Petrol diesel vehicles : अगले साल बंद हो जाएंगी पेट्रोल और डीजल गाड़ियां, जानिए क्या है भारत सरकार की इसके लिए क्या योजना है?

 यूरोप के उत्तरी नॉर्वे में 2025 तक पेट्रोल-डीजल के वाहनों की बिक्री बंद हो जाएगी। पेट्रोल के इलेक्ट्रिक वाहन कम पॉल्यूशन करता है।
 
इलेक्ट्रिक वाहन पेट्रोल और डीजल वाहनों की तुलना में कम प्रदूषण करते हैं। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण लोग अब सीएनजी (CNG) और इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख कर रहे हैं। आने वाले समय में भारत सरकार की योजना इथेनॉल और फ्लेक्स फ्यूल से कारें चलाने की है, जिससे लोगों के लिए कारों की रनिंग कॉस्ट कम होगी और प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी।READ ALSO:-मेरठ : बिजली बंबा बाईपास मार्ग बंद, 5 दिन तक ट्रैफिक रहेगा डायवर्ट; ऐसे संचालित किया जाएगा भारी वाहनों को

 

जानकारी के मुताबिक, भारत समेत दुनियाभर की सरकारों ने अपने-अपने देशों में पेट्रोल और डीजल वाहनों की बिक्री बंद करने की योजना बनाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसे देखते हुए उत्तरी यूरोप के नॉर्वे में 2025 तक पेट्रोल-डीजल कारों की बिक्री बंद हो जाएगी।

 

आपको बता दें कि भारत में साल 2040 तक पेट्रोल और डीजल कारों की बिक्री बंद करने का लक्ष्य है। इसके अलावा पड़ोसी देश चीन ने 2035 में ही पेट्रोल-डीजल कारों की बिक्री बंद करने की योजना बनाई है।

 

बेल्जियम में 2029 और जर्मनी में 2030 में बिक्री बंद हो जाएगी।
आपको बता दें कि भारत में साल 2040 तक पेट्रोल और डीजल कारों की बिक्री बंद करने का लक्ष्य है। इसके अलावा पड़ोसी देश चीन ने 2035 में ही पेट्रोल-डीजल कारों की बिक्री बंद करने की योजना बनाई है। इसके अलावा बेल्जियम में 2029 और जर्मनी, ग्रीस, स्वीडन में 2030 में इन वाहनों की बिक्री बंद हो जाएगी।

 

डीजल वाहनों से ज्यादा प्रदूषण होता है 
सुप्रीम कोर्ट में पेश एक रिपोर्ट के मुताबिक डीजल वाहन पेट्रोल से ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड पैदा करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि डीजल वाहन पेट्रोल से ज्यादा NOx और PM कण बढ़ाते हैं। रिसर्च में कहा गया है कि एक डीजल वाहन 24 पेट्रोल वाहनों और 40 CNG वाहनों के बराबर प्रदूषण फैलाता है।