दिनेश खटीक के मंत्री पद पर मेरठ भाजपा में घमासान, पार्टी के Ex MLA ने कहा BJP का यह आत्मघाती कदम कौरव सेना को ले डूबेगा

पूर्व विधायक ने विधायक दिनेश खटीक की तुलना दुर्योधन और दुष्शासन से करते हुए हस्तिनापुर का चीर हरण करने वाला बताया। काली की इस पोस्ट के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या वे भाजपा को कौरव सेना बता रहे है?

 

 
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM YOGI AITYANATH) ने दो दिन पहले ही अपनी कैबिनेट का तीसरा विस्तार करते हुए 7 नए चेहरों को मंत्रिमंडल (CM YOGI CABINATE ) में शामिल किया है। मंत्री बने इन 7 नामों में एक नाम जो सभी को हैरान कर रहा है वह है मेरठ के हस्तिनापुर से पहली बार विधायक बने दिनेश खटीक (Meerut Hastinapur MLA Dinesh Khateek) का। दिनेश खटीक को योगी कैबिनेट राज्यमंत्री बनाया गया है।  उनको राज्यमंत्री बनाने का फैसला लोगों को इसीलिए चौका रहा है क्योंकि दिनेश जब से विधायक बने हैं तभी से उनका नाम किसी न किसी विवाद में शामिल रहा है। उनपर आपराधिक मुकदमें तक दर्ज हैं, ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि आगामी चुनावों में उनका टिकट कट जाएगा, लेकिन चुनाव से कुछ समय पहले ही उन्हें राज्य बना दिया गया। 

 

पूर्व विधायक गोपाल काली ने लगाए गंभीर आरोप

दिनेश खटीक को मंत्रिमंडल में शामिल करने के फैसले पर अभी तक विपक्षी दल के नेता ही सवाल उठा रहे थे, लेकिन अब खुद भाजपा के वरिष्ठ नेता और हस्तिनापुर सीट से पूर्व विधायक रहे गोपाल काली (Ex MLA Gopal Kali ) भी दिनेश खटीक को मंत्री बनाए जाने के खिलाफ उतर आए हैं और खुलकर इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। गोपाल काली ने दिनेश खटीक की तुलना दुर्योधन और दुष्शासन से कर दी और इस फैसले को भाजपा सरकार के लिए आत्मघाती कदम करार देते हुए कौरव सेना को ले डूबने वाला बताया है। काली ने यह भी कहा है कि 100 प्रतिशत इमानदार योगी सरकार उन्हें मंत्री बनाने से पहले उनका साढ़े चार साल का कामकाज तो देख लेती। काली की इस पोस्ट के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या वे भाजपा को कौरव सेना बता रहे है?

 

इसके सारे भ्रष्टाचारों की पोल खोलूंगा

गोपाल काली ने दिनेश खटीक पर बेइमान, भ्रष्टाचार करने और पैसे के बल पर आगे बढ़ने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा है कि दिनेश खटीक के सारे भ्रष्टाचारों का खुलासा करेंगे और जिसने उन्हें यहां तक पहुंचाया और उसकी भी पोल खेलेंगे। गोपाल काली ने दिनेश खटीक के राज्यमंत्री बनने के बाद अपनी फेसबुक आईडी पर एक के बाद एक कई पोस्ट डाली हैं। पहली पोस्ट में पूर्व विधायक ने लिखा कि पाप का घड़ा अभी भरा नहीं है उसमें 5 महीने लगेंगे। निर्णय लेने से पहले क्षेत्र की जनता से तो पूछ लेते। 100 परसेंट इमानदार सरकार में यह आत्मघाती निर्णय है।

 

इस निर्णय से जनता निराश है

इसके बाद काली ने एक और पोस्टस करते हुए लिखा कि 100 परसेंट इमानदार योगी सरकार में विवादित विधायक दिनेश खटीक को मंत्री बनाकर पार्टी ने आत्मघाती कदम उठाया है। क्षेत्र की जनता इस निर्णय से निराश है। इनका साढ़े चार साल का कार्यकाल तो देख लेते। मरते दम तक भ्रष्टाचा के खिलाफ लड़ता रहूंगा। जय बोलाे बेईमान की। उन्होंने अगली पोस्ट में लिखा कि लोकप्रिय नहीं लूटप्रिय है। लोकप्रिय कहने वालों को शर्म आनी चाहिए। क्षेत्र में जांच करा लो पता चल जाएगा।

 

संघ से कोई रिश्ता नहीं

काली ने उन खबरों का भी खंडन किया जिसमें कहा जा रहा है कि दिनेश खटीक और उनका परिवार 3 पीढ़ियों से संघ की सेवा कर रहा है। उन्होंने लिखा कि दिनेश खटीक और उनके बाप-दादा कभी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में नहीं रहे हैं। पत्रकार झूठ बोल रहे हैं , इसकी जांच करा लो तो सच्चाई सामने आ जाएगी। पार्टी ने सही निर्णय नहीं लिया। मोदी जी और योगी जी कहते हैं कि गलत काम का विरोध करों। जिसने इस बेइमान को यहां तक पहुंचाया है उसे नंगा करके रहूंगा और इसके सारे भष्ट्राचार का खुलासा करूंगा। कार्यकर्ता मेहनत के बल पर आगे नहीं बढ़ रहा, लोग पैसे के बल पर बढ़ रहे हैं। 

 

चीरहरण करने वाले को राज्यमंत्री बनाया

गोपाल काली ने लिखा कि इतिहास गवाह है कि पांडवों की कुलवधू द्रोपदी का हस्तिनापुर की भरी राज्यसभा में चीर हरण हुआ था। चीरहरण करने वाले दुर्योधन और दुष्शासन को हस्तिनापुर का युवराज बनाया गया। अब इतिहास दोहरा रहा है, जो पिछले साढ़े चार वर्षों से हस्तिनापुर की धरती का चीरहरण कर रहा है उसे राज्यमंत्री बनाया गया है। यह सारी कौरव सेना को ले बैठेगा।

 

जब कोई चुनाव नहीं लड़ रहा था तब मुझे चुनाव लड़वाया पार्टी ने

गोपाल काली यहीं नहीं रुके उन्होंने एक पोस्ट में लिखा कि जब हस्तिनापुर से कोई विधानसभा चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं करता था तब पार्टी ने मुझे घर से बुलाकर वर्ष 1991 में विधानसभा और 1994 में उपचुनाव लड़ाया। मैंने मायावती और मुलायम सिंह के साझा उम्मीदवार को उन्हीं की सरकार में कार्यकर्ताओं के बल पर हराया था। मैं हस्तिनापुर से पहली बार में चुनाव जीता था। अब कुछ लोगों ने पार्टी को हाईजैक कर लिया है।

 

हालांकि अब ये सभी पोस्ट गोपाल काली की फेसबुक प्रोफाइल से डिलीट कर दी गई हैं। खबरीलाल ने इस संबंध में पूर्व विधायक गोपाल काली से बात भी की और उनके द्वारा लगाए गए आरोपों का मतलब जाना। पूर्व विधायक ने क्या कहा जानने के लिए क्लिक करें