मुस्लिम वोट बैंक के मोह में अखिलेश कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने नहीं आए, BJP का सपा अध्यक्ष पर चौतरफा हमला

पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट के जरिए उनके निधन पर शोक व्यक्त किया, लेकिन उनके अंतिम संस्कार में न तो अखिलेश यादव पहुंचे न ही अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव
 

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। नरौरा के गंगा घाट पर बेटे राजवीर ने उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी( इस दौरान तमाम केंद्रीय मंत्री, यूपी के मुख्यमंत्री और अन्य भाजपा नेता मौजूद रहे। विपक्षी दलों के भी कई नेताओं ने कल्याण सिंह के निधन पर वहां पहुंचकर शोक संवेदना प्रकट की। पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट के जरिए उनके निधन पर शोक व्यक्त किया, लेकिन उनके अंतिम संस्कार में न तो अखिलेश यादव पहुंचे न ही अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव। इतना ही नहीं मुलायम सिंह की ओर से बाबूजी के लिए श्रद्धांजलि के दो शब्द तक नहीं आए। Read Also : भाजपा बूथ स्तर पर षड्यंत्र कर रही है, दूसरे राज्यों के RSS कार्यकर्ताओं को यूपी के गांव-गांव में भेजा जा रहा : अखिलेश

ऐसे में अब कल्याण सिंह के निधन के बाद उनकी श्रद्धांजलि को लेकर सियासत शुरू हो गई है और  बीजेपी के नेता उन्हें घेरने में जुट गए हैं। भाजपा सांसद साक्षी महाराज के बाद अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह (Swatantra Dev Singh) ने अखिलेश पर तंज किया है। बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ट्वीट किया है, ‘अखिलेश जी अपने आवास से मात्र 1 कि.मी. दूर माल एवेन्यू में स्वर्गीय कल्याण सिंह जी ‘बाबूजी’को श्रद्धांजलि देने नहीं आ सके। कहीं मुस्लिम वोट बैंक के मोह ने उन्हें पिछड़ों के सबसे बड़े नेता को श्रद्धांजलि देने से तो नहीं रोक लिया?”

वहीं यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी ट्वीट कर अखिलेश पर हमला बोला है। केशव मौर्य ने लिखा है, “अखिलेश यादव जी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह बाबू जी को अंतिम विदा देने के लिए नहीं आकर पिछड़े वर्ग की बात करने का नैतिक अधिकार आपने खो दिया!! आपके द्वारा पिछड़ा वर्ग की बात करना केवल ढोंग है!!”

इनको रामभक्तों का वोट नहीं चाहिए : साक्षी महाराज

इससे पहले साक्षी महाराज ने कहा कि कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन के लिए अखिलेश यादव, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका का ना पहुंचना यह दर्शाता है कि इनको रामभक्तों का वोट नहीं चाहिए। कल्याण सिंह पर यही तो आरोप था कि उनके रहते बाबरी मस्जिद को गिराया गया था और इसलिए अखिलेश यादव उनके अंतिम दर्शन के लिए नहीं गए। उनको सिर्फ मुसलमानों का वोट चाहिए, बीजेपी सांसद ने कहा कि मैं इस बात की कड़ी निंदा करता हूं और आने वाले समय में अखिलेश यादव को इसका जवाब जनता देगी।

पाप धोने का आखिरी मौका जरूर मिल जाता : सुब्रत पाठक

इससे पहले कन्नौज से बीजेपी (BJP) सांसद सुब्रत पाठक ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोला था। बीजेपी सांसद ने ट्वीट कर लिखा, ‘हिंदू हृदय सम्राट स्व. बाबू कल्याण सिंह जैसे जनप्रिय नेता को अगर मुलायम सिंह और अखिलेश यादव श्रद्धांजलि और सम्मान नहीं देंगे… तो इससे बाबू जी के कद पर कोई असर नहीं पड़ेगा… लेकिन हां ये सच है कि अगर लखनऊ में ये दोनों कल्याण सिंह जी के आखिरी दर्शन कर लेते तो इससे कार सेवकों पर गोली चलवाने वाली समाजवादी पार्टी को अपने पाप धोने का आखिरी मौका जरूर मिल जाता… लेकिन विनाशकाले विपरीत बुद्धि… और यही इनकी तालिबानी मानसिकता को दर्शाता है।’

राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका

गौरतलब है कि कल्याण सिंह राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शुमार थे और छह दिसंबर 1992 को अयोध्या स्थित विवादित ढांचा गिराये जाने के वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। इस घटना के बाद सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। पिछले साल सितंबर में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के साथ वह विध्वंस के मामले में बरी किए गए जिसमें उनके समेत 32 अन्‍य लोगों पर ढांचा ध्‍वंस का आरोप था। अखिलेश और मुलायम द्वारा कल्याण सिंह के आवास पर पहुंच कर श्रद्धांजलि न देना या अंतिम संस्कार में न पहुंचने को कहीं न कहीं कल्याण सिंह की राम मंदिर आंदोलन में भूमिका की वजह से जोड़कर देखा जा रहा है।  

बता दें कि कल्याण सिंह, मुलायम सिंह यादव के साथ 1977 में जनता पार्टी की सरकार में मंत्रिमंडल में रहे थे। कल्याण सिंह जब बीजेपी से नाराज हुए तो मुलायम सिंह के करीब गए। कल्याण सिंह ने अपनी जनक्रांति पार्टी बनाई और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव भी लड़ा।

मायावती ने घर पहुंचकर दी कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि

दूसरी ओर बसपा सुप्रीमो मायावती के कल्याण सिंह के साथ रिश्ते कभी मधुर नहीं रहे, इसके बावजूद मायावती कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करने लखनऊ के मॉल एवेन्यू स्थित उनके घर पहुंची थीं। उन्होंने कल्याण सिंह को न सिर्फ श्रद्धा सुमन अर्पित किए बल्कि उनके परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढ़स भी बंधाया।