पत्नी के साथ जबरदस्ती SEX बलात्कार नहीं, बिलासपुर हाईकोर्ट ने पति को किया बरी, अप्राकृतिक संबंध बनाने का दोषी पाया

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति को वैवाहिक बलात्कार से बरी करते हुए कहा कि कानूनी रूप से विवाहित पुरुष और महिला के बीच सेक्स बलात्कार नहीं माने जाएंगे।

 

पत्नी के साथ जबरन सेक्स (Sex with Wife) करने के आरोपी पति को छत्तीसगढ़ की बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur Highcourt) ने गुरुवार को आरोप मुक्त कर दिया है। LiveLaw की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने कहा कि दो लोग जो कानूनी रूप से शादी कर चुके हैं उनके बीच सेक्स करते समय भले ही पति द्वारा बलपूर्वक पत्नी की इच्छा के खिलाफ जबरदस्ती की गई हो, लेकिन इसे रेप (Rape) नहीं कहा जा सकता है। हालांकि अदालत ने आरोपी को पत्नी के साथ अननेचुरल सेक्स (Anal Sex) करने का दोषी पाते हुए धारा 377 को बरकरार रखा है। Read Also : CONDOM नहीं था तो SEX के लिए युवक ने सिलूचन से चिपकाया अपना Penis, मौत

बता दें कि बीती सात अगस्त को केरल हाईकोर्ट ने पति द्वारा पत्नी के साथ जबरन सेक्स करने को वैवाहिक बलात्कार (marital rape) बताया था। वहीं मुंबई की सेशन कोर्ट (Mumbai Court ) ने भी कुछ दिन पहले पत्‍नी की मर्जी के बगैर जबरन सेक्स (Sex) करने के मामले में फैसला सुनाते हुए कहा था कि आरोपी पति ने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया है।  Read Also: SEX में लड़की को नहीं कर पाते संतुष्ट तो आजमाए ये टिप्स, मदहोश होकर करेगी संभोग

दरअसल बेमेतरा की रहने वाली महिला ने अपने रायपुर निवासी पति और सास-ससुर पर दहेज की मांग करने और घरेलू हिंसा के आरोप लगाए थे। पति ने दहेज की मांग करते हुए उसके साथ मारपीट और उसे गाली देना शुरू कर दिया। इसके अलावा महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी मर्जी के खिलाफ पति जबरन उसने साथ सेक्स करता है। विरोध करने पर मारपीट करता है। इनता नहीं पति कई बार उसके साथ अप्राकृतिक सेक्स भी कर चुका है। प्रताड़ना से तंग आकर पत्नी ससुराल छोड़ अपने मायके बेमेतरा चली गई, जहां उसने अपने पति के खिलाफ अप्राकृतिक सेक्स (unnatural sex) करने सहित, दहेज प्रताड़ना और बलात्कार के तहत मामला दर्ज करवा दिया था। Read Also : Sex करते हुए अपनाएं स्प्रेड ईगल पोजीशन, पलंग तोड़ संभोग करेगी पार्टनर

बेमेतरा जिला न्यायालय ने पति को ठहराया दोषी

ये पूरा मामला बेमेतरा जिला न्यायालय पहुंचा था, जहां अदालत ने रायपुर निवासी पति को तीनों आरोपों में उसे दोषी माना था। हालांकि, बेमेतरा कोर्ट ने इस पर अभी सजा नहीं सुनाई है। पति ने निचली अदालत के इस फैसले को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अपने वकील के जरिए चुनौती दी थी। अब कोर्ट ने उसे बलात्कार के आरोपों से मुक्त कर दिया है। Read Also : मनोरंजन के लिए सेक्स नहीं करती भारत की लड़कियां, प्रेमी की जमानत खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा

केरल हाईकोर्ट ने कहा था- पत्नी की इच्छा के विरुद्ध यौन संबंध बनाना वैवाहिक बलात्कार

इससे पहले पति द्वारा जबरन सेक्स करने के एक मामले में केरल केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने कहा था कि पत्नी के शरीर को पति द्वारा अपनी संपत्ति समझना और उसकी इच्छा के विरुद्ध यौन संबंध बनाना (treating the body of the wife as his property by the husband and having sex against his will amounts to marital rape) वैवाहिक बलात्कार (Marital Rape) है। न्यायमूर्ति ए. मोहम्मद मुस्ताक और न्यायमूर्ति कौसर एडप्पागथ की खंडपीठ ने कहा था कि शादी और तलाक धर्मनिरपेक्ष कानून के तहत होने चाहिए और देश के विवाह कानून को फिर से बनाने का समय आ गया है।  यह भी पढ़ें : शादी के वादे पर किया गया सेक्स दुष्कर्म है, इलाहबाद हाईकोर्ट ने कहा- महिलाएं भोग विलास की वस्तु नहीं, इस पर कानून बनाएं

कोर्ट ने पाया कि पति अपनी पत्नी के साथ पैसे कमाने की मशीन की तरह व्यवहार करता था और पत्नी ने विवाह की खातिर उत्पीड़न को सहन किया, लेकिन जब उत्पीड़न और क्रूरता बर्दाश्त से परे पहुंच गई, तो उसने तलाक के लिए याचिका दायर करने का फैसला किया था। पीठ ने कहा था कि, ”दंडात्मक कानून के तहत वैवाहिक बलात्कार को कानून मान्यता नहीं देता, केवल यह कारण अदालत को तलाक देने के आधार के तौर पर इसे क्रूरता मानने से नहीं रोकता है। इसलिए, हमारा विचार है कि वैवाहिक बलात्कार तलाक का दावा करने का ठोस आधार है।” Read Also : 15 वर्ष से अधिक उम्र की पत्नी के साथ सेक्स करना दुष्कर्म नहींः हाईकोर्ट

जबरन सेक्‍स करने के बाद पत्‍नी को मार गया लकवा, मुंबई सेशन कोर्ट ने कहा- पति ने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया

वहीं मुंबई की सेशन कोर्ट (Mumbai Court ) ने पत्‍नी की मर्जी के बगैर जबरन संबंध बनाने के मामले में कहा था कि पत्‍नी के साथ जबरन संबंध बनाने के आरोपी पति ने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया है। दरअसल मुंबई के अडिशनल सेशन जज एसजे घरात की कोर्ट में महिला ने अपना पक्ष रखते हुए आरोप लगाए कि उसके पति ने उसके साथ जबरन संबंध बनाए, जिसके कारण उसे लकवा मार गया। महिला ने पति पर जबरन संबंध बनाने और दहेज उत्‍पीड़न का आरोप लगाया था जबकि आरोपी पति ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। इस पर कोर्ट ने कहा आरोपी व्‍यक्ति महिला का पति है, इसलिए ये कहना गलत होगा कि पति होने के नाते उसने कोई गैरकानूनी काम किया है।