'लड़कियां अपनी यौन इच्छा पर काबू रखें', कलकत्ता HC की यह टिप्पणी आपत्तिजनक और अनावश्यक, जानिए सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा

 लड़कियों को अपनी यौन इच्छा पर काबू रखना चाहिए और दो मिनट के आनंद पर ध्यान नहीं देना चाहिए... यह टिप्पणी कलकत्ता हाई कोर्ट ने की थी। 
 
हाल ही में जब कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की तो कई लोगों की भौंहें तन गईं। हाई कोर्ट की इस तरह की टिप्पणी को लेकर लोगों में नाराजगी थी। कलकत्ता हाई कोर्ट की उस टिप्पणी पर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रतिक्रिया दी है। READ ALSO:-UPI यूजर्स के दिन 10 जनवरी के बाद बदल जाएंगे, सरकार ने किया इन नियमों में बदलाव का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट की उस टिप्पणी पर न सिर्फ नाराजगी जताई है, बल्कि ऐसी टिप्पणी को अनावश्यक और आपत्तिजनक भी बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट को फैसला सुनाते वक्त अपनी निजी टिप्पणियों से बचना चाहिए।  सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट की इस टिप्पणी को आपत्तिजनक और अनावश्यक बताते हुए इसे संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया। 

 

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता HC के फैसले पर स्वत: संज्ञान लिया था।  पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि उसने कलकत्ता HC के फैसले के खिलाफ अपील दायर की है। मामला CJI के पास भेज दिया गया है और अब वही तय करेंगे कि मामले की सुनवाई कौन सी बेंच करेगी। 

 

अदालत ने वकील माधवी दीवान को न्याय मित्र नियुक्त करते हुए राज्य सरकार से पूछा था कि क्या वह उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील दायर करना चाहती है। इससे पहले नाबालिग के यौन उत्पीड़न के मामले में दिए गए फैसले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा था कि 'लड़कियों को अपनी यौन इच्छा पर काबू रखना चाहिए और 2 मिनट के आनंद पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए।'

 

हालांकि, हाई कोर्ट ने लड़कों को भी सलाह दी थी कि उन्हें भी लड़कियों की गरिमा का सम्मान करना होगा। अदालत ने लड़की के साथ स्वेच्छा से यौन संबंध बनाने के मामले में POCSO अधिनियम के तहत भी आरोपी को बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील भी दायर की थी।