विश्व लिवर दिवस : सावधान रहे, शराब नहीं पीते तो भी खराब हो सकता है लिवर, लिवर शरीर में 400 तरह के कार्य करता है 

अगर कोई पूछे कि शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग कौन सा है तो आप शायद दिल का नाम लेंगे। लेकिन दिल के साथ-साथ लिवर भी उतना ही महत्वपूर्ण अंग है। इसे शरीर का पावरहाउस कहा जाता है क्योंकि यह शरीर में 300 से 400 प्रकार के कार्य करता है। अगर इसकी ठीक से देखभाल की जाए तो यह हमेशा दुरस्त बना रहता है। जानिए आज विश्व लीवर दिवस पर लीवर के बारे में:-
 
जिगर याने लिवर, आपने अक्सर हम प्यार अपने बच्चो बोलते हैं के तू तो मेरा जिगर का टुकड़ा है और खुद से भी ज्यादा अपने जिगर के टुकड़े यानि अपने बच्चों का ख़याल रखते हैं,  अब आप खुद ही समझ सकते हैं की हमारी जिंदगी में लीवर की क्या है। और हो भी क्यों नहीं, यह अकेले ही शरीर में 300 से 400 तरह के काम करता है। इसके बाद भी वह जीवनभर जवान ही रहता है। परेशानी तब आती है जब हम इसकी देखभाल करना बंद कर देते हैं। अगर ध्यान न दिया जाए तो कुछ समय बाद यह सुस्त पड़ जाता है और काम करना बंद कर सकता है।READ ALSO:-इन इलाकों में आज बंद रहेंगे बैंक, स्कूल, कॉलेज समेत शराब की तमाम दुकानें, चेक करें लिस्ट

 

शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करता है
हम जानते हैं कि अधिकतर खाद्य पदार्थों में पोषण होता है। लीवर इन पोषक तत्वों को शरीर के सभी भागों तक पहुंचाने का काम करता है। दरअसल, हम जो भी चीजें खाते हैं वह पेट के जरिए आंतों तक पहुंचती है। वहां इनका रस बनता है और यह रस लीवर तक पहुंचता है। इस जूस में आवश्यक पोषक तत्व (Minerals, Proteins, Fats, Glucose, Vitamins etc) होते हैं। लिवर इन पोषक तत्वों को शरीर के सभी आवश्यक अंगों तक पहुंचाने का काम करता है।

 

  • शरीर से विषैले पदार्थो को बाहर निकालना।
  • प्रोटीन और कोलेस्ट्रॉल बनाना। 
  • शराब और दवाओं को पचाना। 
  • मेटाबॉलिज्म को रेग्युलेट करना। 
  • पुरानी रक्त कोशिकाओं को ख़त्म करना आदि।

 

साथ ही पीलिया होने से भी रोकता है
लिवर शरीर में पीलिया को होने से भी रोकता है। दरअसल, जब पुरानी रक्त कोशिकाएं टूटती हैं तो बिलीरुबिन नामक पदार्थ बनता है जो पीलिया पैदा करने के लिए जिम्मेदार होता है। लिवर का एक कार्य शरीर से बिलीरुबिन को बाहर निकालना है। यदि लीवर में कोई समस्या हो तो व्यक्ति को पीलिया हो जाता है।

 

अगर आप शराब नहीं पीते हैं तो भी लिवर खराब हो सकता है
फैटी लीवर के कई मामले सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक फैटी लिवर का सबसे बड़ा कारण गलत खान-पान है। इसके अलावा ऐसी चीजें खाएं जिनमें वसा की मात्रा अधिक हो। फैटी लीवर की स्थिति से बचने के लिए जरूरी है कि हम तेल, वसा आदि कम खाएं और हर दिन व्यायाम करें। वहीं शराब का सेवन करने वालों का लिवर भी कमजोर हो जाता है। जो लोग शराब नहीं पीते या वसायुक्त भोजन नहीं खाते, उनका भी लीवर खराब हो सकता है। दर्दनिवारक या नशीली दवाओं के सेवन से यह लिवर खराब हो सकता है। दर्दनिवारक दवाओं, विशेषकर पेरासिटामोल नमक वाली दवाओं के लगातार सेवन से लीवर खराब हो सकता है क्योंकि जब कोई भी दवा का सेवन किया जाता है तो वह सीधे लीवर में जाती है और लीवर को प्रभावित करती है। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के अपनी मर्जी से कोई भी दवा न लें।

 

क्षतिग्रस्त लीवर भी अपने आप ठीक हो सकता है
यदि किसी व्यक्ति का लीवर 75 प्रतिशत तक भी क्षतिग्रस्त हो जाए तो भी वह 4 से 6 सप्ताह के भीतर अपने मूल स्वरूप में वापस आ सकता है। इसे पुनर्जनन शक्ति भी कहते हैं। इसके लिए उचित खान-पान और डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाओं का सेवन करना जरूरी है।

 

ऐसे मरीजों को हर 6 महीने में जांच करानी चाहिए।
एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलिअरी साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड लिमिटेड फोर्टिस हेल्थकेयर में लिवर ट्रांसप्लांट और एचपीबी सर्जरी के अध्यक्ष और निदेशक डॉ. विवेक विज का कहना है कि लिवर शरीर के आवश्यक अंगों में से एक है। इसकी उचित देखभाल बहुत जरूरी है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार समय-समय पर परीक्षण कराकर लीवर के स्वास्थ्य की जांच करते रहें। जिन लोगों को रक्तचाप, मधुमेह और मोटापा है उन्हें हर 6 महीने में लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) और अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए। जो लोग पूरी तरह से स्वस्थ हैं उन्हें भी साल में एक बार यह टेस्ट करवाना चाहिए। अगर लिवर में कोई समस्या दिखे तो समय रहते इसका इलाज कराएं।