क्या दिल्ली में इस बार पड़ेगी भयंकर सर्दी? क्या टूट जाएंगे सारे रिकॉर्ड? जानिए IMD का कड़ाके की ठंड पर अनुमान
देश में भीषण गर्मी और बारिश के बाद अब लोगों को ठंड का सामना करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। वैसे तो दिल्ली में हर साल कड़ाके की ठंड पड़ती है, लेकिन इस बार IMD ने बड़ी भविष्यवाणी की है। अब सवाल यह उठता है कि क्या दिल्ली में ठंड के सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे?
Sep 13, 2024, 00:10 IST
इस साल भीषण गर्मी और बारिश के बाद देश में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। बारिश के कारण ठंड बढ़ने का अनुमान है। मौसम विभाग ने इस बारे में पहले ही अपडेट दे दिया है। अगर आईएमडी की भविष्यवाणी सच हुई तो क्या राजधानी में पिछली सर्दी का रिकॉर्ड टूटेगा या नहीं। ला नीना का क्या असर होगा। आइए जानते हैं इस बारे में सबकुछ।READ ALSO:-खुशखबरी! दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे अक्टूबर में शुरू हो जाएगा, पहले 2 सेक्शन में फर्राटा भर सकेंगे आप
जानिए IMD की भविष्यवाणी?
इस समय कई राज्यों में भारी बारिश हो रही है, जिससे लोगों को उमस और गर्मी से राहत मिली। आसमान में बादल छाए रहने और ठंडी हवाओं के कारण मौसम सुहाना है। इस समय ऐसा लग रहा है जैसे समय से पहले ही सर्दी ने दस्तक दे दी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी की है कि इस बार सर्दी जल्दी आएगी और तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस सीजन में पिछली सर्दी का रिकॉर्ड टूटेगा या नहीं?
इस समय कई राज्यों में भारी बारिश हो रही है, जिससे लोगों को उमस और गर्मी से राहत मिली। आसमान में बादल छाए रहने और ठंडी हवाओं के कारण मौसम सुहाना है। इस समय ऐसा लग रहा है जैसे समय से पहले ही सर्दी ने दस्तक दे दी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी की है कि इस बार सर्दी जल्दी आएगी और तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस सीजन में पिछली सर्दी का रिकॉर्ड टूटेगा या नहीं?
ला नीना का असर कब दिखेगा ?
आमतौर पर ला नीना को तापमान में कमी लाने और ठंड बढ़ाने के लिए जाना जाता है, जो मानसून के आखिर में सक्रिय हो जाता है। सर्दियों के मौसम में ला नीना के असर से बारिश भी होती है, जिससे ठंड और बढ़ जाती है। आईएमडी के मुताबिक सितंबर से नवंबर के बीच ला नीना के सक्रिय होने की 55 फीसदी संभावना है, वहीं अक्टूबर से फरवरी 2025 के बीच यह और मजबूत हो जाएगा और यह संभावना बढ़कर 60 फीसदी हो जाएगी। ऐसे में इस दौरान देश के कई राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इसका सबसे ज्यादा असर दिसंबर के मध्य से जनवरी तक देखने को मिलेगा।
आमतौर पर ला नीना को तापमान में कमी लाने और ठंड बढ़ाने के लिए जाना जाता है, जो मानसून के आखिर में सक्रिय हो जाता है। सर्दियों के मौसम में ला नीना के असर से बारिश भी होती है, जिससे ठंड और बढ़ जाती है। आईएमडी के मुताबिक सितंबर से नवंबर के बीच ला नीना के सक्रिय होने की 55 फीसदी संभावना है, वहीं अक्टूबर से फरवरी 2025 के बीच यह और मजबूत हो जाएगा और यह संभावना बढ़कर 60 फीसदी हो जाएगी। ऐसे में इस दौरान देश के कई राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इसका सबसे ज्यादा असर दिसंबर के मध्य से जनवरी तक देखने को मिलेगा।