पान-मसाला और तंबाकू को लेकर बदल गए नियम, 1 अप्रैल से लगेगा 1 लाख रुपये का जुर्माना

जीएसटी द्वारा जारी एडवाइजरी के मुताबिक, तंबाकू उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को 1 अप्रैल से अपनी पैकिंग मशीनों को जीएसटी अधिकारियों के साथ पंजीकृत कराना होगा।
 
पान मसाला, तंबाकू और गुटका उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को 1 अप्रैल से भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। जीएसटी काउंसिल की ओर से आज नई एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें इस संबंध में जानकारी दी गई है। जीएसटी द्वारा जारी एडवाइजरी के मुताबिक, तंबाकू उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को 1 अप्रैल से अपनी पैकिंग मशीनों को जीएसटी अधिकारियों के साथ पंजीकृत कराना होगा।READ ALSO:-मौसम अपडेट : उत्तर भारत में ठंड की दोहरी मार, बारिश के बाद उत्तराखंड-हिमाचल में ऑरेंज अलर्ट; कश्मीर में हिमस्खलन की चेतावनी

 

यदि कोई तंबाकू उत्पाद निर्माता कंपनी अपनी पैकिंग मशीनरी को जीएसटी अधिकारियों के साथ पंजीकृत करने में विफल रहती है, तो उसे 1 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा।

 

बिल में संशोधन के बाद लिया गया फैसला
सरकार के इस कदम का मकसद तंबाकू विनिर्माण क्षेत्र में राजस्व रिसाव को रोकना है. वित्त विधेयक, 2024 में केंद्रीय जीएसटी अधिनियम में एक संशोधन पेश किया गया है, जिसमें कहा गया है कि हर उस मशीन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा जो वहां पंजीकृत नहीं है।

 

रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी
जीएसटी परिषद की सिफारिश के आधार पर, कर अधिकारियों ने पिछले साल तंबाकू निर्माताओं द्वारा मशीनों के पंजीकरण के लिए एक विशेष प्रक्रिया शुरू की थी। फॉर्म जीएसटी एसआरएम-आई में मौजूदा पैकिंग मशीनों, नई स्थापित मशीनों के साथ-साथ इन मशीनों की पैकिंग क्षमता का विवरण देना होगा। हालांकि, पिछले साल इसके लिए किसी तरह के जुर्माने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। 

 

क्यों किया जा रहा है रजिस्ट्रेशन?
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि जीएसटी परिषद ने पिछली बैठक में निर्णय लिया था कि पान मसाला, गुटखा और इसी तरह के उत्पादों की मशीनों को पंजीकृत किया जाना चाहिए ताकि हम उनकी उत्पादन क्षमता पर नजर रख सकें।

 

मल्होत्रा ने मीडिया को बताया कि पिछले साल तक रजिस्ट्रेशन न कराने वालों पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जा रहा था। फिलहाल इस बार काउंसिल ने फैसला किया है कि इसके लिए कुछ जुर्माना लगाया जाए. इसी वजह से अब रजिस्ट्रेशन न कराने वालों पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया गया है। 

 

पिछले साल फरवरी में जीएसटी परिषद ने पान मसाला और गुटखा कारोबार में कर चोरी पर अंकुश लगाने के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों के एक पैनल की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी थी।