मेरठ : बैडरूम में CCTV लगा, नाबालिग लड़कों से करता था कुकर्म, Video दिखा कर मांगता-पैसे; लाखों रुपए वसूले, आरोपी की तलाश जारी
उत्तर प्रदेश के मेरठ में नाबालिगों से कुकर्म का बड़ा मामला सामने आया है। अजीत नाम का आरोपी किशोरों से अप्राकृतिक यौन संबंध बनाता था। वीडियो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करता था। 6 पीड़ितों के परिजन सामने आए, शिकायत पर केस दर्ज हुआ। आरोपी अभी फरार है।
Updated: Aug 27, 2024, 14:13 IST
पुलिस ने मंगलवार को बताया कि उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक व्यक्ति ने कथित तौर पर एक गांव में कई बच्चों और युवा वयस्कों का यौन उत्पीड़न किया और बाद में पैसे के लिए उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए इस कृत्य का वीडियो बनाया। गांव में किराने की दुकान चलाने वाले 37 वर्षीय व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी में छह पीड़ितों के नाम हैं, जिनमें से चार नाबालिग हैं। Read also:-मेरठ : कई दिन से कर रहा था छेड़छाड़...जब सब्र का बांध टुटा तो चप्पलों से पीटा गया शिक्षक
स्थानीय लोगों ने बताया कि आरोपी उन नाबालिग बच्चों को निशाना बनाता था जो सामान खरीदने के लिए उसकी दुकान पर आते थे। उन्होंने बताया कि वह पीड़ितों को नशीले पदार्थ से युक्त पेय पदार्थ देता था, उनका यौन शोषण करता था और कृत्य का वीडियो बनाता था। इसके बाद वह वीडियो का इस्तेमाल बच्चों को ब्लैकमेल करने और वीडियो को सार्वजनिक करने की धमकी देकर उनसे पैसे ऐंठने के लिए करता था।
पीड़ितों में से एक ने मीडिया को बताया, "कि एक दिन मैं उसकी दुकान से कुछ खरीदने गया था। उसने मुझे एक कोल्ड ड्रिंक ऑफर की। इसे पीने के बाद मैं बेहोश हो गया। उसने मुझे एक वीडियो दिखाया जो उसने मेरा रिकॉर्ड किया था और मुझसे पैसे मांगे। मैंने कुछ दिनों बाद अपनी मां को इस बारे में बताया। पीड़ितों में से एक की माँ ने कहा, "मेरे बेटे ने खाना-पीना बंद कर दिया है। वह चुप हो गया है, वह किसी से बात नहीं करता।"
एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि उसका बेटा तब से दिल्ली के पास काम के लिए घर से निकला है, लेकिन वापस घर आने से इनकार कर दिया है। "वह हमसे फ़ोन पर भी बात नहीं कर रहा है।
"जब पुलिस आई, तभी हमें पता चला कि मेरे बेटे के साथ ऐसा हुआ है। मेरा बेटा बहुत शर्मिंदा महसूस कर रहा है। वह कहता है कि वह फिर कभी गाँव नहीं आएगा। उसने कुछ दिन पहले 3,000 रुपये माँगे थे। अब हमें पता चला है कि वह उस आदमी को पैसे देता था," एक पीड़ित की माँ ने कहा।
परिवारों का दावा है कि जब से यह घटना सामने आई है, तब से उन्होंने पड़ोसियों द्वारा शर्मिंदा किए जाने के डर से अपने घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया है।
कुछ पीड़ितों का यह भी दावा है कि आरोपी कई सालों से बच्चों का यौन शोषण कर रहा था, लेकिन गांव वालों को इस बारे में तब पता चला जब सोशल मीडिया पर एक पीड़ित के साथ वीडियो सामने आया।
"यह शख्स पिछले तीन-चार सालों से मेरे बेटे के साथ गलत काम कर रहा था। हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। वह मेरे बेटे को जान से मारने की धमकी देता था, उसके सिर पर बंदूक तानता था और पैसे मांगता था। जब हमें शक हुआ कि कुछ दिनों से घर से पैसे गायब हैं, तो हमने उससे पूछा लेकिन उसने कुछ नहीं बताया, वह चुप रहता था। वह शायद ही कभी स्कूल जाता था और कुछ भी नहीं खाता-पीता था। एक बार उसने अपनी जान लेने की कोशिश की," एक पीड़ित की मां ने कहा। गुस्साए माता-पिता आरोपी के लिए कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं, आरोपी 19 अगस्त को मामला दर्ज होने के बाद से लापता है।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
पुलिस के अनुसार, वीडियो वायरल होने के बाद मामला संज्ञान में आया जिसके बाद एक पीड़ित के परिजन की तहरीर पर 19 अगस्त को आईपीसी की धारा 377, 506 और पॉक्सो की धारा 3, 4 (2), 5M, 6 में एफआईआर दर्ज किया है।
पुलिस के अनुसार, वीडियो वायरल होने के बाद मामला संज्ञान में आया जिसके बाद एक पीड़ित के परिजन की तहरीर पर 19 अगस्त को आईपीसी की धारा 377, 506 और पॉक्सो की धारा 3, 4 (2), 5M, 6 में एफआईआर दर्ज किया है।
कौन है ये अजीत?
गांव पहुंचने पर पता चला कि अजीत (37) वहां पर किराने की दुकान चलाता है और यहां वह नाबालिगों को फोन पर उनके परिजनों से बात कराने के लिए बुलाता था और कभी-कभी दुकान पर सामान खरीदने आए बच्चों को अपना निशाना बनाता था। गांव वालों के मुताबिक वह शराब पीने का आदी था और किसी से ज्यादा मतलब नहीं रखता था। गांव में रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि अजीत के पिता की कुछ साल पहले मौत हो गई थी। उसके बाद वह अपनी मां, पत्नी, छोटी बेटी और भतीजे के साथ रहता था। उसके भाई भी हैं, उनका पता नहीं चल पाया है लेकिन मामला सामने आने के बाद से अजीत फरार है।
गांव पहुंचने पर पता चला कि अजीत (37) वहां पर किराने की दुकान चलाता है और यहां वह नाबालिगों को फोन पर उनके परिजनों से बात कराने के लिए बुलाता था और कभी-कभी दुकान पर सामान खरीदने आए बच्चों को अपना निशाना बनाता था। गांव वालों के मुताबिक वह शराब पीने का आदी था और किसी से ज्यादा मतलब नहीं रखता था। गांव में रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि अजीत के पिता की कुछ साल पहले मौत हो गई थी। उसके बाद वह अपनी मां, पत्नी, छोटी बेटी और भतीजे के साथ रहता था। उसके भाई भी हैं, उनका पता नहीं चल पाया है लेकिन मामला सामने आने के बाद से अजीत फरार है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कमलेश बहादुर ने कहा, "मामला सामने आने के तुरंत बाद एफआईआर दर्ज कर ली गई है। हमने बच्चों को काउंसलिंग भी दी है। उनका बयान भी दर्ज किया जाएगा। हम आरोपी को पकड़ने के लिए कई जगहों पर छापेमारी कर रहे हैं। उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।"
अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई
इस पूरे मामले पर मेरठ के एसपी ग्रामीण कमलेश बहादुर ने कहा, "मामला सामने आने के बाद तुरंत एफआईआर दर्ज कर ली गई है। हमने बच्चों की काउंसलिंग भी कराई है और अब उनका (पीड़ित और उसके परिवार का) बयान भी दर्ज किया जाएगा। खबर है कि उसने कोर्ट में सरेंडर के लिए अर्जी दी है लेकिन हम उसे पकड़ने के लिए लगातार दबिश दे रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इस पूरे मामले पर मेरठ के एसपी ग्रामीण कमलेश बहादुर ने कहा, "मामला सामने आने के बाद तुरंत एफआईआर दर्ज कर ली गई है। हमने बच्चों की काउंसलिंग भी कराई है और अब उनका (पीड़ित और उसके परिवार का) बयान भी दर्ज किया जाएगा। खबर है कि उसने कोर्ट में सरेंडर के लिए अर्जी दी है लेकिन हम उसे पकड़ने के लिए लगातार दबिश दे रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन हुआ सक्रिय
इधर, मामला सामने आने के बाद कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन सक्रिय हुआ और पीड़ितों के हक में आवाज उठाई। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक राकेश सेंगर ने कहा कि आरोपियों को सजा दिलाने के लिए वह पूरी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। कुल मिलाकर घटना के बाद पीड़ित परिवार में डर का माहौल है। पीड़ित परिवार आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहा है। लेकिन एफआईआर दर्ज होने के 8 दिन बाद भी पुलिस को अब तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आरोपियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की बात करने वाली पुलिस अजीत को कब गिरफ्तार करेगी।
इधर, मामला सामने आने के बाद कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन सक्रिय हुआ और पीड़ितों के हक में आवाज उठाई। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक राकेश सेंगर ने कहा कि आरोपियों को सजा दिलाने के लिए वह पूरी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। कुल मिलाकर घटना के बाद पीड़ित परिवार में डर का माहौल है। पीड़ित परिवार आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहा है। लेकिन एफआईआर दर्ज होने के 8 दिन बाद भी पुलिस को अब तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आरोपियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की बात करने वाली पुलिस अजीत को कब गिरफ्तार करेगी।