मेरठ : फर्जी हवालात में यातनाएं देने वाले वसूलीबाज दारोगा समेत 3 पुलिसकर्मी निलंबित, SSP डॉ विपिन ताडा ने की कार्रवाई
मेरठ के लिसाड़ी गेट में सोने की तस्करी के मामले में एक व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में लेकर आठ लाख रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में दरोगा और दो सिपाहियों पर गाज गिरी है। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह की जांच के बाद पीड़ित की तहरीर पर तीनों के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
Nov 20, 2024, 14:55 IST
मेरठ में लाखों रुपये की रंगदारी मांगने और दो युवकों को अवैध हिरासत में रखने के मामले में एक दरोगा समेत तीन पुलिसकर्मी फंस गए हैं। तीनों को एसएसपी ने निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है। एसएसपी मेरठ डॉ. विपिन ताडा की इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। यह मामला दुबई से सोना तस्करी से जुड़ा है। यहीं से दरोगा ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर वसूली की योजना बनाई थी। READ ALSO:-बांके बिहारी में दर्शन करते श्रद्धालु की मौत, प्रभु के हाथ जोड़े, दर्शन किया, नीचे गिरे और निकल गए मंदिर की चौखट पर प्राण-Video
मामला मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र का है। जहां अहमद नगर इलाके में रहने वाला सलमान दुबई से सोना तस्करी करता था। उसने अहमद नगर में रहने वाले समीर को एयरपोर्ट पर सोने की डिलीवरी लेने के लिए भेजा था। समीर 20 लाख का सोना लेकर फरार हो गया। इसके बाद सलमान ने समीर के परिजनों पर अपना सोना वापस लेने का दबाव बनाया। जिसके बाद पंचायत हुई थी।
पंचायत में तय हुआ कि समीर का भाई शाहिद नौ लाख रुपये देगा। जिसके बाद उसने सलमान को तीन लाख रुपये दिए और छह लाख किश्तों में देने की बात तय हुई। यह बात लिसाड़ी गेट थाने के इंस्पेक्टर महेंद्र, हेड कांस्टेबल विकास और कांस्टेबल ओमवीर को पता चली और फिर यहीं से शुरू हुआ रंगदारी का खेल।
ऐसे शुरू हुआ था वसूली का खेल
मामला लाखों रुपये से जुड़ा था और दुबई से तस्करी का भी था। जिसके बाद लिसाड़ी गेट थाने में तैनात इंस्पेक्टर महेंद्र, हेड कांस्टेबल विकास और कांस्टेबल ओमवीर ने रंगदारी की योजना बनाई। पुलिस ने सबसे पहले समीर के भाई शाहिद को प्रताड़ित करना शुरू किया। इसके बाद उससे दो लाख रुपये की वसूली कर उसे छोड़ दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने सोना तस्कर सलमान को उसके घर से उठा लिया और उसे भी टॉर्चर रूम में रखा गया।
मामला लाखों रुपये से जुड़ा था और दुबई से तस्करी का भी था। जिसके बाद लिसाड़ी गेट थाने में तैनात इंस्पेक्टर महेंद्र, हेड कांस्टेबल विकास और कांस्टेबल ओमवीर ने रंगदारी की योजना बनाई। पुलिस ने सबसे पहले समीर के भाई शाहिद को प्रताड़ित करना शुरू किया। इसके बाद उससे दो लाख रुपये की वसूली कर उसे छोड़ दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने सोना तस्कर सलमान को उसके घर से उठा लिया और उसे भी टॉर्चर रूम में रखा गया।
यहां पुलिस ने सलमान को टॉर्चर किया और खूब पीटा। इसके बाद पुलिस ने सलमान की शाहिद से बात कराई और कहा कि अब वह उससे छह लाख रुपये नहीं लेगा। आरोप है कि पुलिस ने सलमान से लाखों रुपये हड़प भी लिए। जिसके बाद सलमान ने पुलिस अधिकारियों से इस अवैध हिरासत, वसूली और थर्ड डिग्री की शिकायत की।
जांच में टॉर्चर रूम का खुलासा
जांच के दौरान पता चला कि थाने की ऊपरी मंजिल पर वसूली का खेल चल रहा था, जहां पर अवैध रूप से लोगों को हिरासत में लेकर वसूली करते थे, जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया जाता था। यहां पर पुलिस का एक बाहरी व्यक्ति भी रहता था, जो पुलिस का मुखबिर बताया जा रहा है। जो पुलिस को इस बारे में सूचना देता था। इस बात की भी जांच की जा रही है कि पुलिस ने ऐसे कितने लोगों से वसूली की।
जांच के दौरान पता चला कि थाने की ऊपरी मंजिल पर वसूली का खेल चल रहा था, जहां पर अवैध रूप से लोगों को हिरासत में लेकर वसूली करते थे, जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया जाता था। यहां पर पुलिस का एक बाहरी व्यक्ति भी रहता था, जो पुलिस का मुखबिर बताया जा रहा है। जो पुलिस को इस बारे में सूचना देता था। इस बात की भी जांच की जा रही है कि पुलिस ने ऐसे कितने लोगों से वसूली की।
इस मामले में मेरठ के एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने एसपी सिटी मेरठ आयुष विक्रम सिंह को जांच अधिकारी बनाया और जांच में तस्वीर साफ हो गई। इसके बाद एसएसपी मेरठ डॉ. विपिन ताडा ने लिसाड़ी गेट थाने के इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह, हेड कांस्टेबल विकास और कांस्टेबल ओमवीर को सस्पेंड कर दिया और इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।