10 दिन से ज्यादा समय से सुरंग में फंसे मजदूर! सामने आई पहली तस्वीर, इस से पता चलता है कि जान को कितना खतरा है...... 

 पहाड़ी की चोटी से ड्रिलिंग कर करीब 80 मीटर गहरी वर्टिकल रेस्क्यू शाफ्ट बनाने के लिए पहली मशीन भी सुरंग में पहुंच गई है। इसके लिए पहाड़ी पर सड़क भी बनाई गई है। इसके अलावा सुरंग के दूसरे छोर बड़कोट से भी ड्रिलिंग शुरू हो गई है। 
 
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग हादसे को 10 दिन हो गए हैं, लेकिन मजदूर अभी भी अंदर फंसे हुए हैं। इन्हें बाहर निकालने की अब तक की सारी कोशिशें नाकाम साबित हुई हैं। इस बीच पहली बार सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों का वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि सुरंग के अंदर और अंदर मजदूरों की क्या हालत है। यह पहली बार है कि उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में जहां मजदूर फंसे हैं, वहां तक सीसीटीवी कैमरे पहुंचे हैं।Read also:-क्या बिना ओटीपी (OTP) शेयर किए भी आप के खाते से निकाले जा सकते हैं पैसे? जानिए बचने का क्या है तरीका है.....

 

दरअसल, बचाव दल सुरंग के मलबे के दूसरी तरफ 6 इंच चौड़े पाइप तक पहुंचने में सफल रहा है। इसी पाइप के जरिए सुरंग में फंसे मजदूरों को 9 दिन बाद खाना मिला। पहली बार उन्हें खिचड़ी, दलिया और संतरा भेजा गया जो अब तक भेजे गए भोजन में शामिल नहीं था। जानकारी के मुताबिक अभी तक मजदूरों को सूखे मेवे और पानी भेजा जा रहा था। 

 

सुरंग के अंदर की पहली फुटेज सामने आई
इस बीच सुरंग के अंदर का वीडियो भी पहली बार सामने आया है। इसमें देखा जा सकता है कि टनल के अंदर मजदूर किस हालत में हैं। इस दौरान रेस्क्यू में लगे अधिकारियों ने वॉकी टॉकी के जरिए मजदूरों से बात भी की। सुरंग के अंदर मजदूरों की स्थिति जानने के लिए एक पाइप के जरिए सुरंग में कैमरा भेजा गया है। बचाव अधिकारियों ने वॉकी टॉकी के जरिए श्रमिकों से बात की।

 

 

9 दिन बाद गर्म खाना भेजा गया
अधिकारी ने यह भी कहा कि उन्होंने फंसे हुए श्रमिकों में से एक दीपक कुमार के एक रिश्तेदार से बात की है, जिन्होंने कहा कि भोजन भेजे जाने के बाद सुरंग के अंदर के श्रमिक खुश हैं। वहीं, मजदूरों के लिए खाना तैयार करने वाले हेमंत ने मीडिया एजेंसी एएनआई को बताया, ''पहली बार उनके लिए गर्म खाना भेजा जा रहा है, जिसमें खिचड़ी, दाल और फल शामिल हैं। 

 

आपको बता दें कि 12 नवंबर को भूस्खलन के बाद सिल्कयारा सुरंग का कुछ हिस्सा ढह जाने से 41 निर्माण श्रमिक इसमें फंस गए थे। अभी तक रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मजदूरों को 4 इंच की कंप्रेसर पाइपलाइन के जरिए हल्की खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही थी।