचारू रूप से होते रहेंगे। साथ ही आप इलाज के लिए आर्थिक सहायता लेने के लिए भी पूरी तरह स्वतंत्र होंगे। प्रशासन को सड़कों की मरम्मत का काम जारी रखना होगा। इसके अलावा किसी भी चल रहे प्रोजेक्ट पर कोई रोक नहीं होगी। कोई भी अधिकारी आचार संहिता का बहाना बनाकर आपके महत्वपूर्ण काम को नहीं टाल सकता। अगर आपने पहले ही मकान के नक्शे के लिए आवेदन कर दिया है तो उसे मंजूरी मिल जाएगी। हालांकि, इसके लिए नये आवेदन नहीं लिये जायेंगे। 

 

आदर्श आचार संहिता के तहत कौन से कार्य पूर्णतः बंद रहेंगे?
जैसे ही चुनाव की तारीख घोषित हो जाती है और आचार संहिता लागू हो जाती है, कोई भी नेता या अधिकारी सार्वजनिक उद्घाटन या शिलान्यास नहीं कर सकता है। साथ ही नये कार्यों की मंजूरी भी नहीं मिलेगी। जिन क्षेत्रों में आचार संहिता लागू होगी, वहां सरकार की उपलब्धियों के होर्डिंग नहीं लगाए जाएंगे। साथ ही पहले से लगे होर्डिंग्स को हटाया जाएगा। संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में कोई आधिकारिक दौरा नहीं होगा। सरकारी वाहनों में सायरन नहीं लगेंगे। सरकारी भवनों में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्रियों और राजनीतिक हस्तियों की तस्वीरें लगाने पर प्रतिबंध रहेगा। कोई भी व्यक्ति या नेता प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या अन्य मीडिया में सरकार की उपलब्धियों का विज्ञापन नहीं दे सकेगा। इस दौरान आम लोगों को भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। आपकी एक पोस्ट ही आपको जेल भेजने के लिए काफी है। किसी भी मैसेज को शेयर करने या लिखने से पहले आचार संहिता के नियम पढ़ लें। 

 

किन मामलों में एक आम आदमी को भी जेल हो सकती है?
अगर कोई आम आदमी इन सभी नियमों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ भी आदर्श आचार संहिता के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीधे शब्दों में कहें तो अगर आप अपने किसी नेता के प्रचार अभियान से जुड़े हैं तो आपको इन नियमों की जानकारी होनी होगी। यदि कोई राजनेता आपसे इन नियमों के विरुद्ध काम करने के लिए कहता है तो आप उसे आचार संहिता के बारे में बताकर ऐसा करने से मना कर सकते हैं। अगर आप ऐसा कुछ भी करते हैं जिससे आचार संहिता का उल्लंघन होता है तो आपके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। ज्यादातर मामलों में आपको हिरासत में लिया जा सकता है। 

 

उम्मीदवारों और पार्टियों के लिए नियम, कब हो सकती है जेल?
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार मतदाताओं को लुभाने के लिए कोई घोषणा नहीं कर सकती है। राज्यों में चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक चुनाव आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। आपको बता दें कि आचार संहिता चुनाव आयोग द्वारा बनाए गए नियम हैं, जिनका पालन हर पार्टी और हर उम्मीदवार को करना होता है। इनका उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया जा सकता है। एफआईआर दर्ज होने के बाद प्रत्याशी को जेल भी भेजा जा सकता है। 

 

नेता सरकारी संसाधनों का उपयोग नहीं कर सकते
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान कोई भी मंत्री सरकारी दौरे का इस्तेमाल चुनाव के लिए नहीं कर सकेगा। चुनाव के लिए सरकारी संसाधनों का किसी भी तरह से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। यहां तक कि कोई भी सत्ताधारी नेता चुनाव प्रचार या चुनावी दौरों के लिए सरकारी गाड़ियों और इमारतों का इस्तेमाल नहीं कर सकता। न तो केंद्र सरकार और न ही कोई राज्य सरकार कोई घोषणा कर सकती है, न शिलान्यास और न ही लोकार्पण कर सकती है। सरकारी खर्च से ऐसा आयोजन नहीं किया जाता है, जिससे किसी भी दल को फायदा पहुंचता हो। इस पर निगरानी के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है। 

 

कोई भी नेता आम आदमी को परेशान नहीं कर सकता
हर उम्मीदवार और राजनीतिक दल को जुलूस, रैली, सार्वजनिक सभा या सभा करने के लिए चुनाव आयोग से मंजूरी लेनी होगी। इसकी जानकारी नजदीकी पुलिस स्टेशन को भी देनी होगी। मुलाकात की जगह और समय की जानकारी पुलिस अधिकारियों को पहले से देनी होगी। कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसा कुछ नहीं कर सकता जिससे जाति, धर्म या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद या नफरत पैदा हो। वोट पाने के लिए किसी भी तरह से रिश्वत देना और मतदाताओं को परेशान करना उम्मीदवारों और पार्टियों के लिए महंगा साबित हो सकता है। इतना ही नहीं, अगर कोई नेता किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणी करता है तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।

 

मतदान से 24 घंटे पहले और मतदान के दिन नियम
मतदान के दिन मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध रहेगा। मतदान से एक दिन पहले यानी 24 घंटे पहले तक किसी भी तरह की बैठक पर रोक रहेगी। पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोई सरकारी भर्ती नहीं होगी। ऐसा माना जाता है कि चुनाव के दौरान उम्मीदवार शराब बांटते हैं। इसलिए आचार संहिता में मतदाताओं को शराब बांटना भी प्रतिबंधित है। चुनाव प्रचार के लिए रोड शो, रैलियों या किसी अन्य कारण से यातायात बाधित करना आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है। चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों के आसपास चुनाव चिह्न प्रदर्शित नहीं किये जायेंगे। चुनाव आयोग से वैध 'गेट पास' प्राप्त करने वाले व्यक्ति ही मतदान केंद्र पर जा सकेंगे।

 

सभी उम्मीदवार सार्वजनिक स्थानों का उपयोग कर सकते हैं
कुछ उम्मीदवार हेलीपैड, बैठक मैदान, बंगले, सरकारी गेस्ट हाउस जैसे सार्वजनिक स्थानों पर एकाधिकार नहीं रख सकते। इन स्थानों का उपयोग प्रतिस्पर्धी उम्मीदवार समान रूप से कर सकते हैं। आचार संहिता कहती है कि प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों और उनके प्रचारकों को अपने प्रतिद्वंद्वियों के जीवन का सम्मान करना चाहिए। उनके घरों के सामने रोड शो या प्रदर्शन आयोजित कर उन्हें परेशान न किया जाए। मतदान में किसी भी समस्या की शिकायत मतदान पर्यवेक्षकों से की जा सकती है।