NCRTC ने वाराणसी में लगी प्रदर्शनी में कहा- 17 किमी. प्राथमिक खंड 2023 तक हो जाएगा शुरू, मेरठ में बनेंगे 13 स्टॉप

अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन के अवसर पर लगी प्रदर्शनी में एनसीआरटीसी ने बताया कि 17 किमी लंबे प्राथमिकता वाले खंड को 2023 तक चालू कर दिया जाएगा। बाकि का 2025 तक शुरू करने का लक्ष्य है।
 
उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varansi UP) में शुक्रवार को अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कार्यक्रम में वर्चुअल संवाद किया। वहीं, बड़ा लालपुर स्थित पं दीनदयाल हस्तकला संकुल में प्रदर्शनी लगाई गई। जिसमें National Capital Region Transport Corporation (NCRTC) ने भी स्टॉल लगाई। इसमें आरआरटीएस परियोजना का प्रदर्शन किया गया। जिसमें भारत की पहली रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना के बारे में बताया गया। प्रदर्शनी का केंद्रीय शहरी विकास एवं आवासन मंत्री हरदीप पुरी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दौरा किया।

 

NCRTC ने प्रदर्शनी में बताया कि Regional Rapid Transit System (RRTS) मेरठ, गाजियाबाद सहित अनेक शहरों में किस प्रकार कार्य करेगा। इससे रोजगार, क्षेत्र का विकास और कनेवक्टीविटी में क्या लाभ होंगे इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। बताया कि 17 किमी लंबे प्राथमिकता वाले खंड को 2023 तक चालू कर दिया जाएगा। बाकि का 2025 तक शुरू करने का लक्ष्य है।

मेरठ में होंगे 13 स्टॉपेज

प्रदर्शनी में RRTS के बारे मेंबताया किया कि आरआरटीएस बुनियादी ढांचे का उपयोग मेरठ में 13 स्टॉप के साथ 21 किमी से अधिक की स्थानीय ट्रांजिट सेवाओं (मेरठ मेट्रो) को संचालित करने के लिए भी किया जाएगा। जिससे मेरठ के लोगों को रोजगार सहित क्षेत्रीय विकास में बड़े लाभ होगें। जानकारी के अनुसार विभिन्न वैल्यू एडिशन पहलों को अपनाकर आरआरटीएस और मेरठ मेट्रो सेवाओं का समायोजन किया गया। इससे  करीब 6500 करोड़ रुपये की बचई हुई है। 

 

सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की लागत 30 हजार 724 करोड़ रुपये

प्रदर्शनी में बताया गया कि मेरठ, गाजियाबाद  को दिल्ली से जोड़ने वाला सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (Semi-High Speed Rail Corridor) आरआरटीएस परियोजना के पहले चरण के तहत नियोजित तीन प्राथमिकता वाले गलियारों में से एक है। इसकी अनुमानित लागत 30,724 करोड़ रुपये आंकी गई है।

देश का सबसे लंबा आरआरटीएस कॉरिडोर

जानकारी के अनुसार आरआरटीएस कॉरिडोर देश का पहला होगा जिसकी लंबाई 82 किमी होगी। 180 किमी. प्रति घंटे की गति और 100 किमी प्रति घंटे की औसत गति के साथ लोग सफर का आनंद ले सकेंगे। बताया कि यह यात्रा के समय को 60 मिनट से कम कर देगा, जिसमें 3-4 घंटे का समय लगता है। इससे हर रोज यूपी वेस्ट के लगभग 8 लाख यात्रियों को लाभ होगा। 

इस तरह के होंगे कोच , ये होंगीे सुविधा

जानकारी के अनुसार आरआरटीएस ट्रेनों में प्रीमियम और स्टैंडर्ड कोच होंगे। हर ट्रेन में  महिला यात्री कोच होगा। खड़े यात्रियों के लिए ग्रैब हैंडल, ओवरहेड लगेज रैक, मोबाइल / लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट, ऑन-बोर्ड वाई-फाई मिलेगा। बताया कि मेरठ और गाजियाबाद, पश्चिमी यूपी में कुल 68 किमी (लगभग 85%) कॉरिडोर का विकास किया जा रहा है।

 

1200 पिलर बनाए जा चुके


 जानकारी के अनुसार कॉरिडोर में एलिवेटेड सेक्शन के संचालन में 19 लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) के साथ एनसीआरटीसी काम कर रहा है। 82 किमी लंबे आरआरटीएस कॉरिडोर पर 14 हजार से अधिक कर्मचारी और 1100 इंजीनियर कार्य में लगे हैं। एलिवेटेड सेक्शन के 1200 से अधिक पिलर बनाए गए हैं, 50 किमी से अधिक फाउंडेशन का काम और लगभग 14 किमी वायाडक्ट पूरा हो चुका है।