मेरठ : मासूम और खूबसूरत चेहरे से युवकों को फंसाती थीं, दर्ज करवाती थीं फर्जी रेप केस, कहती-पैसे दो, छुटकारा पाओ; हनी ट्रैप गैंग का भंडाफोड़; सात गिरफ्तार
हनी ट्रैप गिरोह की महिलाएं फोन पर दोस्ती कर युवकों को फंसाती थीं, उन्हें होटलों में ले जाती थीं और उनके साथ शारीरिक संबंध बनाती थीं। दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराने की धमकी देकर युवकों से पैसे ऐंठती थीं। पैसे न देने पर गिरोह के युवक उनके साथ मारपीट करते थे। पुलिस ने गिरोह को 50 लाख रुपए की वसूली करते हुए पकड़ा।
Updated: Sep 5, 2024, 18:14 IST
उत्तर प्रदेश के मेरठ में सुमैया खान और सिमरन खान हनी ट्रैप में फंसी हैं। इनके साथ 5 युवक भी गिरफ्तार हुए हैं। 7 लोगों के इस गिरोह का काम लड़कों को फंसाना था। हनी ट्रैप में फंसाकर ये उनसे पैसे ऐंठते थे। गिरोह मेरठ के अलावा गाजियाबाद और दिल्ली से भी लड़कों को फंसाकर उनसे लाखों रुपये ऐंठता था। READ ALSO:-एंबुलेंस में दुष्कर्म की कोशिश पर भड़के सपा प्रमुख अखिलेश, मुख्यमंत्री योगी पर कसा तंज, उप्र में कहीं कोई सरकार है क्या?
पुलिस ने हनी ट्रैप गिरोह का भंडाफोड़ कर कई लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह के सभी सदस्य बेहद शातिर हैं और रेकी करने के बाद व्यक्ति को अपने जाल में फंसा लेते थे। दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ के 7 लोग मिलकर हनी ट्रैप गिरोह चला रहे थे। गिरोह उन लोगों के नंबर जुटाता था, जिनके पास काफी पैसा होता है या फिर वे अविवाहित और युवा होते हैं।
मिलते ही अवैध संबंध
यह गिरोह बेहद शातिर है, मिस्ड कॉल से शुरू हुई दोस्ती झूठे प्यार में बदलकर अवैध संबंधों तक पहुंच जाती थी। कई बार अवैध संबंध बनने के बाद पैसों की मांग शुरू हो जाती थी। जब तक पैसा आता रहा तब तक तो ठीक है, नहीं तो रेप केस दर्ज कराने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग का सौदा शुरू हो जाता था। सुमैया और रूहीना के गिरहो के साथी अवैध संबंध बनाने वाले व्यक्ति को फोन करके धमकाते थे। अगर तब भी कोई पकड़ा नहीं जाता तो थाने में रेप का केस दर्ज कराकर हनी ट्रैप का खेल शुरू हो जाता था। अकील नाम का युवक बना शिकार
यह गिरोह बेहद शातिर है, मिस्ड कॉल से शुरू हुई दोस्ती झूठे प्यार में बदलकर अवैध संबंधों तक पहुंच जाती थी। कई बार अवैध संबंध बनने के बाद पैसों की मांग शुरू हो जाती थी। जब तक पैसा आता रहा तब तक तो ठीक है, नहीं तो रेप केस दर्ज कराने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग का सौदा शुरू हो जाता था। सुमैया और रूहीना के गिरहो के साथी अवैध संबंध बनाने वाले व्यक्ति को फोन करके धमकाते थे। अगर तब भी कोई पकड़ा नहीं जाता तो थाने में रेप का केस दर्ज कराकर हनी ट्रैप का खेल शुरू हो जाता था। अकील नाम का युवक बना शिकार
हनी ट्रैप के जाल में लोगों को फंसाने वाला गिरोह अपने ही जाल में फंस गया। मेरठ के काशी में रहने वाले अकील नाम के शख्स को हनी ट्रैप में फंसाने के बाद यह गिरोह परतापुर थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने पहुंचा। पुलिस को थोड़ा शक हुआ और जब जांच की गई तो पूरा राज खुल गया। महिला ने अपना नाम शालू शर्मा बताया और जब उसका आधार कार्ड मांगा गया तो उसमें नाम सुमैया लिखा था। बस यही सुराग पुलिस के हाथ लगा और एक-एक कर गिरोह के सात सदस्य पकड़े गए।
50 से ज्यादा लोगों को बनाया हनी ट्रैप का शिकार
पुलिस की मानें तो यह गिरोह अब तक 50 से ज्यादा लोगों को अपना निशाना बना चुका है। दिल्ली निवासी आसिफ, फिरोज, गाजियाबाद निवासी दीपक और मेरठ के कंकरखेड़ा निवासी फहीम, अनिकेत मिलकर लोगों को ब्लैकमेल कर रहे थे। इस गिरोह में दिल्ली की दो महिलाएं रुहीना और सुमैया भी शामिल हैं। सुमैया खुद को शालू शर्मा बताकर रात में फोन पर बात करती थी और फिर बात अवैध संबंधों तक पहुंती और और उसके बाद ब्लैकमेलिंग शुरू हो जाती थी । पुलिस ने इन सात लोगों को गिरफ्तार कर स्विफ्ट कार, बाइक, फर्जी आधार कार्ड, 7 मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
पुलिस की मानें तो यह गिरोह अब तक 50 से ज्यादा लोगों को अपना निशाना बना चुका है। दिल्ली निवासी आसिफ, फिरोज, गाजियाबाद निवासी दीपक और मेरठ के कंकरखेड़ा निवासी फहीम, अनिकेत मिलकर लोगों को ब्लैकमेल कर रहे थे। इस गिरोह में दिल्ली की दो महिलाएं रुहीना और सुमैया भी शामिल हैं। सुमैया खुद को शालू शर्मा बताकर रात में फोन पर बात करती थी और फिर बात अवैध संबंधों तक पहुंती और और उसके बाद ब्लैकमेलिंग शुरू हो जाती थी । पुलिस ने इन सात लोगों को गिरफ्तार कर स्विफ्ट कार, बाइक, फर्जी आधार कार्ड, 7 मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
SP सिटी आयुष विक्रम सिंह ने क्या कहा
परतापुर पुलिस ने हनी ट्रैप के इस गिरोह का पर्दाफाश किया है। एसपी सिटी मेरठ आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि इस गिरोह से बरामद मोबाइल फोन में कुछ वीडियो भी मिले हैं, जबकि कई वीडियो गिरोह की महिलाओं ने डिलीट भी कर दिए थे। पूरे गिरोह से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं। हम जांच कर रहे हैं कि कितने लोगों को निशाना बनाया गया और कितने पैसे ठगे गए। कितने लोगों को हनी ट्रैप में फंसाकर दुष्कर्म के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है, इसकी भी जांच की जा रही है।
परतापुर पुलिस ने हनी ट्रैप के इस गिरोह का पर्दाफाश किया है। एसपी सिटी मेरठ आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि इस गिरोह से बरामद मोबाइल फोन में कुछ वीडियो भी मिले हैं, जबकि कई वीडियो गिरोह की महिलाओं ने डिलीट भी कर दिए थे। पूरे गिरोह से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं। हम जांच कर रहे हैं कि कितने लोगों को निशाना बनाया गया और कितने पैसे ठगे गए। कितने लोगों को हनी ट्रैप में फंसाकर दुष्कर्म के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है, इसकी भी जांच की जा रही है।
ये थे शामिल
इस गिरोह का मास्टरमाइंड फिरोज पुत्र इशाक निवासी राजीव नगर बैंक कॉलोनी मंडोली थाना हर्ष विहार दिल्ली है। गिरोह में आसिफ पुत्र सईद निवासी राजीव नगर थाना हर्ष विहार पूर्वी दिल्ली, अनिकेत पुत्र पप्पू निवासी सैनिक कॉलोनी कसेरूखेड़ा थाना लालकुर्ती मेरठ, दीपक पुत्र महेंद्र सिंह निवासी पतला थाना भोजपुर जिला गाजियाबाद और फहीम पुत्र मोहम्मद फारूख निवासी शहीद नगर साहिबाबाद गाजियाबाद शामिल हैं।
इस गिरोह का मास्टरमाइंड फिरोज पुत्र इशाक निवासी राजीव नगर बैंक कॉलोनी मंडोली थाना हर्ष विहार दिल्ली है। गिरोह में आसिफ पुत्र सईद निवासी राजीव नगर थाना हर्ष विहार पूर्वी दिल्ली, अनिकेत पुत्र पप्पू निवासी सैनिक कॉलोनी कसेरूखेड़ा थाना लालकुर्ती मेरठ, दीपक पुत्र महेंद्र सिंह निवासी पतला थाना भोजपुर जिला गाजियाबाद और फहीम पुत्र मोहम्मद फारूख निवासी शहीद नगर साहिबाबाद गाजियाबाद शामिल हैं।