National Food Security Act : 70 लाख राशन कार्ड लाभार्थी पर सरकार को संदेह, राज्यों को 'जमीनी सत्यापन' Ground Verification' के निर्देश

खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा, 'यदि किसी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है तो वह इस अधिनियम के तहत लाभ पाने का हकदार नहीं होगा। इसलिए उसे लाभार्थियों की सूची से हटा दिया जाएगा।
 
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कम से कम 70 लाख लोगों को संदिग्ध पाया गया है। केंद्र सरकार ने यह जानकारी दी है। सरकार ने संदिग्ध पाए गए लोगों से संबंधित अपना डेटा राज्यों के साथ जमीनी सत्यापन के लिए साझा किया है। इसे स्पष्ट करते हुए खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने शुक्रवार को कहा कि 2013 से 2021 के बीच राज्यों ने 4.74 करोड़ राशन कार्ड या तो हटा दिए हैं या रद्द कर दिए हैं। Read Also:- उत्तर प्रदेश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा आदेश उत्तर प्रदेश के 75 बस स्टैंडों का बदलेगा नाम, 75 बसों को भी मिलेगी नई पहचान

 

सुधांशु पांडे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हाल ही में करीब 70 लाख लाभार्थियों को संदिग्ध पाया गया है और अब इससे जुड़े आंकड़े जमीनी सत्यापन (Ground Verification) के लिए संबंधित राज्यों को भेजे गए हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने  कहा कि 19 करोड़ लाभार्थियों के 4.74 करोड़ राशन कार्ड हटा दिए गए हैं और उनके स्थान पर नए लाभार्थियों को जोड़ा गया है। Read Also:- रक्षा बंधन 2022: रक्षा बंधन पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का महिलाओं को तोहफा, 2 दिनों के लिए बस यात्रा हुई मुफ्त

 

अगर आर्थिक स्थिति अच्छी होगी तो लाभ नहीं मिलेगा
खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा, "राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभार्थियों का निर्माण एक सतत प्रक्रिया है। आज कोई भी व्यक्ति इस अधिनियम के तहत लाभ पाने का हकदार हो सकता है। जबकि कल वह अपनी अच्छी आर्थिक वृद्धि के कारण इसके हकदार नहीं होंगे। यदि किसी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है तो वह इस अधिनियम के तहत लाभ पाने का हकदार नहीं होगा। इसलिए उन्हें लाभार्थियों की सूची से हटा दिया जाएगा और उनके स्थान पर कुछ अन्य जरूरतमंदों को इस सूची में शामिल किया जाएगा। खाद्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 9 वर्षों में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 4.74 करोड़ राशन कार्ड हटाए या रद्द किए गए हैं। 2014 से 2021 के बीच ही 4.28 करोड़ राशन कार्ड हटाए और रद्द किए गए हैं।

 

उत्तर प्रदेश में हटाए गए सबसे ज्यादा राशन कार्ड
आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2016 में 84.26 लाख राशन कार्ड हटाए या रद्द किए गए और यह पिछले 9 वर्षों के दौरान रिकॉर्ड सबसे अधिक संख्या है। डेटा के आंकड़े यह भी बताते हैं कि कोविड के दो साल (2020 और 2021) के दौरान 46 लाख राशन कार्ड हटाए और रद्द किए गए। आंकड़ों के राज्यवार विश्लेषण की बात करें तो उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 1.73 करोड़ राशन कार्ड निकाले गए हैं। जबकि उत्तर प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल में 68.62 लाख, महाराष्ट्र में 42.66 लाख, कर्नाटक में 30.09 लाख और राजस्थान में 22.66 लाख राशन कार्ड हैं।