हिमाचल प्रदेश में फिर भूस्खलन, कई मकान आये चपेट में; कई लोगों के दबे होने की आशंका, VIDEO देखकर सहम जाएंगे

 शिमला के कृष्णा नगर इलाके में भूस्खलन की चपेट में कई घर आ गए, जिसमें कई लोगों के दबे होने की आशंका है। 
 
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के बीच राजधानी शिमला से एक और दर्दनाक घटना सामने आई है। शिमला के कृष्णा नगर इलाके में भूस्खलन की चपेट में कई घर आ गए, जिसमें कई लोगों के दबे होने की आशंका है। राहत एवं बचाव कार्य जारी है। मालूम हो कि यह स्थान कार्ट रोड पर पुराने बस अड्डे और शिमला बाईपास के बीच नीचे स्थित है। मालूम हो कि शिमला में पिछले 2-3 दिनों में बारिश, भूस्खलन और बादल फटने से 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इन सबके बीच मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के लिए अगले 48 घंटों का पूर्वानुमान भी जारी किया है। READ ALSO:-अनधिकृत कॉलोनियों और किराये पर रहने वाले को मिल सकेगा अपना घर, लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी का ऐलान....

 

 

 

राहत-बचाव कार्य जारी है
शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने कहा कि NDRF, SDRF, पुलिस और सेना के जवानों ने सुबह करीब छह बजे समरहिल में बचाव अभियान फिर से शुरू किया।  उन्होंने बताया कि भारी बारिश के बाद सोमवार रात को बचाव अभियान रोक दिया गया था। उन्होंने बताया कि सोमवार से अब तक बरामद कुल 16 शवों में से 11 शव शिव मंदिर से और पांच फागली से बरामद किये गये हैं। उन्होंने बताया कि शिव मंदिर स्थल पर मलबे में 10 और लोगों के दबे होने की आशंका है, लेकिन इस संख्या की पुष्टि नहीं की गयी है। सोमवार सुबह करीब 7.15 बजे जब मंदिर में भूस्खलन हुआ तो सावन माह के चलते वहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

 

इस बीच, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने भारी बारिश के कारण हिमस्खलन और सड़कें अवरुद्ध होने के कारण शिक्षण गतिविधियों को निलंबित कर दिया है। विश्वविद्यालय द्वारा मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, 'शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी हमेशा की तरह अपने कर्तव्यों पर रिपोर्ट करेंगे। सोमवार को मंडी जिले में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 19 लोगों की जान चली गई। 

 

कई सड़कें अवरुद्ध
यहां समर हिल के पास भूस्खलन की चपेट में आने से 50 मीटर लंबे पुल के क्षतिग्रस्त होने से यूनेस्को की विश्व धरोहर शिमला-कालका रेलवे लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। स्टेशन मास्टर जोगिंदर सिंह ने कहा कि शिमला से लगभग छह किलोमीटर पहले समर हिल के पास कंक्रीट पुल पूरी तरह से नष्ट हो गया और यह विरासत रेल मार्ग पांच या छह स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया और सबसे ज्यादा नुकसान शिमला और शोघी के बीच हुआ। 

 

राज्य के 12 में से 11 जिलों में 857 सड़कों पर यातायात बाधित है और 4,285 ट्रांसफार्मर और 889 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं। कुल्लू जिले से अभी सूचना नहीं मिली है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 22 जून से 14 अगस्त तक मानसून के दौरान हिमाचल प्रदेश को 7,171 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मानसून के दौरान राज्य में मॉनसून के दौरान बादल फटने तथा भूस्खलन की कुल 170 घटनाएं हुई हैं और करीब 9,600 मकान आंशिक रूप से या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।