मेरठ : 3 जालसाज गिरफ्तार, गेमिंग ऐप के जरिए लोगों से करते थे ठगी, पैसे दोगुना करने का देते थे लालच
मेरठ पुलिस ने अंतराष्ट्रीय ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को अरेस्ट किया है। ये तीनों अन्ना रेड्डी गेमिंग एप के जरिए लोगों से ठगी करते थे। इनके पास से पुलिस को 95 एटीएम कार्ड, 14 सिम कार्ड, पांच पासबुक, पुलिस ने इनके पास से 95 एटीएम कार्ड, 14 सिम कार्ड, पांच पासबुक, नौ चेक बुक, चार मोबाइल बरामद किए हैं।
Nov 12, 2024, 07:00 IST
मेरठ पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये तीनों अन्ना रेड्डी गेमिंग ऐप के जरिए लोगों से ठगी करते थे। पुलिस ने इनके पास से 95 एटीएम कार्ड, 14 सिम कार्ड, पांच पासबुक, नौ चेक बुक, चार मोबाइल बरामद किए हैं। READ ALSO:-मेरठ : जाम लगा तो होगी कार्रवाई! देवउठनी एकादशी के लिए ट्रैफिक पुलिस ने बनाई खास रणनीति, 50 संचालकों को नोटिस जारी
मेरठ एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों के नाम आसिफ, जमीर और तालिब हैं। ये तीनों त्योहारों पर पैसा दोगुना करने का लालच देकर लोगों से ठगी करते थे। तीनों जालसाज मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति से साइबर ठगी की शिकायत मिली थी, जिसके बाद उनकी तलाश की जा रही थी। कुछ दिन पहले लोहियानगर मेरठ निवासी सोहेल खान ने साइबर पोर्टल 1930 पर साइबर ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी।
एसपी सिटी के मुताबिक सोहेल ने बताया कि दिवाली ऑफर के नाम पर उन्हें एक अनाधिकृत कंपनी का लिंक भेजा गया था। उसी मोबाइल नंबर से कहा गया था कि इस लिंक के जरिए लोगों को पैसा लगाने और कम निवेश में मोटा मुनाफा दिलाने का लालच दिया जाता था। लालच में आकर सोहेल ने लिंक के जरिए कई अलग-अलग बैंक खातों में करीब एक लाख रुपये निवेश कर दिए। निवेश के बाद जब उसे कोई लाभ नहीं मिला तो उसे शक हुआ कि उसके साथ साइबर ठगी हुई है।
उन्होंने बताया कि सोहेल की शिकायत के बाद साइबर टीम पूरे मामले की जांच में जुटी थी। पुलिस ने जब उन खातों की जांच की जिनमें पैसे ट्रांसफर हुए थे तो हर खाता दो से तीन खातों से जुड़ा मिला। ये खाते मुजफ्फरनगर के तबली गांव के समीर के नाम से चल रहे थे। पुलिस सबसे पहले समीर तक पहुंची, जिसके बाद साइबर ठगी के मुख्य आरोपी आसिफ उर्फ सिप्पा को गिरफ्तार कर लिया गया।
एसपी सिटी के मुताबिक पूछताछ में आसिफ ने बताया कि वह 2012 से 2023 तक कुवैत में रहा है। उसका भाई मेहताब कुवैत में रेस्टोरेंट चलाता है। 2016 में उसकी मुलाकात कुवैत में टेक्नीशियन चार्ली उर्फ सद्दाम से हुई, दोनों में दोस्ती हो गई। करीब 6 महीने पहले दोनों की दिल्ली के चांदनी चौक पर फिर मुलाकात हुई, तब चार्ली ने उसे मुंबई में रहने वाले आहिल के बारे में बताया। दोनों ने आहिल से फोन पर बात की और मिलकर अवैध तरीके से ऑनलाइन एप बनाने की योजना बनाई। इस एप के जरिए लोगों से पैसा निवेश कराने और उन्हें झांसे में लेकर ठगी करने का प्लान बनाया।
एसपी सिटी के मुताबिक पूछताछ में आसिफ ने बताया कि डील के मुताबिक आहिल ने मुंबई में बैठकर अवैध गेमिंग एप अन्ना रेडी बनवाया और साइबर ठगी का अवैध धंधा शुरू कर दिया। आसिफ और समीर ने अपने परिचितों से आसिफ के बनाए एप पर पैसा निवेश कराना शुरू कर दिया। ये लोग फर्जी बैंक खाते खोलकर उसमें निवेश की रकम ट्रांसफर कर देते थे। पहले छोटी रकम निवेश कराकर मुनाफे के नाम पर लोगों को कुछ पैसे भेजते थे, फिर मुनाफा दिलाने के बाद उनसे बड़ी रकम निवेश कराकर ठगी करते थे।
पुलिस पूछताछ में आसिफ ने बताया कि एप चलाने के लिए उसने 40 बैंक खाते किराए पर लिए, उनके एटीएम कार्ड बनवाए। सभी बैंक खातों से जुड़े लोगों के नाम से फर्जी दस्तावेज बनाकर मोबाइल सिम जारी करवाए। ये सिम चार्ली उर्फ सद्दाम को दिए गए थे।
एसपी सिटी के मुताबिक पूछताछ में आसिफ ने बताया कि लोगों को उसके द्वारा तैयार किए गए अवैध एप के लिंक भेजे जाते हैं, फिर उनसे बात करके उन्हें ज्यादा पैसे का वादा कर अपनी ओर आकर्षित किया जाता है और एप का सदस्य बना लिया जाता है। सभी सदस्यों द्वारा अलग-अलग खातों में पैसा निवेश किया जाता है। जैसे ही निवेशक लिंक पर क्लिक करता है, उसके खाते से पैसे कट जाते हैं। निवेश की गई रकम को धोखाधड़ी कर दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता है, ज्यादा पैसे आने पर मूल खाता बंद कर दिया जाता है। सदस्य भारत के अलग-अलग स्थानों के साथ ही दुबई व अन्य देशों से साइबर ठगी कर रहे थे।
एसपी सिटी ने बताया कि यह गिरोह रोजाना 15 लाख रुपये की ठगी करता है। ठगी की रकम आसिफ अपने गिरोह के वरिष्ठ सदस्य चार्ली उर्फ सद्दाम को देता है। अब तक यह गिरोह सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है। फर्जी बैंक खाते खोलकर निवेश के नाम पर मोटी रकम ठग रहे हैं।