मेरठ: SP विधायक रफीक अंसारी को हाईकोर्ट से मिली सशर्त जमानत, पुलिस ने 27 मई को बाराबंकी से किया था गिरफ्तार

मेरठ के समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी को बड़ी राहत मिली है। जेल में बंद विधायक को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। जल्द ही वह जेल से रिहा हो जाएंगे। समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी को जमानत मिल गई है। विधायक की ओर से 13 आपराधिक मुकदमों की जानकारी देते हुए कहा गया कि सरकार ने नौचंदी थाने में दर्ज मुकदमे को वापस लेने का फैसला किया है। सोमवार को वह जेल से रिहा हो जाएंगे।
 
मेरठ के समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी को बड़ी राहत मिली है। जेल में बंद विधायक को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। जल्द ही वह जेल से रिहा हो जाएंगे। समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी को जमानत मिल गई है। विधायक की ओर से 13 आपराधिक मुकदमों की जानकारी देते हुए बताया गया कि सरकार ने नौचंदी थाने में दर्ज मुकदमे को वापस लेने का फैसला लिया है। सोमवार को वह जेल से रिहा हो जाएंगे।READ ALSO:-चंद्रशेखर आज़ाद ने उत्तर प्रदेश की सभी 10 सीटों से उपचुनाव लड़ने का फैसला किया, SP-BJP की बढ़ सकती है मुश्किलें

 

सरकार की ओर से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 321 के तहत अर्जी कोर्ट में लंबित है। सिविल लाइंस थाने में दर्ज मुकदमे में चार सह आरोपियों को जमानत मिल चुकी है और उनकी भूमिका अपराध करने की नहीं है। इसलिए दोनों मामलों में उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। याची ने कहा कि वह मुकदमे में पूरा सहयोग करेंगे। कोर्ट ने दोनों मामलों में सशर्त जमानत मंजूर करते हुए उनकी रिहाई के आदेश दिए हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा ने रफीक अंसारी की अर्जी स्वीकार करते हुए दिया है।

 

याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सगीर अहमद ने बहस की। उन्होंने कहा कि एक मामला दोनों पक्षों द्वारा एफआईआर दर्ज कराने का है। एक पक्ष से 25-30 और दूसरे पक्ष से 10-15 आरोपी बनाए गए हैं। कोर्ट ने पुलिस रिपोर्ट पर ट्रायल चलाने का फैसला किया है। याचिकाकर्ता 27 मई 2024 से जेल में है। दूसरे मामले में 22 आरोपी नामजद थे। कोर्ट ने सभी को बरी कर दिया है। बाद में पुलिस ने पूरक चार्जशीट दाखिल की, जिसमें याचिकाकर्ता का नाम है, लेकिन सरकार ने खुद केस वापस लेने की अर्जी दाखिल की है।

 

1992 में अंसारी और कुरैशी समुदाय के बीच मीट की दुकानों को लेकर विवाद हुआ था। मीट की दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी। पुलिस ने तत्कालीन पार्षद (Present SP MLA Rafiq Ansari) समेत 40 लोगों को आरोपी बनाया था। संबंधित कोर्ट ने अगस्त 1997 में चार्जशीट का संज्ञान लिया, लेकिन रफीक कोर्ट में पेश नहीं हुए।

 

101 बार गैर जमानती वारंट जारी हुए
सीआरपीसी के तहत 101 गैर जमानती वारंट और 82 कुर्की की कार्यवाही के बावजूद वे हाजिर नहीं हुए। इस आदेश के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील दायर की। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने डीजीपी को गैर जमानती वारंट तामील कराकर 28 मई को ट्रायल कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया। इसके बाद पुलिस ने समाजवादी पार्टी विधायक को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।