जदयू यूपी में 100 सीटों पर लड़ेगी चुनाव, केसी त्यागी ने कहा भाजपा के साथ हमारी चर्चा हो चुकी है

 जदयू राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि पहले दौर की भाजपा के साथ चर्चा हो चुकी है। जदयू उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 
 
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Vidhansabha election 2022) की तैयारियों में सभी राजनीतिक पार्टियां लग गई है। भाजपा ने बूथ स्तर से चुनाव की तैयारियों में लगी है। वहीं, खबर है कि बिहार में भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू भी उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है। अब जदयू से खबर है कि वह यूपी में 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इतना ही नहीं, पार्टी का दावा है कि भाजपा ने इसके लिए हां भी कर दी है। अब ऐसे में सपा, बसपा, भाजपा सहित अन्य छोटे विपक्षी दलों पर भी असर पड़ सकता है। 

 

जदयू राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी (KC Tyagi JDU National spokeperson) ने कहा कि पहले दौर की भाजपा (BJP) के साथ चर्चा हो चुकी है। अगले दौर की बातचीत में यह तय हो जाएगा कि कितनी-कितनी सीटों पर दोनों दल चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा उन्हें सम्मानजनक सीटें नहीं देती तो अकेले ही जदयू चुनाव लड़ेगा। अकेले चुनाव लड़ने के लिए हमने 200 सीटों चुनी किया है।

 इस बार जदयू यूपी चुनाव को लेकर कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी ले रही है। जदयू भाजपा की तरफ से 10-20 सीटों की उम्मीद नहीं रख रही है, जबकि वह अकेले 200 सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार है। यूपी चुनाव 2022 को लेकर जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में प्रस्ताव भी पारित किया जा चुका है।

यूपी जदयू अध्यक्ष अनूप सिंह पटेल ने कहा कि हमें अगर भाजपा ने सम्मानजनक सीटें नहीं देती हैं तो राज्य में 200 सीटों पर हमारी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी। अगर भाजपा सही हिस्सेदारी नहीं देती हैं तो 2012 के चुनाव जैसा ही उसका हश्र हो जाएगा। भाजपा यूपी विधानसभा चुनाव में उस वक्त 47 सीटों पर सिमट गई थी।

 

जदयू नेताओं के बयानों को यूपी चुनाव को लेकर राजद ने तंज कसा है। राजद नेता प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना हैं कि वह काम किसी को भी नहीं करना चाहिए, जिसमें वह निपुण न हो। तीसरे नंबर की बिहार में रही पार्टी अपना जमानत भी यूपी में नहीं बचा पाएगी। यूपी में इनका बंगाल जैसा ही हाल होगा। कह देने मात्र से ही कोई चुनाव जीत नहीं सकते। उसे वहां जमीनी काम भी करना पड़ता हैं। यूपी में जदयू की कोई भी भूमिका नहीं है, यूपी में उसने कोई भी काम नहीं किया। नीतीश का चेहरा प्रकाश में आ चुका है, सत्ता के लिए वह किसी भी दल से भी समझौता कर सकते हैं।