Cheetahs Return: कूनो नेशनल पार्क में आफ्रिकी चीते कैसे करेंगे सर्वाइव, जानें वजह

 

Cheetahs returnजमीन पर दौड़ने वाले सबसे तेज प्राणी चीते की 70 साल बाद भारत में वापसी हुई है। 1952 में भारत में चीते को विलुप्त प्राणी घोषित किया गया था। 17 सितंबर को मध्यप्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री मोदी ने नामीबिया से आए 8 चीतों को छोड़ा। सवाल ये है की यह आफ्रिकी चीते भारत के कूनो नेशनल पार्क में कैसे सर्वाइव कर पाएंगे?

अफ्रीका से भारत आए चीतों के लिए यह एक नया महाद्वीप है, नया देश है, वातावरण अलग है, मौसम और जलवायु अलग है तो यह जीव कैसे सर्वाइव करेंगे? सबसे बड़ी मुश्किल यह है की चीते मांसाहारी प्राणी है और कूनो नेशनल पार्क भारत के एकदम मध्य भाग में है। जहां एक वर्ग किलोमीटर में 360 व्यक्ति रहते है। एसे में यहा चीतों को सर्वाइव करने में दिक्कत भी आ सकती है। आइए जानते है वो वजहें जिनकी वजह से कूनो नेशनल पार्क में चीतों सर्वाइव कर सकते है एसी आस लगाई गयी। 

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  1.  चीते ऊंचे घास वाले मैदानों में रहना पसंद करते है। वें घने जंगलों में नहीं रहते क्यूंकी तेजी से दौड़ कर शिकार करने के लिए घने जंगल से ज्यादा घासवालें मैदान अनुकूल होते है। 
  2.  सूखे और उमस बिना के मौसम में चीते रह सकते है। वहाँ ज्यादा बारिश न हो और ज्यादा ठंडा न हो।
  3.  कूनो नेशनल पार्क 3200 वर्ग किलोमीटर में फैला है। लेकिन चीतों के हिसाब से उपयुक्त इलाका 748 वर्ग किलोमीटर है।
  4.  कूनो नेशनल पार्क में अधिकतम तापमान 42.3 डिग्री सेल्सियस होता है और सबसे न्यूनतम तापमान 6 से 7 डिग्री होता है। 
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  5.  कूनो पार्क में सालभर में 760 mm बारिश होती है।
  6.  चीता मांसाहारी प्राणी है। चीते को शिकार के लिए नेशनल पार्क में चीतल, सांभर, नीलगाय, जंगली सुअर, चिंकारा, चौसिंघा, ब्लैक बक, ग्रे लंगूर, लाल मुंह वाले बंदर, शाही, भालू, सियार,  लकड़बग्घे, ग्रे भेड़िये, गोल्डेन सियार, बिल्लियां, मंगूज जैसे कई जीव रहते है।
  7.  चीतों को शुरुआत में 6 वर्ग किलोमीटर के फेंसिंग वाले बाड़े में रखा जाएगा। जहा चीते एक दूसरे को समजेऔर यहा के मौसम के साथ जगह से ताल मेल साध सकेंगे।
  8.  चीता एक सामाजिक प्राणी हैं। नामीबिया से 3 नर चीते और 5 मादा चीते भारत लाए गए है।