मेरठ : घर बुलाकर तलवार से काटा, आंखें फोड़ी, गोली मारी, 16 साल पुराने गुदड़ी बाजार तिहरे हत्याकांड में 10 आरोपी दोषी करार
मेरठ शहर को हिलाकर रख देने वाले मेरठ ट्रिपल मर्डर केस में बुधवार को सभी आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। इस मामले में सभी को 5 अगस्त को सजा सुनाई जाएगी। मामले में 10 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा। मामला 23 मई 2008 का है।
Aug 1, 2024, 19:02 IST
मेरठ के चर्चित गुदड़ी बाजार तिहरे हत्याकांड में 16 साल बाद फैसला आया है। कोर्ट ने 10 आरोपियों को दोषी करार दिया है और सजा पर सुनवाई 5 अगस्त को होगी। दोषी करार दिए गए लोगों में एक युवती भी शामिल है। भ्रष्टाचार निवारण विशेष न्यायाधीश पवन कुमार शुक्ला ने यह फैसला सुनाया। READ ALSO:-UP : ऐसे अपराधियों को गोली नहीं मारी जाएगी तो क्या उन्हें माला पहनाया जाएगा, नाबालिग से रेप पर बोले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
गुदड़ी बाजार हत्याकांड में बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने सभी दस्तावेज सुरक्षित कर लिए हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत से केस की स्थिति मांगी थी और फैसला टाल दिया था। हाईकोर्ट ने 30 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी थी। मंगलवार को ट्रांसफर अर्जी खारिज कर दी गई।
छावनी में तब्दील रही कोर्ट
जिस समय यह फैसला सुनाया गया, उस दौरान कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। कोर्ट रूम के बाहर पीएसी के जवान तैनात रहे। कोर्ट में प्रवेश से पहले रस्सी से बैरियर बनाया गया। कोर्ट के गेट पर सीओ और इंस्पेक्टर तैनात रहे और कोर्ट परिसर में एसओजी टीम भी तैनात रही।
पूरी रात चलता रहा मौत का खूनी खेल
वर्ष 2008 में गुदरी बाजार में तीन युवकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हत्यारों ने युवकों को अपने घर बुलाकर पहले लाठी-डंडों से पीटा और गोली मार दी, फिर तलवार से गला रेत दिया। पीटने और हत्या करने से पहले तीनों युवकों को पूरी रात यातनाएं दी गईं। हत्यारे पूरी रात युवकों को काटते रहे और सुबह हो गई। फिर शवों को सीढ़ियों के पास फेंक दिया। मोहल्ले में शोर मचने पर शवों को कार में लादकर भाग गए, लेकिन रास्ते में कार का ईंधन खत्म हो गया तो नहर किनारे कार छोड़कर भाग गए। इस मामले में 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से सात अभी भी जेल में हैं, एक की मौत हो चुकी है और छह आरोपी जमानत पर हैं।
वर्ष 2008 में गुदरी बाजार में तीन युवकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हत्यारों ने युवकों को अपने घर बुलाकर पहले लाठी-डंडों से पीटा और गोली मार दी, फिर तलवार से गला रेत दिया। पीटने और हत्या करने से पहले तीनों युवकों को पूरी रात यातनाएं दी गईं। हत्यारे पूरी रात युवकों को काटते रहे और सुबह हो गई। फिर शवों को सीढ़ियों के पास फेंक दिया। मोहल्ले में शोर मचने पर शवों को कार में लादकर भाग गए, लेकिन रास्ते में कार का ईंधन खत्म हो गया तो नहर किनारे कार छोड़कर भाग गए। इस मामले में 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से सात अभी भी जेल में हैं, एक की मौत हो चुकी है और छह आरोपी जमानत पर हैं।
कोतवाली पुलिस पर लगे थे गंभीर आरोप
तिहरे हत्याकांड में कोतवाली पुलिस पर गंभीर आरोप लगे थे। नृशंस हत्या के विरोध में हजारों कॉलेज युवकों ने एक गैर राजनीतिक संगठन बनाकर 25 मई 2008 को मेरठ बंद का ऐलान किया था। पूरे जिले में अभूतपूर्व बंद हुआ था। इसके बाद इंस्पेक्टर कोतवाली और सीओ कोतवाली को हटा दिया गया था। पूरी जांच तत्कालीन इंस्पेक्टर सदर बाजार थाने डीके बालियान ने की थी। उन्होंने इजलाल, उसके भाई अफजाल और परवेज समेत दस आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था।
तिहरे हत्याकांड में कोतवाली पुलिस पर गंभीर आरोप लगे थे। नृशंस हत्या के विरोध में हजारों कॉलेज युवकों ने एक गैर राजनीतिक संगठन बनाकर 25 मई 2008 को मेरठ बंद का ऐलान किया था। पूरे जिले में अभूतपूर्व बंद हुआ था। इसके बाद इंस्पेक्टर कोतवाली और सीओ कोतवाली को हटा दिया गया था। पूरी जांच तत्कालीन इंस्पेक्टर सदर बाजार थाने डीके बालियान ने की थी। उन्होंने इजलाल, उसके भाई अफजाल और परवेज समेत दस आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था।
कुल 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। इनमें इजलाल कुरैशी, परवेज, अफजाल, मेहराज, इसरार, कल्लू उर्फ कलुआ, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा, वसीम, रिजवान, शम्मी और माजिद के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी। साथ ही 37 गवाहों के नाम दिए गए थे। शीबा सिरोही पर इजलाल को भड़काने का आरोप था। इस पर शीबा ने कोर्ट से स्टे ले लिया था।