"खीर खाने से बच्चे नहीं होते, राजा दशरथ नहीं थे श्री राम के पिता", BJP के सहयोगी संजय निषाद ने दिया बेवकूफी भरा बयान

 
 

उत्तरप्रदेश में भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद ने भगवान राम और राजा दशरथ को लेकर विवादित बयान देकर BJP के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। संजय निषाद ने कहा है कि भगवान राम राजा दशरथ के पुत्र नहीं थे उनका जन्म एक निषाद परिवार में हुआ था।

श्रृंगऋषि निषाद के पुत्र हैं राम

संजय यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि  भगवान श्री राम और निषाद राज का जन्म मखौड़ा घाट पर हुआ। पुत्रयेष्ठ कामी यज्ञ में नियोग विधि से खीर खिलाने के बहाने हुआ, लेकिन खीर खाने से कोई बच्चा नहीं होता। संजय निषाद ने कहा कि श्री राम राजा दशरथ का तथाकथित पुत्र बताए जाते हैं, लेकिन उनके असली पिता श्रृंगऋषि निषाद हैं। Read Also: UP में 4 महीने तक सब फ्री: गेहूं-चावल, दाल, तेल, चीनी और नमक मार्च तक मुफ्त देगी सरकार, सीएम योगी ने किया एलान

इजरायल की लाइब्रेरी से पता चली यह बात

संजय निषाद ने कहा की भगवान श्री राम को उनके माता-पिता नहीं समझ सके, अयोध्यावासी भी श्री राम को नहीं समझ पाए, लेकिन निषाद राज पहले ऐसी शक्ति थी, जिन्होने भगवान श्री राम को पहचाना। संजय निषाद ने कहा कि यह बात उन्हे इजरायल के एक लायब्रेरी में पता चली।

राजा निषाद और श्री राम की गले मिलते हुई प्रतिमा लगाई जाए

उन्होने कहा की भगवान श्री राम की पहचान राजा निषाद को थी, इसलिए वे भगवान के समान हैं। इसलिए राजा निषाद और भगवान श्री राम की गले मिलते हुई भव्य प्रतिमा लगाई जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वोट तो सभी पार्टियो ने निषाद समाज का लिया है, लेकिन किसी दल ने अभी तक निषादों के लिए कुछ भी नहीं किया। वे भाजपा के साथ चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन निषाद समाज के लोग बीजेपी को तब तक वोट नहीं देंगे जब तक आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती।

अयोध्या के संतों में नाराज़गी

उधर संजय निषाद के बयान को लेकर रामनगरी अयोध्या के संतों में नाराजगी है। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने संजय निषाद के बयान को कपोलकल्पित व झूठा करार दिया। आचार्य सतेंद्र दास ने कहा कि श्री राम के प्रति बयान देने वाले ऐसे व्यक्ति को बीजेपी रखती है तो बड़ा नुकसान बीजेपी का होगा। इसको पार्टी से अलग करें। उसने भगवान श्री राम का अपमान किया है। संजय निषाद समाज और पार्टी को दूषित करने वाला है। यह सनातन धर्म का अपमान है।

अयोध्या तपस्वी छावनी जगतगुरु परमहंस आचार्य ने संजय निषाद के बयान की निंदा की है। परमहंस आचार्य ने कहा कि संजय निषाद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संजय निषाद मूर्ख हैं और बीजेपी संजय निषाद को पार्टी से दूर रखे।

विपक्षी नेताओं ने भी किया हमला

संजय निषाद की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता अंशु अवस्थी ने निषाद पार्टी के नेता को फटकार लगाई और कहा कि वह सिर्फ भाजपा के एजेंडे का प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अब राम पर बोल रहे हैं, लेकिन जब इलाहाबाद में भाजपा ने निषाद लोगों की नाव को ध्वस्त कर दिया तो वह चुप थे। वह सिर्फ भाजपा के एजेंडे का प्रचार कर रहे हैं और अपने समुदाय और उत्तर प्रदेश के लोगों के वास्तविक मुद्दों से दूर भाग रहे हैं। सनातन हिंदू धर्म के संतों को ही भगवान राम पर बोलने का अधिकार है। 

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत डीएनए के विशेषज्ञ हैं, उन्हें निषाद पार्टी प्रमुख के बयान पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। भाजपा और आरएसएस के प्रमुख नेताओं को इस पर बोलना चाहिए।
 

भाजपा ने सितंबर में औपचारिक रूप से घोषणा की थी कि वह उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (NISHAD) पार्टी के साथ मिलकर लड़ेगी। हालांकि, सीट बंटवारे के समझौते का खुलासा नहीं किया गया था।