Indian Air Force होगी और मजबूत, 56 C-295 MW विमान खरीदने को मंजूरी; TATA कंपनी बनाएगी

सुरक्षा मामलों की समिति ने आज बुधवार को भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के लिए 56 C-295 MW ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट खरीदने की मंजूरी दी है।
 
MW Aircraft For IAF : भारत की नरेन्द्र मोदी सरकार भारतीय सेनाओं को और भी ज्यादा मजबूत करने की कोई भी कसर नहीं छोड़ रही हैं। सेनाओं को अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया गया है ताकि मौका पड़ने पर दुश्मन को करारा जवाब दिया जा सके। राफेल फाइटर प्लेन खरीदने के बाद अब एक बार फिर से वायुसेना (Indian Air Force) को मजबूती देने के लिए केन्द्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सुरक्षा मामलों की समिति ने आज बुधवार को भारतीय वायुसेना के लिए 56 C-295 MW ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट खरीदने की मंजूरी दी है। Read Also : Assam Boat Accident: असम की ब्रह्मपुत्र नदी में दो नावों में जबरदस्त टक्कर, 100 से ज्यादा लोग थे सवार

 

भारत के अंदर ही तैयार किए जाएंगे सैन्य एयरक्राफ्ट 56 C-295 MW

MW Aircraft For IAF: भारत में इस तरह का यह पहला प्रोजेक्ट होगा, जिसमें भारत के अंदर ही सैन्य एयरक्राफ्ट तैयार किए जाएंगे। एयरक्राफ्ट तैयार करने का काम प्राइवेट कंपनी की ओर से किया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार भारत में अपनी तरह का यह पहला प्रोजेक्ट है, जिसमें कोई प्राइवेट कंपनी देश की वायु सेना के लिए मिलिट्री एयरक्राफ्ट (Military Transport Aircraft) बनाएगी। इसके लिए स्पेन (Spain) की कंपनी और TATA का गठबंधन हुआ है. वे दोनों मिलकर अगले 10 सालों में इन जहाजों का निर्माण करेंगी।

 

40 विमान भारत में होंगे तैयार
केन्द्र सरकार ने कहा कि सभी 56 विमानों को स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट के साथ तैयार किया जाएगा, जिससे जंग के मैदान में ये बिना किसी दिक्कत के सैनिकों को मदद पहुंचा सकें। अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 48 महीनों के अंदर स्पेन से 16 ट्रांसपोर्ट प्लेन तैयार होकर भारत आएंगे. जबकि बाकी बचे 140 विमान भारत में प्राइवेट कंपनी द्वारा 10 वर्षों के भीतर निर्मित किए जाएंगा।

 

देश में पैदा होंगे रोजगार के अवसर
MW Aircraft For IAF: केन्द्र सरकार का मानना है कि इससे देश के एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र में रोजगार सृजन उत्पन्न होगा और इससे प्रत्यक्ष रूप से 600 अत्यधिक कुशल रोजगार, 3 हजार से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार और अतिरिक्त 3 हजार मध्यम कौशल रोजगार के अवसर पैदा होंगे। जिससे देश स्वयं में आत्मनिर्भरता की ओर प्रगतिशी होगा।