इलाहाबाद और फिरोजाबाद डेंगू, मलेरिया की चपेट में; अभी तक 51 की मौत

शहर में बाढ़ का पानी तो चला गया लेकिन पीछे बीमारियां छोड़ गया है। कोरोना की तीसरी लहर का डर लोगों को सता ही रहा था कि अब जिले में डेंगू , मलेरिया ,टाइफाइड के मरीज भी अस्पतालों में पहुंचने लगे हैं शासन-प्रशासन की जिम्मेदारियां बढ़ गई है।
 
कोरोना की तीसरी लहर का डर लोगों को सता ही रहा था कि अब जिले में डेंगू , मलेरिया ,टाइफाइड के मरीज भी अस्पतालों में पहुंचने लगे हैं। शासन-प्रशासन की जिम्मेदारियां बढ़ गई है. शहर में बाढ़ का पानी तो चला गया लेकिन पीछे बीमारियां छोड़ गया है यही कारण है कि गोविंदपुर , सलोरी तथा अन्य कहारी इलाकों से ज्यादा मरीज आ रहे हैं।  कोरोना ,मलेरिया – डेंगू दोनों का ख्याल रखते हुए पहले आने वाले मरीजों की अस्पतालों में कोरोना जांच हो रही है फिर अन्य जांच करके बीमारी के अनुसार इलाज किया जा रहा है। क्योंकि कोविड-19 डेंगू ,मलेरिया बिल्कुल अलग तरह की बीमारी है लेकिन इनके कई लक्षण हैं जिसकी वजह से  बीमारी का पता लगाना मुश्किल हो सकता है ।
उत्तर प्रदेश में डेंगू धीरे-धीरे फैलता जा रहा है। जानकारी के मुताबिक  फिरोजाबाद में पिछले 24 घंटे में 1 बच्चे की मौत हो गई। जिससे डेंगू से मरने वालों का आंकड़ा 51 पहुंच गया है। सीएमओ का कहना है कि डॉक्टर की टीम लगी हुई हैं। वहीं, दूसरी ओर मलेरिया से पीड़ित भी सामने आ रहे हैं।

 

डेंगू-मलेरिया से हालात खराब हो रहे हैं। रविवार को फ़िरोज़ाबाद के CMO ने बताया, “पिछले 24 घंटे में 1 बच्चे की मृत्यु हुई है। मृतकों का आंकड़ा 51 हो गया है। हम लोगों को समझा रहे हैं कि आसपास पानी ना जमा होने दें। अगर पानी है तो उस पर काला तेल डाल दें।” जिससे वहां मच्छर ना पैदा हो सकें। हो सके तो ज्यादा से ज्यादा घरों के अंदर व आसपास सफाई रखें। 

 

प्रयागराज में भी डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। प्रयागराज के सीएमओ डॉ. नानक सरन ने बताया कि उन्होंने अस्पताल जाकर निरीक्षण किया है। जिसमें अस्पताल में मरीज़ों के परिचारकों ने बताया कि उनको यहां सुविधा ज़्यादा अच्छी मिलती है और उनका बच्चा यहां से ठीक होकर जाता है, तो उन्हें कुछ दिक़्क़त नहीं है: मोतीलाल नेहरू अस्पताल के CMO डॉ नानक सरन, 

 

डेंगू से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय का उपयोग करें

 

  • मच्छर को भागकर डेंगू से बचें – डेंगू के उपचार करने से पहले अपने आप को डेंगू से बचाव करने का तरीका अपनाना चाहिए, ताकि डेंगू से पीड़ित होने से बच सके। इस बीमारी से बचने का सबसे सरल तरीका है मच्छरो को घर से बाहर भगाना क्योंकि मच्छरो के काटने से यह बीमारी फैलती है। इसलिए मच्छरो को भगाने वाले उत्पात का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा बाजार में कोइल मिलते है जिनके धुए से मच्छर भाग जाते है, किंतु कोइल जलाने पर विशेष ध्यान रखे आसपस कोई वस्तु न हो या छोटे बच्चों के हाथ न लगे। कुछ उत्पाद इलेक्ट्रिक से चलते है जिनको लगाकर छोड़ दे आपको मच्छरो से छुटकारा मिलेगा। 
  • मच्छरदानी का उपयोग करें – बहुत पुराने समय से मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग किया जाता है। मच्छर के काटने से बचने के लिए नेट वाले मच्छर दानी का उपयोग कर सकते है। कई लोग के अनुसार मच्छर दानी पर मच्छर बैठकर काट लेते है। यदि आप मच्छरदानी पर कीटनाशक का उपयोग करेंगे तो मच्छर नहीं बैठेंगे यही वजह है आप मच्छर से बच जाएंगे। मच्छरदानी केवल डेंगू को नहीं बल्कि अन्य किट को रोकने का काम करता हैं।
  • डेंगू से बचने के लिए कपडे – डेंगू एक विषैला मच्छर है जिसके काटने से डेंगू बुखार होता है। यदि स्वस्थ व्यक्ति को डेंगू मच्छर काटता है तो उसके शरीर में डेंगू के वायरस प्रवेश कर लेते है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति को कोई मच्छर काटकर दूसरे व्यक्ति को काटता है तो संक्रमण मच्छर और व्यक्ति दोनों में फैलता है। डेंगू मच्छर और अन्य मच्छर से बचने के लिए सबसे सरल उपाय एक ही है। आप फूल कपडे पहने जैसे पैंट, सर्ट पूरी बाहो के, मोज़े का उपयोग करे। अपने घर के परिसर को हमेशा साफ रखे ताकि मच्छर पनपने ना पाए। यदि आप बाहर है मच्छर वाले स्थान पर तो शरीर को ढकने का प्रयास करे। जिससे मच्छर आपको काट न पाए। 
  • डेंगू से बचने के लिए सुगंधित उत्पाद का उपयोग न करें – डेंगू बुखार से बचना बहुत जरुरी होता है और साथ ही घरेलु उपचार की सहायता ले सकते है। किंतु डेंगू बुखार से सुरक्षा रखने के लिए सुगंधित उत्पात का उपयोग करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि अधिक सुगंधित गंध मच्छरो को और आकर्षित करती है। डेंगू रोगी के आस पास सुगंधित चीजों का प्रयोग न करे और डेंगू संक्रमण का जोखिम होने पर इत्र या सेंट का उपयोग बिलकुल भी न करें। 
  • डेंगू से बचने के लिए खिड़कियों में जालिया लगाए – डेंगू से बचने के लिए घर के खिड़की और जगलो में जाली होनी चाहिए ताकि कोई भी मच्छर अंदर प्रवेश न कर सके। घर के खिड़की और दरवाजो में जलीया जरूर लगवा ले। इसे साथ ही कमरे में रौशनी होनी चाहिए क्योंकि अंधेरो में मच्छर अधिक रहते है और आसानी से छिप जाते है। यदि जरूरत न हो तो बार-बार दरवाजे और खिड़की को न खोले। ऐसा करने पर आप डेंगू से खुद का और अन्य लोगो को बचा सकते हैं। 
  • घर के आसपास पानी न जमा होने दे – बरसात के मौसम में अपने घर के आसपास साफ पानी जमा न होने दे बहुत से लोग को लगता गंदे पानी में केवल डेंगू पनपता है लेकिन साफ पानी में आसानी से डेंगू मच्छर पनप सकता है। इसलिए पानी को जमा न होने दे और अपने घर में साफ-सफाई बनाये रखे। यदि आप स्वच्छता बनाये रखेंगे तो डेंगू के संक्रमण से बचाव कर सकते है।
  • डेंगू से बचने के लिए सुबह शाम टहलने से बचें – जैसा की आपको पता है सुबह शाम टहलना सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। लेकिन डेंगू संक्रमण का खतरा अधिक होने पर सुबह शाम टहलने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि सुबह और शाम मच्छर अधिक आक्रमक हो जाते है और सुबह- शाम मच्छर का प्रभाव अधिक रहता है। इसलिए ऐसे  समय घर में व्यायाम कर ले और जितना हो सके घर से सुबह और शाम बाहर न निकले। इसके अलावा कोई बहुत जरुरी कार्य है तो पूरी बाही के कपडे पहनकर निकले ताकि मच्छर आपको काट न पाएं। इस तरह आप डेंगू से खुद की रक्षा कर सकते है।