मेरठ : मेडिकल कॉलेज के गायनी विभाग की ओटी में AC की वजह से लगी आग, लाखों के उपकरण जलकर राख; 1 घंटे के बाद पाया आग पर काबू

भीषण गर्मी में शॉर्ट सर्किट के कारण सुबह साढ़े सात बजे मेडिकल कॉलेज के गायनी ऑपरेशन थियेटर में आग लग गई। गनीमत रही कि आग लगने के दौरान कोई हताहत नहीं हुआ।
 
लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के गायनी विभाग की ओटी में शुक्रवार सुबह साढ़े सात बजे अचानक आग लग गई। लाखों रुपये के उपकरण जलकर राख हो गए। मेडिकल स्टाफ में अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही कि आग के दौरान कोई हताहत नहीं हुआ। यह पूरी बिल्डिंग ऑपरेशन थिएटर के लिए ही निर्धारित की गई है। गायनिक ऑपरेशन थिएटर के ऊपर ई एंड टी ऑपरेशन थिएटर है और नीचे जनरल ऑपरेशन थिएटर बनाया गया है। READ ALSO:-दिल्ली-देहरादून हाईवे पर टोलकर्मियों की गुंडागर्दी, गंगा स्नान कर लौट रहे परिवार के साथ मारपीट, CCTV से की जा रही हमलावरों की पहचान

 

आग लगने के समय ओटी में कोई मरीज न होने से बड़ा हादसा टल गया। आग लगने का कारण एसी से निकली चिंगारी बताई जा रही है। करीब 20 मिनट बाद फायर ब्रिगेड आग बुझाने पहुंची। तब तक आग पास के ईएनटी ओटी तक फैल चुकी थी। आधे घंटे में आग पर काबू पा लिया गया। 

 

 

आग लगने पर इन बातों का ध्यान रखे 
डॉक्टरों के अनुसार, अगर दुर्घटना में कोई आग से जल जाता है तो जले हुए हिस्से पर तुरंत ठंडा पानी डालना चाहिए। लेकिन अगर शरीर के किसी हिस्से में करंट लग जाए तो पानी का इस्तेमाल जानलेवा हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति को करंट लग जाए या वह आग से जल जाए तो उसे तुरंत मेडिकल सुविधा मुहैया करानी चाहिए। 

 

वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ. अनुभव के अनुसार, त्वचा के मामूली बिजली के झटके का इलाज किसी भी अन्य मामूली जलन की तरह ही किया जाता है। उस स्थान पर ठंडा गीला कपड़ा रखें। किसी भी छाले को न फोड़ें। त्वचा को धीरे से साफ करने के बाद उस स्थान पर पट्टी बांध दें। अगर कोई आग में जल जाता है, तो शरीर के जले हुए हिस्से को ठंडे या गुनगुने बहते पानी से कुछ देर के लिए ठंडा करना चाहिए।

 

त्वचा के जले हुए हिस्से के पास मौजूद कोई भी कपड़ा या आभूषण हटा दें। उसके बाद किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें। डॉ. अनुभव ने बताया कि अगर किसी को बिजली का झटका लगता है, तो सबसे पहले करंट के स्रोत को बंद कर देना चाहिए।

 

उसके बाद यह देखना चाहिए कि जिस व्यक्ति को बिजली का झटका लगा है, उसके अंग सुरक्षित हैं या नहीं। उसकी हृदय गति की जांच करें। क्योंकि करंट शरीर से होकर गुजरता है, ऐसे में शरीर के अंगों के प्रभावित होने का खतरा अधिक होता है। बिजली का झटका लगने पर पानी बिल्कुल न डालें। उसके बाद किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें।

 

डॉक्टर के अनुसार, बिजली के झटके से मांसपेशियों को भी नुकसान पहुँच सकता है। अगर मांसपेशियों को बहुत ज़्यादा नुकसान पहुँचता है, तो अंग इतना सूज सकता है कि उसकी धमनियाँ सिकुड़ जाती हैं, जिससे अंग को रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है। अगर करंट आँखों के पास से गुज़रता है, तो इससे मोतियाबिंद हो सकता है। मोतियाबिंद चोट लगने के कुछ दिनों या सालों के भीतर विकसित हो सकता है।