क्यों खतरनाक होती है हीट वेव? दिल्ली-NCR समेत कई राज्यों में हीट वेव का कहर, IMD ने क्यों जारी किया रेड अलर्ट?

मई के महीने में दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। IMD ने हीट वेव को लेकर कई जगहों पर रेड अलर्ट भी जारी किया है। तो आइए जानते हैं कि लू क्या है?
 
देश में गर्मी का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. तापमान हर दिन नए रिकॉर्ड छू रहा है, जिसका सबसे बड़ा कारण लू है। लू के कारण पिछले 10 दिनों के अंदर अकेले राजस्थान में 9 लोगों की जान चली गई, जबकि बाड़मेर दुनिया का दूसरा सबसे गर्म जिला बन गया. ऐसे में कई लोगों के मन में लू को लेकर अनगिनत सवाल हैं. आख़िर ये लू क्यों और कहां से आती है? गर्मी की लहर को मापने का पैमाना क्या है? लू कैसे जानलेवा हो सकती है? देश के कितने राज्यों में लू का खतरा? तो आइए जानते हैं लू से जुड़े इन सभी सवालों के जवाब।READ ALSO:-मौत को छूकर बहार आया! शख्स चलती ट्रेन के नीचे जिंदगी और मौत से लड़ता दिखाई दे रहा है, Video देख आप का दिल दहल जाएगा

 

लू क्या है?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने पर लू की घोषणा की जाती है, जबकि पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पारा लू की श्रेणी में आता है. जबकि तटीय राज्यों में 37 डिग्री सेल्सियस से ऊपर के तापमान को हीट वेव माना जाता है। इसके अलावा यदि किसी स्थान का तापमान सामान्य तापमान से 6.4 डिग्री सेल्सियस अधिक है तो वह स्थान भीषण लू की श्रेणी में गिना जाता है।

 

दिल्ली एनसीआर में क्यों बढ़ रहा है लू का खतरा?
राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में लू का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इसका कारण राजस्थान से आने वाली गर्म हवाएं हैं। दरअसल, गुजरात से रायसेना हिल्स (Rashtrapati Bhavan) तक फैले अरावली पर्वत रेगिस्तान की गर्म हवाओं को रोकते हैं। लेकिन अवैध खनन और प्राकृतिक आपदाओं के कारण अरावली का कद घटता जा रहा है। यही कारण है कि गर्मियों में रेगिस्तान से आने वाली गर्म हवाएँ उत्तर और पूर्व की ओर बढ़ती हैं, जिसके कारण उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में लू का कहर अधिक देखने को मिलता है।

 


किन राज्यों में चलती है लू?
मई माह में लू चलने का खतरा अधिक रहता है। इस अवधि के दौरान, राजस्थान और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात को भी लू का कहर झेलना पड़ रहा है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कुछ इलाकों में लू देखी जा रही है, जबकि तमिलनाडु और केरल में भी कुछ देर के लिए लू ने दस्तक दी है। 

 

रेड अलर्ट कब जारी किया जाता है?
दरअसल, गर्मी शुरू होते ही लू भी सक्रिय होने लगती है। लेकिन मई के महीने में आईएमडी (IMD) अक्सर उत्तर भारत के कई इलाकों में रेड अलर्ट जारी करता है।  आपको बता दें कि अगर किसी क्षेत्र में लगातार 2 दिनों से अधिक समय तक लू सक्रिय रहती है तो उसे रेड अलर्ट की श्रेणी में रखा जाता है। इसके अलावा उन इलाकों में भी रेड अलर्ट जारी किया जाता है जहां एक ही मौसम में लगातार 6 बार से ज्यादा लू चलने की संभावना होती है। 

 

लू खतरनाक क्यों है?
लू कई लोगों के लिए जानलेवा भी साबित होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक, 1998 से 2017 के बीच लू के कारण 1 लाख 66 हजार लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे में लू से बचने के लिए धूप का कम से कम संपर्क और अधिक पानी पीना बेहतर इलाज साबित हो सकता है।