डेंगू से मेरठ में हाहाकार: अस्पतालों में मरीजों की कतारें, ऐसा ही रहा तो ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स का पड़ सकता है अकाल
मेरठ जिले में जिस तरह से डेंगू खतरनाक ढंग से अपने पांव पसार रहा है और रोजाना नए मरीजों की संख्या बढ़ रही है उससे स्वास्थ्य विभाग के अफसर चिंता में हैं। वहीं अगर डेंगू बिगड़ा तो आने वाले दिनों में प्लेटलेट मिलने में भी दिक्कतें आ सकती हैं।
Updated: Sep 30, 2021, 14:09 IST
Meerut Dengue Alert : कोरोना के बाद मेरठ में डेंगू (Dengue Case in Meerut) से हाहाकार मचा हुआ है। मेडिकल काॅलेज-जिला अस्पताल सहित निजी अस्पताल फुल हो गए हैं। सरकारी रिकॉर्ड में भले ही 439 मामले दर्ज हैं, लेकिन रजपुरा, सरूरपुर और सरधना ब्लॉक के दर्जनों गांवों में हर घर में कोई न कोई बीमार है। अब ऊपर से मुश्किल ये है कि शहर के अस्पतालों में प्लेटलेट्स खत्म होने की कगार पर है। ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स के लिए भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में यदि डेंगू पर कंट्रोल नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में जिले के ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की भारी कमी हो जाएगी।
बुधवार को मेरठ में 32 नए मरीज मिले हैं, वहीं टीपीनगर क्षेत्र में बुखार से एक बच्ची की मौत भी हुई है। जिले में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 439 पहुंच गया है। शहरी क्षेत्र में 226 और ग्रामीण क्षेत्र में कुल 213 मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पांच स्थानों को हाट स्पाट के रूप में चिह्नित किया है। इनमें मलियाना में 67, रोहटा में 52, मवाना में 38, जानी में 25 और कंकरखेड़ा में 22 मरीज मिल चुके हैं। मेरठ में इस समय डेंगू के एक्टिव केस 171 हैं, जिसमें 87 अस्पतालों में भर्ती हैं। घर पर 84 मरीजों का इलाज चल रहा है। 268 मरीज ठीक हो चुके हैं। Read ALso : रेस्टोरेंट से ठेले तक के लिए नए नियम: यूज हो रहे तेल से मसाले तक की देनी होगी जानकारी, FSSAI नंबर भी प्रदर्शित करना होगा
5 दिन में 120 यूनिट प्लेटलेट्स की खपत
दरअसल मेरठ जिले में बीते एक सप्ताह में प्लेटलेट्स की मांग 5 से 6 गुना तक बढ़ी है। आइएमए ब्लड बैंक में बीते पांच दिनों में ही प्लेटलेट्स की खपत बढ़कर 120 यूनिट हो गई है, जबकि एक सप्ताह पहले यह खपत 67 यूनिट और दो सप्ताह पहले 53 यूनिट थी। ऐसे में मेरठ जिले में जिस तरह से डेंगू खतरनाक ढंग से अपने पांव पसार रहा है और रोजाना नए मरीजों की संख्या बढ़ रही है उससे स्वास्थ्य विभाग के अफसर चिंता में हैं। वहीं अगर डेंगू बिगड़ा तो आने वाले दिनों में प्लेटलेट मिलने में भी दिक्कतें आ सकती हैं।
अस्पतालों में प्लेटलेट्स की स्थिति
29 सितंबर तक मेरठ मेडिकल कालेज में महज 24 यूनिट प्लेटलेट्स ही उपलब्ध है, जबकि जिला अस्पताल में 8 यूनिट। इसी तरह केएमसी अस्पताल में 21, सुभारती में 20, रीता ब्लड बैंक में 12, मेरठ ब्लड बैंक में 09, संजीवनी ब्लड बैंक में 06, कैलाशी में 06, न्यूटिमा में 06, आइएमए ब्लड बैंक में 01, एनसीआर मेडिकल कालेज में 01 यूनिट प्लेटलेट्स उपलब्ध थी। जबकि लोकप्रिय अस्पताल में कोई प्लेटलेट्स शेष नहीं है।
प्लेटलेट्स के आधार पर ही डेंगू की गंभीरता तय करते हैं डॉक्टर
मेरठ में इस समय डेंगू का कहर चल रहा है और अस्पतालों में डेंगू के मरीज भरे पड़े हैं। डेंगू का मरीज जैसे ही अस्पताल पहुंचता है डॉक्टर उसकी प्लेटलेट्स काउंट चेक करते हैं, सामान्य मरीज में प्लेटलेट्स दो लाख से लेकर साढ़े चार लाख तक होती हैं। डेंगू के मरीज में इनकी संख्या कम हो जाती है। प्लेटलेट्स की मौजूदा स्थिति के आधार पर ही डेंगू के मरीज की गंभीरता जानी जाती है, डॉक्टर मरीज की गंभीरता को देखते हुए मरीज के परिजनों से प्लेटलेट्स का इंतजाम करने के लिए कहते हैं। मेरठ में डेंगू मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, ऐसे में आने वाले दिनों में प्लेटलेट मिलने की गारंटी नहीं है। चिकित्सकों के अनुसार डेंगू के मरीजों का प्लेटलेट्स तेजी से गिरता है। सुबह भर्ती होने वाले जिन मरीजों का प्लेटलेट्स काउंट 50 हजार तक होता है, शाम को वही 20 हजार तक भी पहुंच जाता है। इसके चलते प्लेटलेट्स की डिमांड भी बढ़ जाती है।
डेंगू को लेकर तमाम प्रयास कर रहे हैं
मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालियान ने मीडिया को बताया कि मेरठ में डेंगू को लेकर तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं। लगातार फॉगिंग के साथ ही जांच भी की जा रही है। वहीं लोगों को जागरूक करने के साथ ही यह निर्देश भी दिए जा रहे हैं कि घरों में पानी जमा न होने दें। साथ ही जांच दल समय-समय पर मोहल्लों में जाकर डेंगू के लार्वा को नष्ट करने की कार्रवाई भी कर रहा है। गावों में जांच कैंप लगाकर लोगों की जांच की जा रही है। जिला अस्पताल व 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में दस-दस बेड के डेंगू वार्ड बनाए गए हैं, जिनमें मच्छरदानी भी लगाई गई है। गांवों में कैंप लगाकर बुखार के मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है।
अतिरिक्त ब्लड जुटाने को कहा है
स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल की ज्वाइंट डायरेक्टर डा. गीता अग्रवाल ने एक समाचार पत्र को बताया कि जिले में प्लेटलेट की खपत तेजी से बढ़ी है। शासन ने ब्लड बैंकों को पर्याप्ता मात्रा में कंपोनेंट बनाने के लिए कहा है। इसकी उम्र सिर्फ पांच दिन होती है। मेरठ में 17 ब्लड बैंक हैं, जिसमें 11 को 100-100 यूनिट अतिरिक्त ब्लड जुटाने के लिए कहा गया है।
20 हजार काउंट की सीमा तय की
विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन में 10 हजार से कम प्लेटलेट्स काउंट पर ही मरीज के ब्लड टांसफ्यूजन की बात कही गई है। हालांकि, मरीजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने WHO की गाइडलाइन से थोड़ा बढ़ाकर प्लेटलेट्स की संख्या डेंगू मरीजों के उपचार को लेकर तय करता है।
पांच लीटर पानी का करें सेवन
चिकित्सकों के मुताबिक डेंगू ग्रस्त मरीजों को घबराने की जरूरत नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन के हिसाब से प्लेटलेट्स की मात्रा 10 हजार से कम होने या रक्तस्त्राव की स्थिति में ही मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। डेंगू पीड़ित मरीज को पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए। इस दौरान काढ़ा आदि से बचना चाहिए। इसका उपयोग करने से डिहाइड्रेशन का खतरा रहता है, जो जानलेवा साबित होता है। वहीं बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवा खरीदने की बजाए डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें।
क्या हैं प्लेटलेट्स
प्लेटलेट्स छोटी रक्त कोशिकाएं होती हैं, जो खासतौर पर बोनमैरो में पाई जाती हैं। हमारे शरीर में प्लेटलेट्स की कमी इस बात को दिखाती है कि खून में बीमारियों से लड़ने की ताकत कम हो रही है। प्लेटलेट्स कम होने की इस स्थिति को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहा जाता है।
प्लेटलेट्स कम होने का कारण
- दवाओं के सेवन से
- आनुवंशिक रोगों
- कुछ प्रकार के कैंसर
- कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट
- बुखार जैसे डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया
प्लेटलेट्स बढ़ाने के तरीके
- अधिक से अधिक तरल पदार्थ पिएं।
- खूब पानी पिएं।
- दिन में तीन बार एक-एक चम्मच हल्दी, दूध या पानी के साथ लें।
- नींबू-पानी का सेवन करें।
अभी बढ़ेंगे डेंगू के मामले
मेरठ में अभी डेंगू मरीजों की संख्या और बढ़ने का अंदेशा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक तापमान 30 से 32 डिग्री रहेगा तब तक लार्वा पनपता रहेगा। तापमान 30 से कम अथवा 32 से अधिक होने पर लार्वा पनपना बंद हो जाएगा।
मेरठ जिले की 5 साल की स्थिति
वर्ष | डेंगू मरीज | मलेरिया | चिकनगुनिया |
2016 | 183 | 217 | 1105 |
2017 | 660 | 093 | 00 |
2018 | 153 | 53 | 00 |
2019 | 215 | 61 | 00 |
2020 | 35 | 06 | 00 |