मेरठ : 200 लोगों पर POLICE ने दर्ज कराया मुकदमा, शाही ईदगाह के बाहर सड़क पर पढ़ी गई थी नमाज, मामले में बड़ा एक्शन

 एक दिन पहले भी केस दर्ज कराने की चेतावनी दी गई थी। इसके बावजूद गुरुवार की सुबह बड़ी संख्या में नमाजी ईदगाह पहुंचे। परिसर में जगह न होने पर नमाजी दिल्ली रोड पर नमाज पढ़ने आ गए।
 
ईद के दिन सड़क पर नमाज पढ़ने को लेकर मेरठ में बड़ी कार्रवाई की गई है। इस मामले में रेलवे रोड थाना क्षेत्र के चौकी प्रभारी की ओर से 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। हिंदुत्व नेता सचिन सिरोही ने भी यह मुद्दा उठाया था।READ ALSO:-मोबाइल फ़ोन पर बात करना 4 जून के बाद हो जाएगा महंगा! जानें कितनी बढ़ जाएगी रिचार्ज प्लान की कीमत?

 

पिछले साल भी सड़क पर नमाज पढ़ने को लेकर मामला दर्ज किया गया था। ईद की नमाज सड़कों पर न हो, इसके लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने कड़े इंतजाम किये थे। 
पहले ही चेतावनी दे दी गई थी
एक दिन पहले भी केस दर्ज कराने की चेतावनी दी गई थी। इसके बावजूद गुरुवार की सुबह बड़ी संख्या में नमाजी ईदगाह पहुंचे। परिसर में जगह न होने पर नमाजी दिल्ली रोड पर नमाज पढ़ने आ गए। पुलिस ने नमाजियों को दिल्ली रोड से हटाने की कोशिश की, जिस पर एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह और सीओ कैंट प्रकाश चंद के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगे। सभी ने जबरन सड़क पर यातायात रोककर नमाज पढ़ी। पुलिस ने इसका वीडियो भी बनाया। 

 

इंस्पेक्टर की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे
शुक्रवार को आला अधिकारियों से चर्चा के बाद रेलवे रोड थाने में इंस्पेक्टर राम अवतार की ओर से 200 अज्ञात नमाजियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। वीडियो से पहचान कर उन्हें मामले में आरोपी बनाया जायेगा। आला अधिकारी भी मामले पर नजर रखेंगे। 

 

एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि नमाज के दौरान पुलिस से अभद्रता की गई। सड़क जाम कर नमाज पढ़ने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसका वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया गया। मामला लखनऊ तक पहुंचने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की। 
शहर काजी खटखटाएंगे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा!
मेरठ में ईदगाह और मस्जिदों के बाहर नमाज पढ़ने पर लगी रोक के विरोध में मुस्लिम समुदाय ने राष्ट्रपति से गुहार लगाई है। इसे लेकर वह सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं। यह बात मेरठ शहर काजी जैनुस साजिदीन ने कही है। उनका कहना है कि पिछले 10 सालों से मुसलमानों को ईदगाह और मस्जिदों के बाहर सड़कों पर नमाज पढ़ने से रोका जा रहा है, जबकि हिंदू समाज के सभी आयोजन जैसे कावड़  मेला सड़कों पर हो रहे हैं। 

 

उन्होंने कहा कि किसी भी जाति और धर्म के लोगों को धार्मिक कार्यक्रमों से नहीं रोका जाना चाहिए। हमने इस संबंध में कई बार जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर अवगत कराया है। जब सरकार और प्रशासन से राहत नहीं मिली तो हाल ही में मेरठ शहर के मुसलमानों की ओर से भारत के राष्ट्रपति और अल्पसंख्यक आयोग को एक पत्र भेजा गया। अभी वहां से कोई संदेश नहीं आया है।  अगर हालात ऐसे ही रहे तो हमें सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ सकता है।