'आदिपुरुष' के संवाद और चरित्रों को लेकर संतों में नाराजगी, ज्योतिषाचार्य बोले-हनुमान जी सामवेद के थे ज्ञाता 

 आदिपुरुष : आचार्य पवन सिन्हा ने कहा, 'ऐसा लग रहा है जैसे कि बच्चों के कार्टून चैनल के लिए फिल्म बनाई गई है।'
 
सुपरस्टार प्रभास, एक्ट्रेस कृति सेनन और सैफ अली खान स्टारर फिल्म 'आदिपुरुष' बीते शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हुई, लेकिन अब फिल्म को लेकर देश के कोने-कोने से विवाद सामने आने लगे हैं। फिल्म के संवाद, किरदारों और रचनात्मकता के नाम पर चरित्र चित्रण पर दर्शकों और कई हिंदू संगठनों ने नाराजगी जताई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई तस्वीरें और मीम्स शेयर कर 'आदिपुरुष' के निर्माताओं की आलोचना की गई है। रामानंद सागर के पुत्र प्रेम सागर के बाद अब आचार्य पवन सिन्हा ने 'आदिपुरुष' के टाइटल पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि फिल्म का टाइटल गलत चुना गया है, क्योंकि भगवान श्री राम पुरुषोत्तम थे न कि पहले पुरुष।READ ALSO:-Big Boss OTT: मेरठ की फलक नाज ओटीटी प्लेटफॉर्म पर शुरू हो रहे बिग बॉस में नजर आएगी

 

आचार्य पवन सिन्हा ने कहा, 'इस फिल्म में जिस तरह के चेहरे और कपड़े दिखाए गए हैं, उससे लगता है कि जरूरत से ज्यादा छूट लेने की कोशिश की गई है। अगर हमें कोई पीरियड फिल्म भी दिखानी हो तो क्या हम बिना कैरेक्टर से पूरी तरह छेड़छाड़ किए दिखा सकते हैं, अगर वर्ल्ड वॉर पर फिल्म बनानी हो तो क्या हिटलर को 6 फीट लंबा दिखाया जा सकता है? क्या अपने चेहरे को चेगुवारा जैसा चेहरा बना सकता है? क्या उसे बेनिटो मुसोलिनी की तरह घोड़े पर दिखाया जा सकता है? इसकी अपनी सीमाएं हैं। इसी प्रकार रामायण में वाल्मीकि जी के वर्णन और चरित्र चित्रण में दृश्य और प्रभाव रचे जा सकते हैं, पर उसकी भी एक सीमा है।

 

उन्होंने आगे कहा, 'ऐसा लगता है कि बच्चों के कार्टून चैनल के लिए फिल्म बनाई गई है। हनुमान जी जिस तरह के डायलॉग बोलते नजर आ रहे हैं वह बिल्कुल भी उचित नहीं है। क्योंकि हनुमान जी सामवेद के ज्ञाता थे और सामवेद भाषा के साथ-साथ भाषा शैली पर भी एक ग्रंथ है। ऐसी स्थिति में सामवेद जानने वाले व्यक्ति को ऐसी भाषा का प्रयोग कैसे दिखाया जा सकता है, जबकि सामवेद के ज्ञाता की भाषा, भाषा-शैली और हाव-भाव बहुत संतुलित होते है। यहां डायलॉग में भी ऐसे शब्दों का गलत चुनाव किया गया है, जिनकी जरूरत ही नहीं थी। ऐसे में मैं इस फिल्म से पूरी तरह असहमत हूं।