वायुसेना के सुखोई-30 और मिराज-2000 क्रैश,कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश जारी

 

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में वायुसेना के सुखोई-30 और मिराज 2000 विमान क्रैश हो गए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। दोनों विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी। यहां वायुसेना का अभ्यास चल रहा था। सेना के सूत्रों के मुताबिक, विमान हादसे की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश हो गए हैं। वायुसेना इस बात की जांच करेगी कि क्या दोनों विमान आपस में टकराए। सुखोई में 2 पायलट और मिराज में एक पायलट था। इस हादसे पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुख जताया है। 

सेना के सूत्रों के मुताबिक, सेना ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को हादसे की जानकारी दे दी है। उन्होंने पायलटों की सुरक्षा की जानकारी मांगी है। रक्षा मंत्री इस मामले की पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। दूसरी ओर, एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लड़ाकू विमानों के हादसों पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुरैना के कोलारस के पास वायुसेना के सुखोई-30 और मिराज-2000 विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर अत्यंत दुखद है। मैंने स्थानीय प्रशासन को त्वरित बचाव एवं राहत कार्य में वायुसेना के सहयोग के निर्देश दिए हैं। विमानों के पायलट के सुरक्षित होने की ईश्वर से कामना करता हूं। जम्मू-कश्मीर : राहुल गाँधी की यात्रा में अचानक पूरी तरह ठप्प हुई पुलिस व्यवस्था, राहुल बोले- जिन्हें भीड़ को संभालना था, वे दिखे ही नहीं; बनिहाल में रोकी गई पदयात्रा

सुखोई Su-30MKI रूस के सुखोई कॉर्पोरेशन द्वारा विकसित और भारत के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा लाइसेंस के तहत निर्मित एक ट्विन-जेट मल्टीरोल एयर श्रेष्ठता सेनानी है। यह Su-30 का एक प्रकार है और भारतीय वायु सेना के विनिर्देशों के अनुरूप है। यह हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों की एक विस्तृत श्रृंखला को ले जाने में सक्षम है, और इसे बम और रॉकेट से भी लैस किया जा सकता है। Su-30MKI की अधिकतम गति 2,120 किमी/घंटा और युद्धक क्षमता 3,000 किमी है। इसमें एक ग्लास कॉकपिट सहित उन्नत एवियोनिक्स है, और इसमें दो का दल है। Su-30MKI 2002 से भारतीय वायु सेना के साथ सेवा में है और कई युद्ध अभियानों में इसका उपयोग किया गया है।