मेरठ : नाथ संप्रदाय के साधु को संदिग्ध मानकर पकड़ा, बच्चा चोरी का आरोप लगाया, पब्लिक तीनों को लेकर गई पुलिस थाने

पुलिस ने साधुओं के आधार कार्ड की जांच की। पूछताछ के आधार पर जब जांच की गई तो सभी आरोप झूठे निकले। तीनों साधु हरियाणा राज्य के यमुनानगर के रहने वाले निकले। उसके बाद पुलिस ने उन साधुओं को छोड़ दिया है।
 
मेरठ में लोगों ने नाथ संप्रदाय के तीन साधुओं को फर्जी और संदिग्ध बताकर पकड़ लिया। इतना ही नहीं लोगों ने साधुओं को डंडे दिखाकर डराया-धमकाया। इसके बाद लोग तीनों साधुओं को लेकर पुलिस के पास पहुंचे। पुलिस ने साधुओं की आईडी चेक की। पूछताछ के आधार पर जांच की गई तो सारे आरोप झूठे निकले। तीनों साधु हरियाणा राज्य के यमुनानगर के रहने वाले निकले। इसके बाद पुलिस ने तीनों साधुओं को छोड़ दिया। READ ALSO:-बिजनौर : 3 साल के मासूम बच्चे की हत्या, जिंदा तालाब में फेंका, पड़ोसी महिला ने किया अपहरण, मृतक बच्चे का परिवार गमगीन

 

थाना लिसाड़ी गेट क्षेत्र के प्रहलाद नगर में लोगों ने तीन साधुओं को पकड़ लिया। उन पर फर्जी साधु बनकर हिंदू समाज को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए उन्हें घेर लिया और उनकी पिटाई भी की, जिसके बाद उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। लोगों ने बताया- एक साधु ने अपना नाम सोहन बताया। तलाशी लेने पर उसके पास से आधार कार्ड की कॉपी मिली। उसमें उसका नाम शमीम लिखा हुआ था। 

 

स्थानीय लोगों और पार्षद ने पकड़वाया 
दूसरे की तलाशी में आधार कार्ड पर नाम गौरव दिखा लेकिन आधार कार्ड पर फोटो 15 साल के बच्चे की थी। पूछताछ में तीनों साधु यमुनानगर के रहने वाले बता रहे थे। लोगों ने तीनों साधुओं पर बच्चा चोरी का भी आरोप लगाया। इंस्पेक्टर लिसाड़ी गेट जितेंद्र सिंह का कहना है, तीनों साधुओं को स्थानीय लोग और स्थानीय पार्षद अभिनव अरोड़ा पकड़कर लाए थे। लोगों का कहना था कि साधु फर्जी हैं। लेकिन जांच में तीनों साधु नाथ संप्रदाय के निकले। 

 

तीनों के नाम गौरव, गोपी और सुनील हैं। तीनों साधु हरियाणा के यमुनानगर के दरवामाजरी गांव थाना सदर के रहने वाले हैं। ग्राम प्रधान और स्थानीय पुलिस ने भी उनकी पहचान की पुष्टि की है। तीनों साधु घूम-घूमकर अपना गुजारा करते हैं। तीनों में से किसी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।