अब टोल प्लाजा पर नहीं होगी फास्टैग की जरूरत, सरकार करने जा रही बड़ा बदलाव!

जीपीएस तकनीक: प्लाजा पर लगे जाम के कारण प्लाजा पर लगे जाम से हर साल देश को 1 लाख 45 हजार करोड़ का नुकसान होता है।
 
अगर आप टोल प्लाजा पर रुककर टोल का भुगतान करते हैं तो आपको टोल प्लाजा पर रुककर टोल चुकाने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि भारत सरकार वाहनों और लोगों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक नई टोल संग्रह प्रणाली शुरू करने की योजना बना रही है। टोल व्यवस्था लागू करने की योजना बनाई जा रही है। READ ALSO:-

 

ANPR वाहन की लाइसेंस प्लेट को पढ़ेगा और बाद में टोल का भुगतान करने के लिए वाहन मालिक के बैंक खाते से टोल काट लिया जाएगा। गुजरने वाले वाहनों की लाइसेंस प्लेटों की तस्वीरें क्लिक करने के लिए प्रवेश और निकास बिंदुओं पर सिस्टम द्वारा ANPR कैमरे लगाए जाएंगे। यातायात को आसान बनाने के लिए टोल पर मौजूदा फास्टैग को बदलने के लिए ANPR कैमरे एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं।

 

ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और IIM कलकत्ता की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टोल प्लाजा पर खड़े वाहनों के कारण हर साल लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का तेल बर्बाद हो जाता है और टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम के कारण हर साल लगभग 45 हजार रुपये का तेल बर्बाद हो जाता है। करोड़ों रुपये का नुकसान होता है यानी कुल मिलाकर टोल नाकों की वजह से देश को 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है। ऐसे में आपकी जेब और देश के आर्थिक नुकसान को बचाने के लिए जल्द ही GPS सिस्टम शुरू होने वाला है।

 

बता दें कि इस नई तकनीक के जरिए गाड़ियों के नंबर प्लेट को स्कैन किया जाएगा। साथ ही, टोल प्लाजा पार करते ही टोल राशि आपके बैंक खाते से काट ली जाएगी। इस सिस्टम की जानकारी पिछले साल संसदीय सत्र के दौरान केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दी थी।  इससे टोल वसूली में होने वाली धांधली भी रुकेगी। GPS के जरिए आप जितनी दूरी तय करेंगे, ठीक उतने ही पैसे आपके बैंक खाते से कट जाएंगे।

 

नंबर प्लेट में होगा बड़ा बदलाव
अब आपके वाहनों में लगने वाली नंबर प्लेट सामान्य नहीं होगी बल्कि उसमें GPS सिस्टम लगा होगा। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने नए वाहनों में GPS नंबर प्लेट लगाने का आदेश दिया है। वहीं पुरानी गाड़ियों में पुरानी नंबर प्लेट हटाकर नई नंबर प्लेट लगानी होगी। इसमें GPS सिस्टम नंबर प्लेट से जुड़ा होगा। इसके साथ ही एक सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया जाएगा, जिससे टोल प्लाजा पर पहुंचते ही टोल अपने आप कट जाएगा।

 

इससे टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारों से छुटकारा मिल जाएगा। साथ ही आपको अपनी दूरी के हिसाब से टोल भी देना होगा। साथ ही टोल में होने वाली धांधली को भी रोका जा सकेगा। 

 

GPS के जरिए टैक्स तय होगा
अब आपके टोल की राशि जीपीएस के जरिए तय होगी। आपको बता दें कि अब हाईवे पर हर 60 किलोमीटर पर एक टोल प्लाजा होता है, यानी कम से कम 60 किलोमीटर तक आपको टोल टैक्स देना पड़ता है। अगर आप कम गाड़ी चलाते हैं तो भी आपको पूरा पैसा देना होगा, लेकिन GPS सिस्टम लागू होने के बाद अगर आप 30 किमी की दूरी तय करने के बाद हाईवे से उतरते हैं तो आपको 30 किमी तक टैक्स देना होगा। इससे आप आसानी से ज्यादा टैक्स देने से बच सकेंगे।