Jammu and Kashmir: वंदे भारत कराएगी बादलों की सैर, 5 कुतुब मीनार जितनी ऊंचाई पर दौड़ेगी ट्रेन
T-1 कटरा-बनिहाल मार्ग का पहला ब्लॉक है। इस मार्ग की सभी सुरंगें USBRL परियोजना के तहत बनाई गई हैं। इस सफलता को मील का पत्थर माना जा रहा है। क्योंकि T-1 में पानी का दबाव बहुत ज्यादा था। इसलिए यहां सुरंग बनाना इंजीनियरों और मजदूरों के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही थी।
Updated: Dec 21, 2023, 21:50 IST
कश्मीर घाटी जल्द ही देश के रेल नेटवर्क से जुड़ने वाली है। कश्मीर घाटी को देश से रेलवे के जरिये जोड़ने की राह में एक बड़ी बाधा थी. एक सुरंग ने पूरे प्रोजेक्ट का रास्ता रोक दिया था। जिसके कारण कश्मीर घाटी से ट्रेन कनेक्टिविटी में देरी हुई। लेकिन कड़ी मेहनत के बाद अब कश्मीर घाटी तक रेल यात्रा का रास्ता साफ हो गया है। नए साल में यह एक नई शुरुआत हो सकती है, जिसके बाद वंदे भारत को इस रूट पर भी चलाया जा सकता है। READ ALSO:-पासपोर्ट की तरह होगा आधार का वेरिफिकेशन, सरकार करने जा रही है नियमों में बदलाव
उत्तर रेलवे ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना में सभी सुरंगों का निर्माण पूरा कर लिया है। 111 किलोमीटर लंबी कटरा-बनिहाल रेलवे लाइन की सबसे बड़ी बाधा भी अब खत्म हो गई है. इतना ही नहीं, जम्मू-कश्मीर के रियासी में टनल-1 का निर्माण पूरा हो चुका है. आपको बता दें कि कटरा और रियासी स्टेशन के बीच 3209 मीटर लंबी सुरंग बनाई गई है, जिसे टी-1 के नाम से जाना जाता है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी बधाई
रेलवे की इस सफलता पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी सोशल मीडिया एक्स पर सभी कर्मचारियों को धन्यवाद दिया और कहा कि 3209 मीटर लंबी सुरंग टी1 का काम पूरा हो गया है। इतना ही नहीं, उधमपुर-बारामूला सेक्शन की सभी सुरंगों का काम भी पूरा हो चुका है। सफलता के लिए टीम रेलवे को बधाई।
रेलवे की इस सफलता पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी सोशल मीडिया एक्स पर सभी कर्मचारियों को धन्यवाद दिया और कहा कि 3209 मीटर लंबी सुरंग टी1 का काम पूरा हो गया है। इतना ही नहीं, उधमपुर-बारामूला सेक्शन की सभी सुरंगों का काम भी पूरा हो चुका है। सफलता के लिए टीम रेलवे को बधाई।
क्यों खास है ये रेल नेटवर्क?
- अभी तक देश के बाकी हिस्सों से जम्मू तक ही रेल नेटवर्क है।
- जम्मू और श्रीनगर को जोड़ने वाली कोई ट्रेन नहीं है
- जम्मू से श्रीनगर केवल सड़क मार्ग से
- जम्मू से श्रीनगर तक सड़क यात्रा लगभग 244 किमी है।
- इस सफर में यात्रियों को करीब 6 से 7 घंटे का समय लगता है.
- इस ट्रैक पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से सिर्फ साढ़े तीन घंटे लगेंगे।
- कश्मीर की खूबसूरत वादियों में चलेगी वंदे भारत।
- नए साल पर जम्मू-कश्मीर में वंदे भारत ट्रेन शुरू हो सकती है।
- वंदे भारत ट्रेन USBRL प्रोजेक्ट के तहत चलेगी।
- इस रेल रूट पर दो तरह की वंदे भारत ट्रेनें चलेंगी।
- वंदे भारत में 16 कोच होंगे, वंदे मेट्रो में 9 कोच होंगे।
- वंदे भारत जम्मू से बनिहाल तक 271 किलोमीटर चलेगी।
इसलिए वंदे भारत का सफर खास होगा
ट्रेन दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज से होकर गुजरेगी, जिसका काम पूरा हो चुका है और इसका परीक्षण किया जा रहा है। दरअसल, चिनाब नदी पर जो पुल बनाया गया है उसकी ऊंचाई 359 मीटर है और आपको जानकर हैरानी होगी कि दिल्ली में मौजूद 5 73 मीटर का कुतुब मीनार इस पुल की ऊंचाई तक पहुंच पाएगा। इतना ही नहीं पेरिस का एफिल टावर भी इस चिनाब ब्रिज के सामने छोटा है। एफिल टावर की ऊंचाई 324 मीटर है, जबकि चिनाब का यह आर्च ब्रिज उससे 35 मीटर ऊंचा है।
ट्रेन दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज से होकर गुजरेगी, जिसका काम पूरा हो चुका है और इसका परीक्षण किया जा रहा है। दरअसल, चिनाब नदी पर जो पुल बनाया गया है उसकी ऊंचाई 359 मीटर है और आपको जानकर हैरानी होगी कि दिल्ली में मौजूद 5 73 मीटर का कुतुब मीनार इस पुल की ऊंचाई तक पहुंच पाएगा। इतना ही नहीं पेरिस का एफिल टावर भी इस चिनाब ब्रिज के सामने छोटा है। एफिल टावर की ऊंचाई 324 मीटर है, जबकि चिनाब का यह आर्च ब्रिज उससे 35 मीटर ऊंचा है।
कुछ और खास बातें
- यह 272 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक है।
- जम्मू को कश्मीर घाटी से जोड़ेंगे।
- इस परियोजना में 38 सुरंगें हैं।
- इस मार्ग में मौजूद सुरंगों की कुल लंबाई 119 किलोमीटर है।
- सबसे लंबी सुरंग T-49 है।
- T-49 की लम्बाई – 12.75 किलोमीटर।
- यह देश की सबसे लंबी सुरंग है।
- इस ट्रैक पर 927 पुल बनाए गए हैं।
- इस मार्ग में पुल की कुल लंबाई 13 किलोमीटर है।