इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली ये 3 कंपनियां होंगी ब्लैकलिस्ट, अब क्या ग्राहकों को नहीं मिलेगा सब्सिडी का फायदा?

इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में जल्द ही बड़ा बदलाव हो सकता है। सरकार तीन EV कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर सकती है, जिससे उन्हें सभी सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ मिलना बंद हो जाएगा। तो फिर इन कंपनियों के ग्राहकों को भी सब्सिडी क्यों नहीं मिलेगी? जानने के लिए पढ़ें ये खबर...
 
भारत में इलेक्ट्रिक 2-पहिया वाहन तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। इस सेक्टर में एक के बाद एक कई कंपनियां अपने प्रोडक्ट लॉन्च कर चुकी हैं। लेकिन आग लगने की घटनाओं के बाद जब कई कंपनियों की जांच की गई तो कई स्तरों पर अनियमितताएं पाई गईं। सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी योजना FAME-2 के तहत किए गए गलत दावों के भी कई मामले सामने आए और अब सरकार इसमें शामिल 3 कंपनियों को जल्द ही ब्लैकलिस्ट करने की योजना पर काम कर रही है।READ ALSO:-UP : पूर्व IAS की पत्नी की लूट के बाद दिन दहाड़े निर्ममता से हत्या, आवास पर पत्नी के गले में मिला फंदा

 

अधिकारियों का कहना है कि सरकार ईवी के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाई गई हर योजना का लाभ उठाने के लिए तीन इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों, हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा और बेनलिंग इंडिया को ब्लैकलिस्ट कर सकती है। इन तीनों कंपनियों ने FAME-2 सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए अपने दावे गलत तरीके से प्रस्तुत किए थे और उन्हें वापस करने में विफल रहे हैं। आने वाले समय में इस ब्लैकलिस्टिंग का असर इन कंपनियों के ग्राहकों पर भी पड़ सकता है। 

 

इस वजह से कंपनियों पर कार्रवाई की गई
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने और लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदें, इसके लिए सरकार ने सब्सिडी योजना 'फेम-2' शुरू की थी। भारी उद्योग मंत्रालय को इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी दी गई। इस योजना के तहत, मंत्रालय को पंजीकृत मूल उपकरण निर्माताओं (OEM) को सब्सिडी देनी थी, जिसे अंततः ग्राहकों को हस्तांतरित किया जाना था।

 

लेकिन साल 2022 में मंत्रालय को शिकायत मिली कि ये कंपनियां FAME-2 योजना के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रही हैं। कंपनियों पर घरेलू स्तर पर निर्माण सामग्री की खरीद से संबंधित अनिवार्य नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था। वे बड़े पैमाने पर वाहनों के स्पेयर पार्ट्स का आयात करके इलेक्ट्रिक वाहन बेचने में लगे हुए हैं।

 

मंत्रालय ने 13 कंपनियों की जांच की। इनमें से 6 को FAME-2 के मापदंडों का उल्लंघन करते हुए पाया गया। ये कंपनियां थीं हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा ऑटोटेक, बेनलिंग इंडिया एनर्जी एंड टेक्नोलॉजी, एएमओ मोबिलिटी, ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और रिवोल्ट मोटर्स।

 

सरकार ने सब्सिडी दावे वापस मांगे
सरकार ने इन कंपनियों से गलत तरीके से दावा की गई सब्सिडी को ब्याज सहित वापस करने को कहा। इन छह कंपनियों में से एएमओ मोबिलिटी, ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और रिवोल्ट मोटर्स ने कुछ ही महीनों में सब्सिडी की रकम ब्याज सहित लौटा दी और सरकार ने इन कंपनियों को आरोपों से बरी कर दिया।

 

हालांकि, हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा ऑटोटेक और बेनलिंग इंडिया ने यह रकम नहीं लौटाई और अब सरकार ने उन्हें FAME-2 सब्सिडी योजना के लाभार्थियों की सूची से हटा दिया है। इसके बाद मंत्रालय इन कंपनियों को केंद्र सरकार की सभी लाभार्थीपरक योजनाओं से ब्लैकलिस्ट करने पर काम कर रहा है। PTI की खबर के मुताबिक, यह कदम हीरो इलेक्ट्रिक और बेनलिंग इंडिया के लिए उठाया गया है।  जबकि ओकिनावा का मामला फिलहाल कोर्ट में है लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। 

 

बंद हो सकती है सब्सिडी
इस मामले में इन तीनों कंपनियों से जवाब मांगा गया था, लेकिन अभी तक उनका जवाब नहीं आया है। वहीं, जिन कंपनियों को पहले ही क्लीन चिट मिल चुकी है, उन्हें फिर से FAME-2 सब्सिडी और अन्य योजनाओं में शामिल किया जा सकता है। मंत्रालय ने इसके लिए एक कमेटी का गठन किया है। 

 

हालांकि, इस पर पूरा अंतिम फैसला कोर्ट के फैसले के बाद लिया जाएगा। ऐसे में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) के तहत ब्लैकलिस्टेड कंपनियों के ग्राहकों को मिलने वाली सब्सिडी बंद हो सकती है।