बच्चों की खांसी को हल्के में न लें, चीन के 'रहस्यमय निमोनिया' (Mysterious Pneumonia) पर दिल्ली के डॉक्टरों ने किया आगह....
रहस्यमय निमोनिया के कारण चीन में अब तक हजारों बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चीन के कई राज्यों के अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें भी देखी गई हैं। इस बीच चीन में इस रहस्यमयी निमोनिया को लेकर भारतीय डॉक्टरों ने बच्चों को बड़ी चेतावनी दी है।
Nov 26, 2023, 00:05 IST
चीन में बच्चों में फैल रहे रहस्यमयी निमोनिया को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। पूरे चीन में (H9N2) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सैकड़ों बच्चे सांस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। चीन के अस्पतालों में लंबी कतारें लगी हुई हैं। वहां के स्कूलों में बच्चे तेजी से बीमार पड़ रहे हैं, जिसके कारण उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ रहा है। इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे ज्यादातर बच्चों में फेफड़ों में जलन, तेज बुखार, खांसी, सर्दी जैसे कई लक्षण दिख रहे हैं।READ ALSO:-पासपोर्ट बनवाने के नियमों में हुआ संशोधन, आप भी जान लें नए नियम, वरना ऑफिस से लौटना पड़ सकता है
आइए जानते हैं कि चीन में फैल रहे इस रहस्यमयी निमोनिया के बारे में भारतीय डॉक्टर क्या कहते हैं और इससे बचने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए। डॉक्टरों ने लोगों से बचाव के साथ सावधानी बरतने को कहा है। दिल्ली एम्स में क्रिटिकल केयर विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. युद्धवीर सिंह ने कहा कि चीन में निमोनिया के बढ़ते मामले किसी वायरस के कारण भी हो सकते हैं, लेकिन फिलहाल यह देखना होगा कि मामले कितने बढ़ रहे हैं और कैसे बढ़ रहे हैं बच्चों में इसके लक्षण गंभीर तो नहीं है।
डॉक्टर बोले- विश्व स्वास्थ्य संगठन को रखनी होगी निगरानी
उन्होंने कहा कि अगर मामले ज्यादा होंगे तो विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस पर विशेष नजर रखनी होगी और प्रोटोकॉल के मुताबिक दुनिया भर में निमोनिया को लेकर दिशानिर्देश जारी करने होंगे। जहां तक भारत की बात है तो फिलहाल कोई खतरा नहीं है, फिर भी अगर किसी बच्चे को खांसी, जुकाम और सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो डॉक्टर से सलाह लें। फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है, हमें बस चीन के हालात पर नजर रखनी है।
उन्होंने कहा कि अगर मामले ज्यादा होंगे तो विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस पर विशेष नजर रखनी होगी और प्रोटोकॉल के मुताबिक दुनिया भर में निमोनिया को लेकर दिशानिर्देश जारी करने होंगे। जहां तक भारत की बात है तो फिलहाल कोई खतरा नहीं है, फिर भी अगर किसी बच्चे को खांसी, जुकाम और सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो डॉक्टर से सलाह लें। फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है, हमें बस चीन के हालात पर नजर रखनी है।
'घबराने की जरूरत नहीं'
वहीं, दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि चीन में निमोनिया के मामले सामने आ रहे हैं, क्योंकि निमोनिया एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है। हमें चीन के मामलों पर नजर रखनी होगी. इस समय किसी भी बीमारी के मामले बढ़ना अच्छा संकेत नहीं है, लेकिन फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि यह बीमारी क्यों फैल रही है। यह दूसरे देशों में जाएगा या नहीं? फिलहाल हमें चीन पर नजर रखनी होगी। भारत की बात करें तो घबराने की जरूरत नहीं है। यहां निमोनिया का इलाज होता है।
वहीं, दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि चीन में निमोनिया के मामले सामने आ रहे हैं, क्योंकि निमोनिया एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है। हमें चीन के मामलों पर नजर रखनी होगी. इस समय किसी भी बीमारी के मामले बढ़ना अच्छा संकेत नहीं है, लेकिन फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि यह बीमारी क्यों फैल रही है। यह दूसरे देशों में जाएगा या नहीं? फिलहाल हमें चीन पर नजर रखनी होगी। भारत की बात करें तो घबराने की जरूरत नहीं है। यहां निमोनिया का इलाज होता है।
रहस्यमय निमोनिया क्या है?
चीन में तेजी से फैल रहे रहस्यमयी निमोनिया से बच्चों के फेफड़ों में दर्द हो रहा है और कुछ को तेज बुखार की भी शिकायत हो रही है। फेफड़ों की समस्या के कारण इन बच्चों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। बीजिंग का बाल चिकित्सा अस्पताल बीमार बच्चों से भरा हुआ है।
चीन में तेजी से फैल रहे रहस्यमयी निमोनिया से बच्चों के फेफड़ों में दर्द हो रहा है और कुछ को तेज बुखार की भी शिकायत हो रही है। फेफड़ों की समस्या के कारण इन बच्चों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। बीजिंग का बाल चिकित्सा अस्पताल बीमार बच्चों से भरा हुआ है।