कोरोना से हुई हर मौत को मेडिकल लापरवाही नहीं मान सकते, इसीलिए मुआवजा देना नामुमकिन: Supreme court

सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि काेरोना (Covid Death) से हुई हर मौत को मेडिकल लापरवाही नहीं मान सकते।

 

सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि काेरोना (Covid Death) से हुई हर मौत को मेडिकल लापरवाही नहीं मान सकते। कोर्ट ने कहा कि कोरोना के चलते बड़ी संख्या में लोगों की मौत होना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन हर मौत का कारण मेडिकल लापरवाही मानकर परिवार को मुआवजा नहीं दे सकते। शीर्ष अदालत ने कहा अदालत चिकित्सा लापरवाही का सामान्य अनुमान नहीं लगा सकती है।

यह थी याचिकाकर्ता की दलील

दरअसल याचिकाकर्ता दीपक राज सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनकी दलील थी कि कोरोना के कारण हुईं अधिकतर मौतों का कारण ऑक्सीजन की कमी या इलाज की ज़रूरी सुविधा न होना रहा है। स्वास्थ्य पर संसद की स्थायी समिति ने कोरोना की दूसरी लहर की आशंका जताई थी। ऑक्सीजन और हॉस्पिटल बेड की कमी की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित किया था, लेकिन सरकार ने उचित तैयारी नहीं की। Read Also : मंदिर के नाम संपत्ति के मालिक देवता ही होते हैं, पुजारी केवल सेवक है : सुप्रीम कोर्ट

सरकार ने की थी बड़ी लापरवाही

दीपक राज सिंह के वकील श्रीराम परक्कट का तर्क था कि अलग-अलग सरकारों और संस्थाओं ने भीड़ इकट्ठा होने की अनुमति दी, चुनावी रैलियों, कुंभ मेला जैसे अयोजनों को होने दिया। सरकार ने न सिर्फ इलाज के लिए ज़रूरी प्रबंध नहीं किया, बल्कि अपनी लापरवाही से कोरोना को निमंत्रण दिया। इसलिए, हर मौत को सरकारी और मेडिकल लापरवाही की तरह देखा जाना चाहिए और हर मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। Read Also : कंडोम लगा होने का मतलब यह नहीं कि SEX सहमति से हुआ है: सहकर्मी की पत्नी से रेप के आरोपी से कोर्ट

क्या कहा कोर्ट ने

याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, विक्रम नाथ और हिमा कोहली की बेंच ने कहा कि 'बड़ी संख्या में दूसरी लहर के दौरान मौतें हुई और कोरोना से हुई हर मौत को मेडिकल लापरवाही मान कर परिवार को मुआवजा कैसे संभव। दूसरी लहर का पूरे देश में ऐसा प्रभाव पड़ा कि यह नहीं माना जा सकता कि सभी मौतें लापरवाही के कारण हुईं। अदालतें यह अनुमान नहीं लगा सकती हैं कि सभी कोविड की मौतें चिकित्सा लापरवाही के कारण हुईं, जैसा कि आपकी याचिका कहती है।'

याचिकाकर्ता से मांगे भविष्य के लिए सुझाव

जजों ने हर मृत्यु को मेडिकल लापरवाही मानने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह एक गलत धारणा होगी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 30 जून के एक हालिया फैसले का हवाला दिया, जिसमें उसने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को COVID-19 के कारण मरने वाले व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों को अनुग्रह सहायता के लिए छह सप्ताह के भीतर उचित दिशा-निर्देशों की सिफारिश करने का निर्देश दिया था।  अदालत ने कहा , 'उस फैसले में अदालत ने मानवता के संबंध में विचार किया है न कि लापरवाही के कारण। सरकार अभी तक नीति के साथ सामने नहीं आई है। यदि आपके पास उस नीति के कार्यान्वयन के संबंध में कोई सुझाव है, तो आप उन्हें सरकार को सौंप सकते हैं।