मेरठ : अवैध वसूली करने आए 2 दरोगाओं को ग्रामीणों ने बनाया बंधक, महिला और युवक को पीटने पर गुस्साई भीड़;
मेरठ में दो वसूली करने वाले दरोगाओं को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। ग्रामीणों ने कंट्रोल रूम को फोन कर सूचना दी। कुछ ही देर में तीन थानों की पुलिस वहां पहुंच गई। दरोगाओं को छुड़ाने की कोशिश की तो गुस्साए लोगों ने हंगामा कर दिया।
Nov 3, 2024, 16:24 IST
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में दो दरोगा शराब के नशे में वसूली करने गए थे। लेकिन गोविंदपुरी गांव में लोगों ने उन्हें बंधक बना लिया। जिसके बाद पुलिस बल ने जाकर उन्हें छुड़ाया। दरोगाओं को 3 घंटे तक बंधक बनाए रखा गया। गोविंदपुरी गांव परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र में आता है। ग्रामीणों का आरोप है कि ये दोनों दरोगा पटाखे बेचने के नाम पर ग्रामीणों से पैसे मांग रहे थे। READ ALSO:-उत्तर प्रदेश में बंद होंगे 27000 सरकारी स्कूल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फैसले से नाराज हुई मायावती, बोली ये फैसला उचित नहीं
बंधक बनाए जाने की सूचना मिलने के बाद सदर देहात के सीओ 3 थानों की फोर्स के साथ पहुंचे और 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें रिहा कराया। दोनों को थाने ले जाया गया। यहां से दोनों दरोगा फरार हो गए। परीक्षितगढ़ थाने में तैनात सतेंद्र और ट्रेनी शिवम शनिवार रात गांव में पिंटू नाम के व्यक्ति के घर पहुंचे थे।
दोनों थाने से फरार
इसके बाद बंधक बनाने की सूचना पर सीओ सदर देहात परीक्षितगढ़, मवाना, किठौर, भावनपुर थानों से भारी संख्या में फोर्स लेकर पहुंचे। गांव वालों को समझाने का प्रयास किया। गांव वालों का आरोप है कि सतेंद्र सिंह कई दिनों से दुकानदारों को परेशान कर रहा था। लोगों को डरा धमकाकर वसूली कर रहा था। इसके बाद सीओ ने लोगों को कार्रवाई का आश्वासन दिया। 3 घंटे बाद दोनों को छोड़ दिया गया। लेकिन मेडिकल कराने से पहले ही दोनों आरोपी दरोगा थाने से फरार हो गए।
इसके बाद बंधक बनाने की सूचना पर सीओ सदर देहात परीक्षितगढ़, मवाना, किठौर, भावनपुर थानों से भारी संख्या में फोर्स लेकर पहुंचे। गांव वालों को समझाने का प्रयास किया। गांव वालों का आरोप है कि सतेंद्र सिंह कई दिनों से दुकानदारों को परेशान कर रहा था। लोगों को डरा धमकाकर वसूली कर रहा था। इसके बाद सीओ ने लोगों को कार्रवाई का आश्वासन दिया। 3 घंटे बाद दोनों को छोड़ दिया गया। लेकिन मेडिकल कराने से पहले ही दोनों आरोपी दरोगा थाने से फरार हो गए।
सतेंद्र पर किठौर थाने में तैनाती के दौरान वसूली का भी आरोप है। आरोप है कि राधना गांव में अवैध हथियारों के मामले में एनआईए कई बार छापेमारी कर चुकी है। लेकिन सतेंद्र इसकी जानकारी अवैध हथियारों का कारोबार करने वालों को देता था, जिससे टीम को कुछ हासिल नहीं हुआ।