मेरठ : ईयरफोन लगाकर रेलवे लाइन पार कर रही युवती आई ट्रेन की चपेट में, 10 दिसंबर को होनी थी शादी, लहंगा खरीदकर लौट रही थी घर

 मेरठ में एक युवती की शादी से 18 दिन पहले ट्रेन से कटकर मौत हो गई। वह शादी का लहंगा खरीदने दिल्ली गई थी। बुधवार शाम को शॉपिंग करने के बाद वह ट्रेन से मेरठ कैंट स्टेशन पहुंची।
 
मेरठ। बुधवार देर शाम ट्रेन की चपेट में आकर युवती की मौत हो गई। युवती कानों में ईयरफोन लगाकर मेरठ कैंट रेलवे स्टेशन के पास रेलवे लाइन पार कर रही थी। इसी दौरान वह जनशताब्दी एक्सप्रेस की चपेट में आ गई। युवती की अगले माह 10 दिसंबर को शादी होनी थी। वह लहंगा खरीदने दिल्ली गई थी। हादसे के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। READ ALSO:-Video : 'धुआं निकला और फिर फोन में लगी आग', विमान की सीट में आग लगने से 108 यात्रियों में मची अफरा-तफरी

 

पल्लवपुरम क्षेत्र के कृष्णानगर निवासी राजपाल सिंह मजदूरी करते हैं। उनके 4 बेटे अमित, चेतन, हिमांशु और आयुष के अलावा उनकी एक बेटी पारुल (27) भी थी। बेटी ने हाल ही में बीएड की थी। पिता ने बेटी की शादी तय कर दी थी। लड़का विदेश में नौकरी करता है। पारुल की अगले माह 10 दिसंबर को शादी होनी थी। परिवार शादी की तैयारियों में जुटा था। 

 

अमित ने बताया कि पारुल शादी की खरीदारी करने बुधवार सुबह ट्रेन से दिल्ली गई थी। खरीदारी के बाद बहन ने परिजनों को फोन भी किया था। उसने बताया कि उसने अपनी पसंद का लहंगा और अन्य कपड़े खरीदे हैं। वह मेरठ लौट रही है। इसके बाद देर शाम वह दिल्ली से मेरठ कैंट रेलवे स्टेशन पहुंची। 

 

प्लेटफार्म नंबर तीन पर ट्रेन से उतरने के बाद वह घर जाने के लिए रेलवे लाइन पार कर रही थी। उसके कानों में ईयरफोन (ईयरबड) लगे थे। वह फोन पर किसी से बात भी कर रही थी। इसी बीच जनशताब्दी ट्रेन आ गई। वह ट्रेन का हॉर्न नहीं सुन सकी। इससे ट्रेन की चपेट में आकर उसकी मौके पर ही मौत हो गई। 

 

घटना की सूचना पाकर जीआरपी मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया। कंकरखेड़ा थाना और सदर बाजार थाना पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की। इसके बाद परिजनों को घटना की जानकारी दी गई। परिजन मौके पर पहुंचे। 

 

स्टेशन अधीक्षक आरपी सिंह ने बताया कि युवती ने ईयरबड लगा रखा था। वह ट्रेन आने की आवाज नहीं सुन सकी। पिता राजपाल ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी को सुबह पैसे देकर दिल्ली भेज दिया था। अगर उन्हें हादसे का अंदेशा होता तो भाई को जरूर साथ भेजते। परिवार शादी की तैयारियों में व्यस्त था। हादसे ने उसकी खुशियां छीन लीं।