UP : फैमिली आईडी से मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ, बनवाने के लिए करें आवेदन; पढ़ें पूरी जानकारी

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में सरकारी लाभार्थीपरक योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अब यूनिक फैमिली आईडी अनिवार्य हो गई है। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के चलते कुछ आवेदन रिजेक्ट हो गए हैं। डीएम ने प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। इस फैमिली आईडी से उन परिवारों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है।
 
सरकार द्वारा चलाई जा रही लाभार्थी परक योजनाओं का लाभ अब आम जनता को यूनिक फैमिली आईडी 'एक परिवार एक पहचान' के तहत दिया जाना है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में तकनीकी दिक्कतों के कारण प्रक्रिया धीमी गति से शुरू हुई।READ ALSO:-उत्तर प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में बंपर भर्ती, एलटी ग्रेड और प्रवक्ता के करीब 9 हजार पद भरने की तैयारी

 

हजारों आवेदन हो चुके हैं निरस्त
वहीं, सत्यापन स्तर पर अनियमितताओं के कारण हजारों आवेदन निरस्त हो चुके हैं। इधर, पिछले दो सप्ताह से एक बार फिर डीएम ने फैमिली आईडी बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

 

सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में मदद करेगी यह फैमिली आईडी
प्रदेश में सभी परिवारों की एक विशिष्ट पहचान हो, इसके लिए फैमिली आईडी बनाना अनिवार्य किया गया है। इस योजना में ऐसे परिवार जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं और मानकों के तहत उन्हें राशन कार्ड की सुविधा नहीं दी जा सकती है। उनके लिए यह फैमिली आईडी सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में लाभकारी साबित होगी।

 

अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं
बताया गया कि जिन परिवारों के पास विभिन्न राशन योजनाओं के तहत राशन कार्ड हैं, ये कार्ड ही उनकी फैमिली आईडी है, उन्हें अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं है।

 

लेखपाल देंगे संबंधित परिवार की रिपोर्ट
डीएसओ ओमहरि उपाध्याय ने बताया कि जिले के शहरी क्षेत्रों में जहां एसडीएम सत्यापन अधिकारी हैं, वहां लेखपाल संबंधित परिवार की रिपोर्ट देंगे।

 

ऐसे बन सकेगी फैमिली आईडी
उधर, ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी को सत्यापन अधिकारी बनाया गया है, यहां पंचायत सचिव आवेदन पर अपनी रिपोर्ट देंगे, जिसके बाद फैमिली आईडी बन सकेगी। इसे ऑनलाइन डाउनलोड कर इस्तेमाल किया जा सकेगा।

 

8186 परिवारों ने किया आवेदन, 1018 को मिली मंजूरी
डीएसओ ओमहरि उपाध्याय ने बताया कि अब तक जिले में कुल 8186 परिवारों ने फैमिली आईडी के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है। सत्यापन के बाद 1018 परिवारों को फैमिली आईडी बनाने की मंजूरी मिल गई है। वहीं, 6345 आवेदन तकनीकी और व्यवहारिक कमियों के चलते रिजेक्ट हो गए हैं।

 

इसमें जो दिक्कत आ रही है, वह यह है कि आवेदन का सत्यापन नहीं हो पा रहा है, खास तौर पर इसलिए क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र का नक्शा शहरी क्षेत्र में आ गया है। इसके लिए दोबारा बैठक बुलाई जाएगी और नक्शे से जुड़ी समस्या का समाधान किया जाएगा।