UP: नोएडा में भी बनेगा रेलवे स्टेशन! जेवर एयरपोर्ट तक 16 किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड रेलवे लाइन बिछाने की तैयारी
जेवर में नोएडा एयरपोर्ट को कई रेलवे लाइनों से जोड़ने की योजना है। इसमें चोला से एयरपोर्ट तक 16 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन भी शामिल है। इसे एलिवेटेड या अंडरग्राउंड बनाया जा सकता है।
Oct 24, 2024, 10:30 IST
जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी मल्टी मॉडल होगी, यानी जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारतीय रेलवे, रैपिड रेल, मेट्रो, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे समेत सभी से जुड़ा होगा। इसमें भारतीय रेलवे चोला रेलवे स्टेशन से जेवर एयरपोर्ट तक 16 किलोमीटर की भूमिगत रेलवे लाइन बिछाने की भी योजना बना रहा है, हालांकि अभी इसे मंजूरी नहीं मिली है।READ ALSO:-मेरठ : अवैध पेट्रोल-डीजल के गोदाम पर छापेमारी, 35 हजार लीटर मिलावटी पेट्रोल-डीजल का बरामद, पांच गिरफ्तार, NCR में करते थे सप्लाई
चोला से जेवर एयरपोर्ट तक रेल कनेक्टिविटी
यमुना अथॉरिटी के सीईओ और अरुणवीर सिंह ने बताया कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए भूमिगत परिवहन व्यवस्था बनाई गई है। जिससे भारतीय रेलवे, रैपिड रेल मेट्रो समेत सभी वहां पहुंचेंगे। रनवे और टर्मिनल तक पहुंचेंगे। वहीं भारतीय रेलवे का प्रस्ताव है कि वह जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को चोला रेलवे स्टेशन से 16 किलोमीटर की रेलवे लाइन से जोड़ेगा।
यमुना अथॉरिटी के सीईओ और अरुणवीर सिंह ने बताया कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए भूमिगत परिवहन व्यवस्था बनाई गई है। जिससे भारतीय रेलवे, रैपिड रेल मेट्रो समेत सभी वहां पहुंचेंगे। रनवे और टर्मिनल तक पहुंचेंगे। वहीं भारतीय रेलवे का प्रस्ताव है कि वह जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को चोला रेलवे स्टेशन से 16 किलोमीटर की रेलवे लाइन से जोड़ेगा।
दो प्रस्ताव भेजे गए
इसमें उन्होंने दो प्रस्ताव दिए हैं, जिसमें एक प्रस्ताव में पूरी रेलवे लाइन यानी 16 किलोमीटर भूमिगत होगी जबकि दूसरे प्रस्ताव में 1.8 किलोमीटर भूमिगत होगी जबकि बाकी एलिवेटेड होगी। दोनों की डीपीआर जमा हो गई है, अब भारत सरकार के रेल मंत्रालय के निर्णय के बाद तय होगा कि यह रेलवे लाइन भूमिगत होगी या एलिवेटेड।
इसमें उन्होंने दो प्रस्ताव दिए हैं, जिसमें एक प्रस्ताव में पूरी रेलवे लाइन यानी 16 किलोमीटर भूमिगत होगी जबकि दूसरे प्रस्ताव में 1.8 किलोमीटर भूमिगत होगी जबकि बाकी एलिवेटेड होगी। दोनों की डीपीआर जमा हो गई है, अब भारत सरकार के रेल मंत्रालय के निर्णय के बाद तय होगा कि यह रेलवे लाइन भूमिगत होगी या एलिवेटेड।
कनेक्टिविटी में सुधार होगा
उन्होंने आगे कहा कि इसके साथ ही 16 किलोमीटर लंबा और 100 मीटर चौड़ा एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल मालवाहक वाहनों के लिए किया जाएगा। यह डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर चोला से होते हुए वैरा से जुड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि दूसरी तरफ दिल्ली मुंबई रेलवे लाइन है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी इससे जोड़ा जा रहा है, यहां 7 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन है जो पूरी तरह से भूमिगत होगी। इस तरह जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पूरे देश से जुड़ जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि इसके साथ ही 16 किलोमीटर लंबा और 100 मीटर चौड़ा एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल मालवाहक वाहनों के लिए किया जाएगा। यह डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर चोला से होते हुए वैरा से जुड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि दूसरी तरफ दिल्ली मुंबई रेलवे लाइन है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी इससे जोड़ा जा रहा है, यहां 7 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन है जो पूरी तरह से भूमिगत होगी। इस तरह जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पूरे देश से जुड़ जाएगा।