मेरठ : उत्तर प्रदेश का हो विभाजन, पश्चिमी उत्तर प्रदेश बने अलग राज्य; विकास के लिए बंटवारा जरूरी; संजीव बालियान ने सेमिनार में दिया बयान
उत्तर प्रदेश के बंटवारे की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट नेता संजीव बालियान ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर बंटवारा हुआ तो पश्चिम में किसानों का राज होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास के लिए बंटवारा जरूरी है। अगर युवा जुड़ेंगे तो बात काफी आगे तक जाएगी।
Updated: Sep 9, 2024, 13:17 IST
उत्तर प्रदेश के विभाजन की चर्चा एक बार फिर सियासत को गरमा रही है। पश्चिम प्रदेश राज्य निर्माण संगठन की ओर से आयोजित संगोष्ठी में पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि उत्तर प्रदेश का विभाजन अब बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना और उत्तराखंड की तरह युवाओं को आंदोलन के लिए आगे आना होगा। युवा जुड़ेंगे तो पश्चिम प्रदेश अलग बनेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह यह बात सरकार तक पहुंचाएंगे।READ ALSO:-‘कांग्रेस छोड़ दो वरना परिवार के लिए ठीक नहीं होगा’, पहलवान बजरंग पुनिया को WhatsApp पर मिली जान से मारने की धमकी, FIR दर्ज....
उत्तर प्रदेश के विभाजन को लेकर समय-समय पर मांग उठती रहती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान देकर सियासत का पारा चढ़ा दिया है। संजीव बालियान ने फिर मंच से खुलकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए राज्य का विभाजन जरूरी है, अगर ऐसा होता है तो सबसे ज्यादा फायदा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को होगा। यह बात उन्होंने रविवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश निर्माण संयुक्त मोर्चा की संगोष्ठी में कही।
RLD सांसद डॉ. सांगवान ने किया समर्थन
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, समय के हिसाब से छोटे राज्य की जरूरत है। जिस दिन जनता इसके लिए आवाज उठाएगी, यह मांग पूरी हो जाएगी। बागपत सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान ने भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग का समर्थन किया। सांगवान ने कहा, उत्तर प्रदेश सिर्फ एक राज्य नहीं बल्कि एक देश है। राष्ट्रीय लोकदल हमेशा से छोटे राज्य के पक्ष में रहा है, इससे विकास को गति मिलती है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, समय के हिसाब से छोटे राज्य की जरूरत है। जिस दिन जनता इसके लिए आवाज उठाएगी, यह मांग पूरी हो जाएगी। बागपत सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान ने भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग का समर्थन किया। सांगवान ने कहा, उत्तर प्रदेश सिर्फ एक राज्य नहीं बल्कि एक देश है। राष्ट्रीय लोकदल हमेशा से छोटे राज्य के पक्ष में रहा है, इससे विकास को गति मिलती है।
उत्तर प्रदेश निर्माण संयुक्त मोर्चे ने उठाई अलग राज्य की मांग
सेमिनार की अध्यक्षता कर रहे भगत सिंह ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश निर्माण संयुक्त मोर्चा पिछले 11 वर्षों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मांग कर रहा है। विभाजन से यहां के लोगों को रोजगार, शिक्षा और विकास को गति मिलेगी। मोर्चे के जिला अध्यक्ष ने कहा, उत्तर प्रदेश की वर्तमान आबादी 25 करोड़ है। यहां से प्रयागराज-लखनऊ हाईकोर्ट की दूरी बहुत अधिक है, जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वर्तमान में हाईकोर्ट में 5 लाख से अधिक मुकदमे लंबित हैं। छोटा राज्य होने से प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत होती है।
सेमिनार की अध्यक्षता कर रहे भगत सिंह ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश निर्माण संयुक्त मोर्चा पिछले 11 वर्षों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मांग कर रहा है। विभाजन से यहां के लोगों को रोजगार, शिक्षा और विकास को गति मिलेगी। मोर्चे के जिला अध्यक्ष ने कहा, उत्तर प्रदेश की वर्तमान आबादी 25 करोड़ है। यहां से प्रयागराज-लखनऊ हाईकोर्ट की दूरी बहुत अधिक है, जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वर्तमान में हाईकोर्ट में 5 लाख से अधिक मुकदमे लंबित हैं। छोटा राज्य होने से प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत होती है।
अलग राज्य की मांग का क्या कारण?
पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग पुरानी है। दिल्ली से सटे इस इलाके को गन्ना बेल्ट कहा जाता है। रालोद संस्थापक चौधरी चरण सिंह इसे हरित प्रदेश बनाने की बात करते रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजधानी मेरठ या मुरादाबाद को बनाने की बात चल रही है। विभाजन के समर्थकों को लगता है कि उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। वे हाईकोर्ट न होने और राजधानी लखनऊ दूर होने का हवाला भी देते हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग पुरानी है। दिल्ली से सटे इस इलाके को गन्ना बेल्ट कहा जाता है। रालोद संस्थापक चौधरी चरण सिंह इसे हरित प्रदेश बनाने की बात करते रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजधानी मेरठ या मुरादाबाद को बनाने की बात चल रही है। विभाजन के समर्थकों को लगता है कि उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। वे हाईकोर्ट न होने और राजधानी लखनऊ दूर होने का हवाला भी देते हैं।